फ्रंट हमारा है, वाहन दूसरे हॉस्पिटल वालों के हैं
केवल नाम की है पार्किंग, सड़क पर वाहन खड़े करते हैं मरीज
सुबह-शाम सड़कों पर लग जाता है जाम, परेशान होते हैं राहगीर शहर के तमाम बड़े हॉस्पिटल्स के पास इलाज की सभी सुविधाएं मौजूद हैं लेकिन पार्किंग के नाम पर वह बगले झांकने लगते हैं। पूछने पर बताते हैं कि फ्रंट तो हमारा है लेकिन सड़क पर खड़े वाहन दूसरे हॉस्पिटल वालों के हैं। इसमें हम क्या करें। पार्किंग भी बताते हैं तो कई सौ मीटर दूर। ऐसे में मरीज खुद को दिखाएगा कि इतनी दूर वाहन पार्क करने जाएगा। नतीजा सामने हैं। इन हॉस्पिटल के सामने सुबह शाम वाहनों की लंबी लाइन लग जाती है और इससे नियम तो टूटते हैं साथ ही राहगीरों को जाम का सामना करना पड़ता है। हमारी नहीं कमला नेहरू के मरीजों के वाहन हैंदैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने अपने अभियान के तहत कमला नेहरू मेमोरियल हॉस्पिटल वाली रोड का जायजा लिया। यहां पर आशुतोष हॉस्पिटल के सामने टू व्हीलर की पार्किंग तो नजर आई लेकिन फोर व्हीलर खड़ी करने की कोई सुविधा नही थी। रिपोर्टर ने हॉस्पिटल के भीतर जाकर पड़ताल किया तो ग्राउंड फ्लोर पर कैश काउंटर, ओटी, सैंपल कलेक्शन और ओपीडी चैंबर बने हुए थे। पूछने पर यहां के मैनेजर डीएस पटेल ने बताया कि हॉस्पिटल के सामने खड़े फोर व्हीलर कमला नेहरू हॉस्पिटल के मरीजों के हैं। वह लोग हमारे अस्पताल के सामने खड़ा कर देते हैं। इसमें हमारी कोई गलती नही है।
बड़ी मुश्किल से मिली पार्किंग जब रिपोर्टर ने मैनेजर से पार्किंग के बारे में पूछा तो उसने बताया कि टू व्हीलर तो फ्रंट में खड़े हो जाते हैं और फोर व्हीलर के लिए बैक साइड वाली रोड पर कर्नलगंज इंटर कॉलेज के बगल जाना होगा। रिपोर्टर ने जब स्पॉट पर पहुंचकर सर्च करना शुरू किया तो पांच मिनट बाद किसी ने सही पता बताया। हॉस्पिटल के ठीक पीछे एक मैदान को पार्किंग बनाया गया है लेकिन यहां कोई बताने वाला नहीं है। यह मैदान भी पूरी तरह से खाली नजर आया। यहां पर लगा बैनर भी फटा हुआ था। गार्ड भी नहीं बता पाया पार्किंग का पताइसके बाद रिपोर्टर ने अल्लापुर बाघम्बरी रोड का रुख किया। यहां पर साकेत हॉस्पिटल के बाहर का नजारा भी सोचनीय था। हॉस्पिटल के बगल की गली को टू व्हीलर की तरह यूज किया गया था। दोनों ओर वाहन लगे थे और इसकी वजह से गली अधिक संकरी हो गई जिससे यहां से फोर व्हीलर को निकलने में परेशानी हो रही थी। इसके बाद रिपोर्टर ने गार्ड से फोर व्हीलर की पार्किग का पता पूछा तो उसने बताया कि बैक साइड में है। रिपोर्टर ने साकेत हॉस्पिटल के बैक का जायजा लिया तो यहां पर ग्राउंड फ्लोर पर ही खाली जगह पर पांच फोर व्हीलर खड़ी थीं। गार्ड से रिपोर्टर ने पूछा कि हमारे पास भी फोर व्हीलर है कहां लगाए तो उसने कोई जवाब नही दिया। इस पर रिपोर्टर ने कहा कि हम दूसरे अस्पताल जा रहे हैं यहां गाड़ी खड़ी करने की जगह नही है। जब इस बारे में हॉस्पिटल के संचालक डा। एसडी वर्मा ने बताया कि बैक साइड में ही थोडृी दूर पर पार्किंग मौजूद है। उन्होंने यह भी बताया कि ओपीडी के समय भीड़ बढ़ जाती है तब वाहनों को सड़क पर खड़ा करना पड़ता है। उन्होंने यह भी माना कि हमारे पास पार्किंग की क्राइसिस है।
फुटपाथ से लेकर रोड तक गाडि़यांइसी तरह सीवाई चिंतामणि रोड स्थित आदिश्री आर्थोपेडिक क्लीनिक के बाहर भी बड़ी संख्या में फोर व्हीलर नजर आए। यहां पर टू व्हीलर भी लगाने की जगह नहीं थी। पूछने पर स्टाफ ने बताया कि क्लीनिक के संचालक डॉ। एके वर्मा साहब मीटिंग में व्यस्त हैं, उनसे फोन से बात कर लीजिएगा। उनका स्टाफ पार्किंग के बारे में भी नहीं बता सका। क्लीनिक के बाहर वाहन खड़ा करने की प्रॉपर व्यवस्था नहीं थी।
प्रतिष्ठानों का कर्तव्य है कि वह पार्किंग के बारे में लोगों को सुव्यवस्थित तरीके से सूचना दें। इसके लिए बोर्ड या साइनेज बनवाएं। जिससे पार्किंग का उचित उपयोग किया जा सके। सड़कों पर बेतरतीबी से वाहन खड़े होने पर प्रशासन कार्रवाई को बाध्य होगा। संजय गोयल, कमिश्नर प्रयागराज मंडल