न जाने मौके पर कितने लोग मौजूद थे. कितनों ने तो वीडियो तक बनाया लेकिन किसी ने आगे बढ़कर एक लाचार और मजबूर बाप की मदद नहीं की. मामला एसआरएन अस्पताल का है जहां भर्ती 14 साल के बच्चे की मौत के बाद उसकी लाश काफी देर तक पोस्टमार्टम हाउस में पड़ी रही. जब उसके पिता को एंबुलेंस नहीं मिली तो अपने बेटे की लाश कंधे पर लेकर निकल पड़ा. करीब 15 किमी चलने के बाद किसी ने उसकी मदद की और एंबुलेंस मुहैया कराई. पिता का कहना है कि वह लोगों से मदद से मांगता रहा लेकिन किसी ने उसकी नही सुनी.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। जानकारी के मुताबिक करछना तहसील के सेमरा डीह गांव के रहने वाले शुभम को एक जुलाई को गांव में करंट लग गया था। आनन फानन में पिता बजरंगी ने उसे एसआरएन अस्पताल पहुंचाया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। उसके बाद मंगलवार को बच्चे का पोस्टमार्टम किया और इसके बाद लाश पिता को पकड़ा दी गई। बजरंगी का कहना है कि इलाज में पैसे खर्च हो गए थे और उसके पास एंबुलेंस का किराया नही था। ऐसे में उसने कई लोगों से मदद मांगी लेकिन किसी ने उसे एंबुलेंस मुहैया नही कराई। ऐसे में बरसते पानी में अपने बेटे की लाश कंधे पर रखकर करछना की ओर चल पड़ा। जो अस्पताल से 24 किमी दूर है। रास्ते में कई लोगों ने उसका वीडियो बनाया लेकिन किसी ने मदद नही की। 15 किमी चलने के बाद कुछ लोगों ने संवेदना दिखाकर एंबुलेंस से बेटे की लाश गांव में पहुंचाया है।वीडियो वायरल हुआ तो हरकत में आया प्रशासन
जब इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो कमिश्नर ने डीएम संजय कुमार खत्री को जांच के आदेश दिए। इस पर डीएम ने तत्काल सीएमओ डॉ। नानक सरन और मेजा एसडीएम को जांच अधिकारी बनाकर रिपोर्ट मांगी है। जानकारी के मुताबिक बजरंगी ने कुछ एंबुलेंस वालों से खुद बात की, तो सभी किराया मांगने लगे। मौके पर मौजूद डॉक्टर और पुलिस कर्मियों से भी उसने मदद मांगी लेकिन सुनवाई नही हुई। बता दें कि सरकार की ओर से 108 और 102 निशुल्क एंबुलेंस सेवा का संचालन किया जा रहा है। जिनका काम मरीज को जरूरत पडऩे पर गंतव्य तक पहुंचाना है। ऐसे में बजरंगी की कैसे मदद नही हो सकी, यह वाकई जांच का विषय है?

मैंने मामले की जांच कर ली है और गुरुवार को रिपोर्ट डीएम को सौंप दी जाएगी। यह सामने आया है कि पोस्टमार्टम के बाद बॉडी उसके पिता बजरंगी को सौंप दी गई थी। जिस पुलिसकर्मी ने रिसीविंग ली है उसकी ड्यूटी थी कि मौके पर एबुंलेंस की व्यवस्था कराता। लेकिन, ऐसा नही हुआ। जब मदद नही मिली तो वह अपने बेटे को कंधे पर रखकर घर की ओर चल पड़ा।डॉ। नानक सरन सीएमओ प्रयागराज

Posted By: Inextlive