प्रवर्तन निदेशालय की टीम फिर हुई एक्टिव, बुधवार के बाद गुरुवार को भी छापेमारी.
प्रयागराज (ब्यूरो)।अतीक का नाम और पैसा लगाकर फलने-फूलने वालों के लिए संकट के बादल अब भी छंटे नहीं हैं। अतीक-अशरफ की हत्या से ठीक पहले हुई ईडी की जांच और कार्रवाई के बाद माना जा रहा था कि ईडी का रुख दोनों की हत्या के बाद थोड़ा नरम होगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मनी लांड्रिंग केस की जांच करने बुधवार को फिर से माफिया अतीक के दो करीबी बिल्डरों के घर और दफ्तरों तक पहुंच गयी। सूत्र बताते हैं कि इनके यहां से लाखों रुपये, रियल एस्टेट कंपनी और जमीन से जुड़े अहम दस्तावेज बरामद किए हैं। कई ऐसे भी कागजात मिले हैं, जिसके आधार पर अतीक, अशरफ से बिल्डरों का कनेक्शन भी सामने आया है।
सुबह बिना बताये पहुंची टीम
ईडी की कार्रवाई बुधवार की सुबह से ही चल रही है। टीम के सदस्य बुधवार की सुबह पुष्पांजलि अपार्टमेंट में स्थित बिल्डर के ऑफिस में पहुंचे तो किसी को भनक भी नहीं लगी। पता चला कि बिल्डर कहीं टूर पर निकले हैं। ऑफिस स्टॉफ को कवर करके ईडी टीम के सदस्यों ने तलाशी और छापेमारी अभियान चलाया। सूत्र बताते हैं कि टीम एक साथ कई ठिकानों पर पहुंची थी। टारगेट बिल्डर्स का काम देखने वाले सीए भी थे। यह कार्रवाई इतने गुपचुप तरीके से हुई कि किसी को हवा भी नहीं लगी। रात में भनक लगने पर मीडिया सक्रिय हुई तो कोई कार्रवाई की पुष्टि करने वाला ही नहीं मिला। देर रात तक पूछताछ के बाद ईडी को महत्वपूर्ण जानकारी मिलने के संकेत हैं। कहा जा रहा है कि इन सभी सम्मन जारी कर बयान के लिए बुलाया जाएगा। ईडी की प्रयागराज और लखनऊ टीम ने बिल्डर के अलावा तीन चार्टेड एकाउंटेंट (सीए) के आवास, दफ्तर में छापेमारी की है। हालांकि अभी ईडी ने आधिकारिक तौर पर उनके नाम नहीं बताए हैं।
तीन साल पहले से चल रहा मामला
ईडी ने तीन साल पहले अतीक के खिलाफ मनी लांड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया था। जांच और कार्रवाई का दायरा बढ़ाते हुए ईडी ने अतीक-अशरफ हत्याकांड से ठीक तीन दिन पहले 12 अप्रैल की रात बिल्डर व विनायक सिटी माल के मालिक संजीव अग्रवाल, चायल के पूर्व विधायक आसिफ जाफरी, अमितदीप मोटर्स के मालिक दीपक भार्गव, अतीक के एकाउंटेंट सीताराम शुक्ला, फाइनेंसर खालिद जफर, सजायाफ्ता वकील खान सौलत हनीफ समेत 15 लोगों के घर और प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान एक करोड़ रुपये से अधिक नकद, पैसा गिनने की मशीन, करोड़ों के जेवरात, सेल डीड, बेनामी संपत्ति से जुड़े पेपर सहित कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए थे। प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से खुद इसकी पुष्टि की गयी थी।
मामले में मनी ट्रेल स्थापित किया तो शहर के दो और बिल्डरों, उनके सीए का कनेक्शन सामने आया। इसी आधार पर बुधवार रात टीम ने सिविल लाइंस और लूकरगंज में रहने वाले दो बिल्डरों के ठिकानों पर छापेमारी की। दिन के अलावा रात में टीमें छानबीन, दस्तावेजों का संकलन करने और पूछताछ में जुटी रही। इसी दौरान सिविल लाइंस निवासी बिल्डर के घर से लाखों रुपये मिले। लूकरगंज वाले बिल्डर के आवास से भी नकदी व प्रापर्टी के कागजात सहित अन्य वस्तु मिलने की बात कही गई है। गुरुवार को दोनों बिल्डर व एक कारोबारी के सीए के घर पर घंटों कार्रवाई चली।
सीए दीपक के घर पर भी छानबीन
अमितदीप मोटर्स के मालिक दीपक भार्गव के सीए के घर पर भी ईडी ने सर्च आपरेशन चलाया है। सूत्रों का कहना है कि सीए से दीपक की कंपनियों और कारोबार के बारे में पूछताछ करते हुए अभिलेखों की जांच की गई है। उनके यहां से भी जरूरी दस्तावेजों को कब्जे में लिया गया है, जिसके आधार पर आगे शिकंजा कसा जाएगा। 12 अप्रैल को दीपक भार्गव के नेक्सा शोरूम, अमितदीप मोटर्स और आवास पर ईडी ने छापेमारी की थी। अब गुरुवार को उनके सीए के घर पर छापेमारी की गई।
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दिल्ली भी पहुंच चुकी है एक टीम
बताया जा रहा है कि दिल्ली में रहने वाले अतीक के कुछ करीबियों पर कार्रवाई के लिए ईडी प्रयागराज की एक टीम वहां गई है। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में रहने वाले शख्स काफी प्रभावशाली हैं। उनके ठिकानों पर छापेमारी के साथ ही अभिलेखों की जांच कर रही है। दिल्ली के अलावा अलग-अलग शहर के भी कई बड़े कारोबारी केंद्रीय जांच एजेंसी के रडार पर हैं। उन पर भी जल्द ही शिकंजा कसने की बात कही जा रही है।
अतीक ने पैसे और जमीन दोनों से की मदद
पिछले तीन दशक के दौरान शहर में व्यापक परिवर्तन हुआ है। नई और बड़ी इमारतें खड़ी हो गयीं। माल और अपार्टमेंट के एक के बाद एक करके कई प्रोजेक्ट आ गये। फ्रंट पर बिल्डर और उनकी कंपनियों का नाम होता था। जबकि चर्चाओं की मानें तो पूरा का पूरा इंवेस्टमेंट अतीक का होता था। अतीक का पूरा साम्राज्य जमीनो के सौदे से खड़ा हुआ और इसी के दम पर वह शहर में बड़ा नाम बन गया। उनके गुर्गे औने-पौने दाम में जमीन खरीदने की पृष्ठभूमि तैयार करते थे तो अतीक खुद भी कई बार सामने आ जाता था जिससे कोई जुबान खोलने की भी हिम्मत नहीं जुटा पाता था। इस फलते फूलते एम्पायर को लेकर सवाल कई बार उठाये गये लेकिन देवरिया जेल कांड के बाद अतीक के खिलाफ लांड्रिंग का मुकदमा दर्ज हुआ तो उम्मीद बंधी कि सफेदपोश का कई सच सामने आयेगा। ईडी के छापे और कार्रवाई में सामने आने वाले फैक्ट इसकी पुष्टि भी करते हैं।