संगम जाने वाले रास्तों पर कोरोना प्रोटोकाल फालो कराने की नहीं दिखी व्यवस्था

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PRAYAGRAJ: मौनी अमावस्या पर प्रशासन की ओर से कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जारी गाइडलाइन का पालन कराने के लिए कोई व्यवस्था नहीं दिखी। मौनी अमावस्या पर आस्था की भीड़ चारों तरफ से संगम की ओर जाती दिखाई दी, लेकिन हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से कहीं भी लोगों की जांच के लिए या प्रोटोकाल फालो कराने के लिए कोई मशक्कत नहीं की गई। मास्क व सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियां उड़ गयीं। पब्लिक का जोश और उत्साह देखकर अफसर भी क्राउड मैनेजमेंट में ही लगे रह गये। यही स्थिति मेला क्षेत्र में चलने वाले भंडारे और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में भी देखने को मिला।

एक दिन में मिला हजारों हाथों को काम

का गुरु, रात में सोये नहीं हो का, पूरी आंख लाल है। जी भैया कल रात से नहीं सोए हैं। सोते भी कैसे, दुकान खुली थी और कस्टमर लगातार आ रहे थे। ये कहना है हषवर्धन चौराहे के पास रोड पर ठेले पर चाय और बिस्किट की दुकान चलाने वाले जीतू जयसवाल का। उन्होंने बताया कि पिछले साल से अब तक पहली बार कुछ ढंग की कमाई का मौका मिला। 11 महीने से सिर्फ खर्च ही बड़ी मुश्किल से निकल रहा था। मौनी अमावस्या से सारी कमी पूरी कर दी।

11 महीने बाद दिखी रौनक

11 महीने बाद ऐसा समय आया, जब 24 घंटे से अधिक समय बीतने के बाद भी सिटी के कई दुकानों का शटर डाउन नहीं हुआ। खासतौर पर रोड किनारे चाय नास्ते की दुकान चलाने वाले पूरी रात दुकान पर डटे रहे। मधवापुर सब्जीमंडी के पास चाय की दुकान चलाने वाले गिरजाशंकर साहू ने बताया कि बुधवार को पूरे दिन वह दुकान पर रहे। सिविल लाइंस से लेकर मेला क्षेत्र तक ऐसी सैकड़ों दुकानें थी जो पूरे दिन चलती रहीं। हजारों ई रिक्शा, रिक्शा और आटो चालान पूरी रात सवारियां ढोते रहे।

पूरी रात दुकान खुली थी, क्योंकि कस्टमर आते रहे। पिछले साल के बाद पहली बार ऐसा कोई मौका आया है। जब ठीक-ठाक कमाई हुई है। नहीं तो अभी तक खर्चा निकालना मुश्किल हो जाता था।

जीतू

दोनों भाई भी पिता जी के साथ दुकान पर लगे रहे। रात में घर भी नहीं गए। यही पर बैठकर पूरी रात बीती है। अभी भी लोगों के आने का सिलसिला जारी है। कमाई होने से निराशा दूर हुई है।

अर्जुन जायसवाल

Posted By: Inextlive