कौड़ी के भाव हो गए चांदी का वर्क बनाने वाले
- अकबरपुर इलाके में लगभग पचास वर्षो से चांदी का वर्क बनाने का चल रहा काम
- कोरोना काल में खड़ा हो गया है रोजी रोटी का संकट PRAYAGRAJ: सिटी में चांदी का वर्क बनाने के कारोबार से जुड़े मजदूरों का हाल बेहाल है। कोविड संक्रमण से लोगों को जरूर राहत मिल गई है, लेकिन इस कारोबार से जुड़े लोगों की हालत नहीं सुधर पाई है। हालांकि कोविड और लॉक डाउन के पहले भी मिठाइयों पर लगने वाली चांदी वर्क बनाने वाले मजदूरों की हालत बहुत अच्छी नहीं थी। लॉकडाउन के चलते और भी दिक्कतें बढ़ गई हैं। महंगाई बढ़ी लेकिन मजदूरी नहींसिटी के अकबरपुर इलाके में लगभग पचास वर्षो से चांदी का वर्क बनाने काम चल रहा है। मजदूरों का कहना है कि महंगाई जरूर बढ़ गई है, लेकिन उनकी मजदूरी पिछले दस साल में नहीं बढ़ पाई है। यही रोजगार का उनका जरिया है, दूसरा काम वह कर नहीं सकते हैं। इस लिए घर की रोजी रोटी चलाने के लिए लगभग दस घंटे तक काम करतें हैं तब जाकर उन्हे दो सौ रुपये की मजदूरी मिल पाती है। कुछ यही हाल इस पेशे से जुड़े दूसरे लोगों का भी हैं। लगभग दस साल से चांदी वर्क बनाने का काम करने वाले मोहम्मद नफीस का कहना है कि दूसरे हुनर नहीं होने की वजह से वह इस कारोबार को मजबूरी में करतें हैं।
कम हो रही काम करने वालों की संख्या इन जगहों पर काम करने वाले मजदूर बताते है कि पहले यहां पर दस से पंद्रह लोग काम कर रहे थे, लेकिन इलेक्ट्रिक मशीनों से चांदी वर्क बनाने का काम जब से शुरू हुआ तभी से उनकी रोजी रोटी पर संकट आना शुरू हो गया। यहां पर काम करने वालों की संख्या भी लगातार कम होती गई, रही सही कसर लॉक डाउन और कोरोना ने पूरा कर दिया। मौजूदा समय में यहां पर तीन लोग ही काम के लिए आते हैं और लोगों ने दूसरा व्यवसाय चुन लिया है। लगभग आठ से दस साल से इस वर्क से जुड़े है। आज भी मजदूरी उतनी नहीं बढ़ी है। जितना आज की महंगाई है। ये ही सिर्फ हुनर होने के चलते इसी काम से जुड़े हुये है। इस ओर कोई ध्यान देना वाला नहीं है। मोहम्मद नफीस मजदूर आठ घंटे काम की जगह दस घंटे से ऊपर काम करना पड़ता है। ताकि दो पैसा आ जाये जिससे घर चल सके। आधुनिक तौर में हैंड वर्क की डिमांड भी कम हो गई है।मुन्ना भाई मजदूर
मेहनत जितना करते है मजदूरी उतनी नहीं मिलती है। बच्चों की फीस तक नहीं जमा कर पाते है। बच्चों का नाम तक कट गया है। थोड़ा बहुत काम कर पैसा आता था। उसको भी कोरोना व लॉकडाउन ने तोड़ दिया।
राजू मजदूर