कूड़ा निस्तारण के लिए शहर में जल्द ही बनाए जाएंगे तीन एमआरएफ सेंटरअशोक नगर व बघाड़ा और कीडगंज में सेंटर का होगा निर्माण कूड़ा निस्तारण में आ रही दिक्कत

प्रयागराज (ब्यूरो)।शहर को स्वच्छ और साफ सुथरा बनाने के लिए नित नए प्रयोग किए जा रहे हैं। पिछले दिनों निरीक्षण में नगर आयुक्त को नैनी के बसवार सेंटर पर कूड़े का पहाड़ मिला था। यह स्थिति इस लिए दिखाई दी थी क्योंकि कलेक्ट किए गए कूड़े के निस्तारण में शिथिलता बरती जा रही है। तफ्तीश में पाया गया था कि कूड़ा निस्तारण के लिए संचालित सेंटर की क्षमता काफी कम है। इसके पहले भी ऐसी स्थितियां सामने व समस्याएं अफसरों को मिली थीं। पूर्व में किए गए निरीक्षण में मिली समस्या को देखते हुए एमआरएफ सेंटर यानी मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी प्वाइंट बनाने के निर्णय लिए गए थे। लंबी समय से चल रही यह प्रक्रिया अब अमल में आने वाली है। सिटी के अंदर अशोक नगर व बघाड़ा एवं कीडगंज में इसे बनाया जाएगा। नगर निगम इसे तैयार करने के लिए सेना जमीन को भी लीज पर लेगा। तीस वर्षों के लिए लीज पर ली जाने वाली यह जमीन नौ हजार वर्ग मीटर होगी। इस एमआरएफ सेंटर का निर्माण नई दिल्ली व इंदौर की संस्थाओं द्वारा किया जाएगा। इस दिशा में नगर निगम के द्वारा काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।

कई महीने का प्रयास अब लाएगा रंग
तमाम कोशिशों के बावजूद नगर निगम शहर में 100 फीसदी कचरा निस्तरण नहीं कर पा रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण लगातार अफसरों द्वारा किए जा रहे निरीक्षण में मिल रही बदतर स्थितियां हैं। अभी कुछ दिन पहले भी नगर आयुक्त के निरीक्षण में बसवा प्लांट पर निस्तारण के अभाव में डंप कूड़े का पहाड़ मिला था। समस्या से उबरने के लिए नगर निगम पिछले कई महीनों से कमरतोड़ मेहनत में जुटा था। कलेक्ट किए गए कूड़ा का निस्तारण नहीं होने से शहर के स्वच्छता सर्वेक्षण पर प्रतिकूल असर पड़ता है। यही वजह है कि शहर में तीन एमआरएफ सेंटर बनाए जाने का निर्णय लिया गया था। यह निर्णय बहुतजल्द यहां फलीभूत होने वाला है। विभागीय लोग बताते हैं कि अशोक नगर, बघड़ा व कीडगंज में यह सेंटर तैयार किया जाएगा। इस सेंटर पर शहर के 100 में से 72 वार्डों का कचरा कलेक्ट किया जाएगा। जानकार कहते हैं कि इस सेंटर पर लाए गए गीला, सूखा व कबाड़ तीनों को अलग किए जाएंगे। इसके बाद यहां लगाई गई हाइटेक मशीन से तीनों तरह के कूड़ा को अलग करने के बाद प्लास्टिक, लोहा जैसे अन्य सामान कबाड़ी के हाथ बेचा जाएगा। जबकि गीले व सूखे कूड़े से कंपोस्ट खाद तैयार की जाएगी। खान बनाने के लिए वहां एक गड्ढा तैयार होगा। इसी गड्ढे में सूखे व गीले कचरे को डाल दिया जाएगा। इससे तैयार होने वाली खाद किसानों व जरूरतमंदों को सेल किया जाएगा। इस खाद की बिक्री से नगर निगम की आय में भी बढ़ेगी। बताते हैं कि एक सेंटर पर हर रोज 30 से 55 टन कूड़ा का निस्तारण किया जाएगा। शुरुआती दौर में केवल 25 टन कूड़ा ही निस्तारित होगा। यह तीनों सेंटर जल्द ही बनकर तैयार होंगे।

बहुत जल्द शहर में तीन एमआरएफ सेंटर बनकर तैयार होंगे। इसकी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। बस काम शुरू होना शेष है। इस सेंटर पर गीले व सूखे कचरे की खाद बनाकर कंपनी ही सेल करेगी। इससे शहर को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने में काफी मदद मिलेगी। कलेक्ट किया गया कचरा भी तेजी से निस्तारित किया जाएगा।
सतीश कुमार, चीफ इंजीनियर नगर निगम

Posted By: Inextlive