सिटी में बनाए गए रैन बसेरा के अंदर प्रयागराज के वाशिंदों की इंट्री पर पाबंदी हैं. यहां बाहर से आने वाल लोग ही रात बिता सकते हैं. रैन बसेरा में रुकने के लिए कई सख्त नियम व शर्तें भी हैं. यहां रुकने वालों को थर्मल स्कैनिंग कराना अनिवार्य है. हर रैन बसेरा में सुरक्षा व व्यवस्था के लिए शख्स की तैनाती की गई है. उसे रजिस्ट्री पर इंट्री के साथ सफाई आदि का जिम्मा सौंपा गया है. दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की पड़ताल में एक चौंकाने वाली बात सामने आई. यहां तैनात किए गए लोग ई-रिक्शा चालक और शराबियों से परेशान हैं.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)।

02 दर्जन से अधिक रैन बसेरा हैं शहर में
11 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है एक में
06 बजे सुबह तक निकलना जरूरी
20 पुरुषों के लिए एक रैन बसेरा में इंतजाम
10 महिला वाले क्षमता के अलग हैं रैन बसेरा

सिविल लाइंस हनुमान मंदिर पुलिस बूथ के पास बने रैन बसेरा के सामने चालक ई-रिक्शा खड़ाकर सवारियां बैठाते हैं। कुछ दिन पहले यहां रैन बसेरा में लगे बैनर को ही एक ई-रिक्शा चालक ने फाड़ दिया। तैनात कर्मचारी ने टोका तो वह विवाद पर उतर आया। यहां 20-20 पुरुषों की क्षमता वाले दो रैन बसेरा बनाए गए हैं। इनके बीच में महिलाओं के लिए एक रैन बसेरा बनाया गया है। यहां दस महिलाएं आराम से रुक सकती हैं। पूछताछ में बात सामने आई कि अक्सर यहां तैनात कर्मचारियों को शराबी परेशान करते हैं। सुरक्षा के लिहाज से यहां रखे गए झूंसी के विजय पाल और अशर्फी लाल ई-रिक्शा चालकों से भी परेशान हैं। कहते हैं कि चालक ई-रिक्शा को ठीक सामने खड़ा कर देते हैं। फिर बसों से सवारियां उतार कर बैठाते हैं। बताते हैं कि दो दिन पूर्व एक रिक्शा चालक रैनबसेरा पर लगे बैनर को ही फाड़ दिया। जबकि वह विरोध किए तो चालक उन्हीं को खरी-खोटी सुनाने लगा। पुलिस से शिकायत इस लिए नहीं करते कि कहीं वे सब और न परेशान करें। सिविल लाइंस डाक घर के पास बने रैन बसेरा में बीस पुरुष और दस महिलाओं के रुकने की व्यवस्था है। पुरुषों के लिए बनाए गए रैन बसेरा से सटा हुआ महिलाओं के लिए भी रैन बसेरा बनाया गया है। यहां दस महिलाएं एक साथ रात बिता सकती हैं।
शरारती तत्व करते हैं परेशान
सुरक्षाकर्मी शिवमूरत ओझा निवासी चित्रकूट कहते हैं कि यहां भी शहरियों की इंट्री नही है। शराबी किस्म के लोग कोशिश तो बहुत करते हैं, मगर वह किसी भी सूरत में उन्हें यहां अंदर प्रवेश नहीं करने देते। कहते हैं कि शहर से बाहर का कोई भी व्यक्ति यहां रात में रुक सकता है।

रैन बसेरा के नियम व शर्तें
बाहर से आए लोगों को रैन बसेरा में रुकने के लिए सबसे पहले आधार कार्ड दिखाना पड़ता है
तैनात कर्मचारी आधार नंबर और पूरा पता एवं मोबाइल नंबर रजिस्टर में इंट्री करते हैं
इसके बाद हाथ सेनिटाइज और थर्मल स्केनिंग करते हैं, थर्मल स्केनिंग में परिणाम नार्मल होने पर ही रुकने की इजाजत देते हैं
नियम व शर्त यह है कि कोई शोर मचाकर रुके हुए किसी दूसरे व्यक्ति को डिस्टर्ब नहीं करेगा
रैन बसेरा में इंट्री की लास्ट टाइम लाइन रात 11 बजे तक की रखी गई है, इसके बाद गेट बंद हो जाता है
रैन बसेरा में रुकने वाले शख्स को सुबह लेटेस्ट सात बजे तक बाहर निकलना ही होता है
इसके बाद सुरक्षा में तैनात कर्मचारी रैन बसेरा की सफाई और रजाई गद्दा की फोल्ड करने में लग जाते हैं

रैन बसेरा ही नहीं पूरे सिविल लाइंस में रात भर पुलिस गश्त रहती है। यदि ऐसी कोई दिक्कत है तो सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों को बताना चाहिए। किन्हीं कारण से यदि वह नहीं बता पा रहे तो रात में रैन बसेरा के आसपास विशेष नजर रखी जाएगी।
बीरेंद्र यादव इंस्पेक्टर सिविल लाइंस

Posted By: Inextlive