प्रतापपुर विधानसभा सीट इस बार समाजवादी पार्टी के खाते में आ गयी है. पिछली बार इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी के रूप में मो. मुज्तबा सिद्दीकी ने जीत हासिल की थी. चुनाव की घोषणा होने से पहले ही मुज्तबा ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था लेकिन पार्टी ने इस सीट से उन्हें टिकट नहीं दिया. यहां सपा की विजमा यादव के सामने भाजपा गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर बसपा सरकार में मंत्री रहे राकेशधर त्रिपाठी को अपना दल के टिकट पर उतारा गया था. उन्होंने कड़ी टक्कर जरूर दी लेकिन जातिगत समीकरण के आधार पर विजमा यादव ने जीत हासिल कर ली.

प्रयागराज (ब्यूरो)। हंडिया विधानसभा सीट पर इस बार हाकिम लाल बिंद ने जीत हासिल की है। फर्क सिर्फ इतना है कि पिछली बार वह बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर विधायक बने थे और इस बार उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की है। इस सीट पर भी सपा और भाजपा गठबंधन (निषाद पार्टी) के प्रत्याशी के बीच सीधी टक्कर थी। निषाद पार्टी के प्रशांत ने जोर बांधा। सुबह मतगणना शुरू हुई तो कुई बार वह बेहद नजदीकी टक्कर में दिखे। लेकिन, दिन ढलने के साथ ही हाकिम की बढ़त बड़ी होती चली गयी। फाइनली उन्होंने लगातार दूसरी बार इस सीट पर जीत हासिल की।

लगातार दूसरी बार मिली प्रवीण पटेल को जीत
फूलपुर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने लगातार दूसरी बार प्रवीण पटेल पर भरोसा जताया था। प्रवीण ने उन्हें इस बार भी निराश नहीं किया। अलग बात है कि इस सीट पर मुकाबला बेहद करीबी रहा। उनके सामने थे समाजवादी पार्टी के टिकट पर मो। मुज्तबा सिद्दीकी। उन्होंने पिछली बार प्रतापपुर विधानसभा सीट बसपा के टिकट पर जीती थी। पूरे दिन दोनों के बीच कांटे की टक्कर चली। किसी राउंड में एक आगे निकल जाता तो किसी राउंड में दूसरा। इससे दोनों के समर्थन चैन की सांस नहीं ले पाये। फाइनली इस सीट पर सबसे जीत प्रवीण पटेल के खाते में गयी।

सपा को चौंकाने वाली रही उज्जवल की हार
करछना विधानसभा सीट इस बार भाजपा गठबंधन (निषाद पार्टी) के प्रत्याशी पियूष रंजन पटेल ने जीत हासिल की है। यह सीट समाजवादी पार्टी की गढ़ मानी जाती है। पिछली बार इस सीट पर उज्जवल रमण सिंह ने जीत हासिल की थी। पिछली बार भी उज्जवल के सामने पियूष ही थी लेकिन भाजपा का साथ नहीं था। इस बार उन्हें भाजपा का साथ मिल गया तो नतीजा बदल गया। इस सीट पर सपा की हार चौंकाने वाली है। शुरूआती दौर में पियूष ने बढ़त ली तो कहा गया कि आने वाली राउंड की गिनती में उज्जवल रिकवर कर लेंगे। लेकिन, ऐसा हुआ नहीं।

अपना दल एस के काम आया वाचस्पति पर दांव लगाना
बारा विधानसभा सीट इस बार भी भाजपा गठबंधन के खाते में गयी है। पिछली बार इस सीट से भाजपा के टिकट पर डॉ अजय कुमार भारती ने जीत हासिल की थी। इस बार भाजपा ने यह सीट गठबंधन (अपना दल एस) को दे दी थी। अपना दल ने इस सीट पर वाचस्पति को लास्ट ऑवर्स में अपना प्रत्याशी बना दिया। इससे नाराज डॉ अजय ने बसपा का दामन थाम लिया और चुनाव मैदान में उतरे थे। उन्होंने निवर्तमान विधायक के तौर पर कड़ी टक्कर भी दी लेकिन जीत फाइनली भाजपा गठबंधन के प्रत्याशी वाचस्पति के खाते में दर्ज हो गयी। वाचस्पति पहले कौशांबी जिले की सिराथू सीट से विधायक रह चुके हैं।

Posted By: Inextlive