डिजिटल म्यूजियम में दिखेगी कुंभ की आभा
प्रयागराज (ब्यूरो)। वर्ष 2025 में आयोजित होने वाले कुंभ को केंद्र और राज्य सरकार भी कुंभ को अविस्मरणीय बनाना चाहते हैं। यही कारण है कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दृष्टि से डिजिटल कुंभ म्यूजियम बनाने की कवायद शुरू हो गई है। जिसकी लागत 150 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है। पर्यटन विभाग के इस प्रोजेक्ट की कार्यदायी संस्था पीडीए होगा। पीडीए के दिशा निर्देशन में इसका डीपीआर तैयार किया जा रहा है।
इसलिए खास होगा म्यूजियम
संग्रहालय लोगों को सनातन धर्म के वैभव, त्याग व प्राचीन विरासत का दर्शन कराएगा।
प्रयागराज और उसके आसपास के जितने भी पौराणिक और धार्मिक स्थल हैं, उनकी जानकारी मिलेगी।
ऋषि मुनियों की इस धरती के महापुरुषों के बारे में भी बताया जाएगा।
कुंभ के इतिहास और उसके महात्म्य से भी लोग होंगे परिचित।
अब तक जितने भी कुंभ या महाकुंभ हुए हैं, उनकी विशेषताओं के बारे में भी जानकारी मिलेगी।
दर्शकों के लिए लाइट शो और वाटर शो आदि का प्रबंध रहेगा।
रोजाना सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
परिसर में ग्रीनरी का विशेष ध्यान रखा जाएगा। तकनीक का बेहतरीन इस्तेमाल किया जाना है।
100 फिट ऊंचा होगा तीन मंजिला म्यूजियम
अरैल एरिया में डिजिटल कुंभ म्यूजियम का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए कमिश्नर संजय गोयल ने कार्यदायी संस्था पीडीए, नगर निगम और डीएम को जमीन ढूंढने के लिए कहा है। त्रिवेणी पुष्प के पास 15 से 20 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। बता दें कि संग्रहालय का भवन कलश के आकार का बनाया जाएगा। जिससे दूर से देखने पर ही कुंभ का स्वरूप नजर आए। म्यूजियम को तैयार करने में डेढ़ साल का समय लग सकता है।
अपराजिता सिंह
जिला पर्यटन अधिकारी प्रयागराज