कविताओं पर रात भर झूमते रहे श्रोता
प्रयागराज (ब्यूरो)। अध्यक्षता साहित्यकार प्रकाश व संचालन शैलेंद्र मधुर ने किया। काव्य पाठ का प्रारंभ कमल प्रतापगढ़ी ने अपने हास्य कविताओं के साथ किया। नमाजे इश्क में डूबा हुआ हूं, सितम इस पर भी वह रूसवा करे है। आभा श्रीवास्तव ने आपके आईने में अगर मैं नहीं, आप चेहरे से अपने मुकर जाइए कविता सुनाकर ध्यान आकृष्ट किया। हास्य कवि योगेश झमाझम ने मेल हो फीमेल कॉमन सेंस होना चाहिए, प्यार के चश्मे में लगा लेंस चाहिए कविता के माध्यम से श्रोताओं को खूब हंसाया। शैलेंद्र मधुर ने अपने गीत गज़ल की प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। आप जब से उदास बैठे हैं, हम मेरे आस-पास बैठे हैं, आज लुटने से बच नहीं सकता, सब मेरे खास खास बैठे हैं। हास्य कवि अमित जौनपुरी ने अपनी रचनाओं से लोगों को भरपूर हंसाया लगतई फगुनवा करई लोग हल्ला, मची देखा होली मोहल्ला मोहल्ला, मस्ती भरे गीत गाए। कवि सम्मेलन में मखदुम फुलपूरी, महक जौनपुरी रंजीता समृद्धि सहित अन्य कवियों ने काव्य पाठ किया। हर्ष नारायण शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया। शेखर, संतोष त्रिपाठी, शैलेंद्र सिंह, राजेश निषाद, मनीष जी, सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।