डेंगू का प्रकोप अभी जिले में थमने का नाम नहीं ले रहा है. हर दिन हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से आने वाला डाटा भी चौंकाने वाला है. बुधवार को ही 33 नये मरीजों की पुष्टि हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से की गयी है. वाईएमसीए स्कूल में तो इतने टीचर बीमार हो गये कि स्कूल को ही बुधवार को बंद कर देना पड़ गया है.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। इन स्थिति में बेड क्राइसिस की शिकायतें सामने आने लगी हैं। सरकारी अस्पतालों में डेंगू पेशेंट के लिए आरक्षित बेड पर नार्मल पेशेंट को भर्ती किये जाने का मामला सामने आ गया। इस स्थिति से निबटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। विभाग ने अब डेली बेसिस पर प्राइवेट हॉस्पिटल में खाली बेडों की संख्या जारी करने का फैसला लिया है। बुधवार को पहले दिन का डाटा आया तो पता चला कि करीब एक तिहाई बेड प्राइवेट अस्पतालों में खाली हैं।
3819 है शहर और आसपास के एरिया में स्थित प्राइवेट अस्पताल
36 प्राइवेट हॉस्पिटल को मरीज भर्ती करके इलाज की है परमिशन
2243 मरीज इन अस्पतालों में फिलहाल भर्ती हैं
1171 बेड बुधवार को दिन तक बताये गये हैं खाली

अस्पतालों में रोज लग रही भीड़
डेंगू के मरीजों की संख्या दिनों दिन तेजी से बढ़ रही है। ज्यादातर घरों में बुखार और डेंगू से पीडि़त लोग हैं। यह संख्या दिनों बढ़ती ही जा रही है। हालात यह हैं कि इलाज के लिए अस्पतालों में तांता लगा हुआ है। हॉस्पिटल सरकारी हो या फिर प्राइवेट, हर जगह सुबह शाम मरीजों की लंबी कतार लग रही है। बेड की कमी बताकर अधिकांश प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों के तीमारदारों का धनादोहन किया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों में भी बेड करीब फुल ही बताए जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में डेंगू बीमारी और अस्पतालों में बेड की संख्या को देखते हुए लोगों में भय का माहौल है। बताते हैं कि बढ़त रही मरीजों की संख्या और लोगों में बेड को लेकर प्रशासन भी एक्टिव हो गया है। बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले के कुल 36 हॉस्पिटल में बेड की उपलब्ध का डाटा सर्च किया गया है। सोशल मीडिया पर जारी बेड की रिपोर्ट पर गौर करें तो इन अस्पतालों में कुल उपलब्ध बेड की तादाद 3819 बताई गई है। इन अस्पतालों में करीब 2243 बेड मरीजों से फुल बताए जा रहे हैं। बेड पर भर्ती यह मरीज सिर्फ डेंगू के ही नहीं हैं। इनमें कई प्रकार के मरीज शामिल हैं। इन अस्पतालों में 1171 के करीब बेड खाली हैं। जिसका उपयोग प्रशासन जरूरत पडऩे पर डेंगू मरीजों के लिए इस्तेमाल कर सकता है।

संख्या बताने से परहेज
सरकारी अस्पतालों में बेड की स्टेटस को लेकर सिर्फ इतना बताया गया है कि एसआरएन, बेली, काल्विन और डफरिक के साथ मंडलीय चिकित्सलाय में भी बेड खाली हैं। प्राइवेट अस्पतालों की तरह यहां कितने बेड खाली हैं? इसका डाटा शेयर नहीं किया गया है।

स्कूल करना पड़ गया बंद
अशोक नगर एरिया में स्थित वाईएमसीए स्कूल को अचानक बंद कर दिया गया। यह मैसेज बच्चों के पैरेंट्स तक पहुंचा तो वे चौंक गये। मैसेज वायरल हुआ तो क्वैरी स्कूल तक पहुंच गयी। बताया गया कि यहां 15 से अधिक टीचर या तो खुद बीमार हैं या फिर उनके परिवार के ज्यादातर सदस्य बीमार हैं और उनकी कोई केयर करने वाला नहीं है। सूत्रों का कहना है कि सभी डेंगू से पीडि़त हैं। हालांकि इसे ऑफिशियली एक्सेप्ट नहीं किया गया है। बुधवार को स्कूल में सिर्फ आफिशियल वर्क हुआ।

10000 प्लेटलेट्स तभी करेंगे भर्ती
बुधवार को सीएमओ की तरफ से जारी की गयी गाइड लाइन के अनुसार डेंगू के उन्हीं पेशेंट को अस्पताल में भर्ती किया जाना चाहिए जिनका प्लेटलेट काउंट दस हजार तक पहुंच गया है। इसके साथ उसे ब्लीडिंग की प्राब्लम हो। या फिर पेशेंट बेहोश हो गया हो। ऐसा नहीं है तो डरने की जरूरत नहीं है। प्रिकॉशन लेते रहें।

एसआरएन, बेली, काल्विन और डफरिन अस्पतालों में भी बेड खाली हैं। प्लेटलेट्स की भी कोई कमी नहीं है। इसका पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। डोनर न होने पर भी प्लेटलेट्स सरकारी गाइड लाइन के अनुसार उपलब्ध कराया जा रहा है।
नानक शरण सीएमओ, प्रयागराज

Posted By: Inextlive