शहर के हटिया में हुए हादसे में सिर्फ पांच लोगों की ही मौत नहीं हुई. उनकी मौत से पचासों लोग बेसहारा हो गए. परिवार के इन लोगों का पेट भरने के लिए कई लोग गांव से यहां मजदूरी करने आए थे. दिन भर खटने के बाद ठेकेदार उन्हें महज 350 रुपये की दिहाड़ी देता था. इसी पैसे मरने वाले तीन लोगों का परिवार पलता था. मृतकों में दो दुकानदार भी शामिल हैं. इन दुकानदारों की मौत के बाद उनका भी परिवार बेसहारा हो गया. लोग इन पांचों लोगों की मौत और उनके परिवार की बर्बादी का जिम्मेदार बिल्डिंग का किराया ले रहे शख्स को मान रहे हैं. कहा जा रहा कि किराएदार दुकानदार कई दफा उससे बिल्डिंग के रिपेयर की बात कह चुके हैं. मगर वह है कि किराए जेब में रखने के बाद बिल्डिंग के मेंटिनेंस पर ध्यान नहीं देता था. ऐसी स्थिति में आक्रोशित लोग किराया वसूल रहे शख्स को ही दोषी मान रहे हैं.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। इस हादसे में नैनी इलाके के ददरी गांव निवासी श्यामबाबू, सूरज पाल व विनोद एवं बाबा और सहित कुल पांच लोगों को मजदूरी के लिए ठेकेदार द्वारा लाया गया था। एक सवाल के जवाब में डरे सहमे कामगार ने ठेकेदार का नाम शेरई बताया। वह भी ददरी का ही रहने वाला है। दिन भर काम कराने के बाद उसके जरिए मजदूरों को महज 350 रुपए दिया जाता था। इसमें से श्यामबाबू की मौत हो चुकी है। लोगों की मानें तो मरने वाले सुशील गुप्ता व नीरज केसरवानी की उसी जर्जर बिल्डिंग में दुकान थी। सुशील हलवाई की दुकान चलाया करता था। इनकी भी इस हादसे में मौत के बाद परिवार पर पहाड़ टूट पड़ा। इस हादसे से आहत लोगों का कहना है कि इन पांचों व्यक्तियों की मौत और एडमिट घायलों के दर्द की वजह जर्जर बिल्डिंग का किराया ले रहे शख्स को ही जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। उस शख्स के खिलाफ इस हादसे के बाद व्यापारियों में भी जबरदस्त गुस्सा है।

पहली प्राथमिकता है एडमिट कराए गए घायलों का समुचित इलाज कराना। इसके बाद इस घटना की पूर्णरूप से गहन छानबीन की जाएगी। यदि कोई दोषी मिलेगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। बिल्डिंग के हर पहलू की गंभीरता से जांच कराई जाएगी।शैलेश कुमार पांडेय, एसएसपी

Posted By: Inextlive