यूनियन बजट से जनता को हैं कई उम्मीदें महंगाई टैक्स मेें छूट और पुरानी पेंशन की बहाली है बड़ा मुद्दा आज पेश होगा बजट सबकी झोली भरने की आस


प्रयागराज ब्यूरो । आज आम बजट आने वाला है। इससे देश के प्रत्येक व्यक्ति को राहत की आस है। कोई महंगाई छुटकारा पाना चाहता है तो किसी को पुरानी पेंशन लागू होने का इंतजार है। कोई जीएसटी टैक्स स्लैब में कमी की गुहार लगा रहा है तो कोई रसोई गैस और पेट्रोल के दाम कम होने का इंतजार कर रहा है। यही कारण है कि दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने बजट की पूर्व संध्या पर आम जनता की नब्ज टटोलने की कोशिश की। जिसके बाद कई मांगे निकलकर सामने आईं।सबसे बड़े मुद्दों पर टिकी निगाह- मध्यम वर्ग को चाहिए टैक्स में छूट। इस स्लैब को ढाई लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जाना चाहिए।- हाउसिंग लोन में छूट की सुविधा भी मिलनी चाहिए। इनकम टैक्स के प्रावधान 24 के तहत मिलने वाली छूट सीमा को दो से बढ़ाकर चार लाख करना चाहिए।


- दाल, चावल, आटा, दूध, रसोई गैस और पेटेोल, डीजल के दामों में कमी आए।- हेल्थ बजट को बढ़ाकर डेढ़ से पांच फीसदी किया जाना चाहिए। जिससे सरकारी अस्पतालों में महंगी जांच और इलाज मिल सके।- जीएसटी के विभिन्न टैक्स स्लेब को एक समान करना चाहिए। इसका सरलीकरण है जरूरी।किसको क्या है आस

रसोई गैस का दाम बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इसकी कमी आनी चाहिए। रसोई चलाना मुश्किल होता जा रहा है। आटा, दाल, चावल और तेल के दाम भी आसमान छृ रहे हैं। नेहा श्रीवास्तव, गृहणीपेट्रोल के दामों में भी कमी आनी चाहिए। सड़कों पर किमी गिनकर चलना पड़ता है। कमकाजी महिलाएं स्कूटी और कार तो खरीद लेती हैं लेकिन इनमें फ्यूल डलवाने में उनका काफी खर्च होता है।वनिता रायचंदानी, गृहणीवकीलों को भी सरकारी आवास मुहैया कराया जाना चाहिए। सरकार को उनके लिए भी कालोनियों का निर्माण करना चाहिए। न्याय की रक्षा करने वाले अधिवक्ताओं की सुनवाई नही हो रही है।दीपक मिश्रा, अधिवक्ताकचहरी में बेहतर कैंटीन की सुविधा होनी चाहिए। वकीलों के लिए कालोनी बननी चाहिए। जिससे कम पैसे में अधिवक्ताओं के सिर पर छत रहे। उनके बैठने के लिए चैंबर का निर्माण हेाना चाहिए।प्रियांशु शुक्ला, अधिवक्तागोल्ड पर बढ़ाई गई पांच फीसदी ड्यूटी को वापस लिया जाना चाहिए। स्पाट गोल्ड एक्सचेंज की स्थापना की बाधा को दूर किया जाए। देश में गोल्ड माइनिंग के लिए भी पहल होनी चाहिए।दिनेश सिंह, ज्वैलरी व्यापारी

बजट में जीएसटी के स्लैब को लेकर एकरूपता बनानी होगी। जीएसटी में अलग-अलग ट्रेड के लिए अलग अलग टैक्स है। आयकर में छूट के साथ ई कामर्स पालिसी भी लागू किया जाना चाहिए।लालू मित्तल, व्यापारीसरकार चाहती है कि प्राइवेट अस्पताल लोगों का सस्ता इलाज करें। लेकिन हमारे मेडिकल उपकरणों पर जीएसटी कम नही की जा रही है। इन पर 12 से 18 फीसदी तक जीएसटी वसूला जा रहा है। इसे कम किया जाए।डॉ। राजीव सिंह, लेप्रोस्कोपिक सर्जनई कॉमर्स और ऑनलाइन कारोबार के लिए पालिसी बनाई जानी चाहिए। सरकार को चूना लगाने वाली बड़ी कंपनियां रिटेल कारोबार को भी खत्म करती जा रही हैं।विशाल खरे, आर्किटेक्टसरकारी कर्मचारी दोहरा टैक्स दे रहे हैं। पहले हम सैलरी पर इनकम टैक्स देते हैं और फिर जब सामान खरीदते हैं तो उस पर जीएसटी देते हैं। हमारी मांग है इनकम टैक्स स्लैब में छूट की सीमा बढाई जाए।अजय शंकर श्रीवास्तव, कर्मचारी नेतापुरानी पेंशन बहाली की मांग सबसे बड़ी है। इसे इस बजट में लागू किया जाए। लोकसभा चुनाव सिर पर है, कर्मचारियों के हित की बात करने वालों को ही हम तवज्जो देंगे।राकेश कुमार श्रीवास्तव, कर्मचारी नेता

Posted By: Inextlive