शुक्र है, बच गयी डॉक्टर की जान
प्रयागराज (ब्यूरो)। कार्डिक डिपार्टमेंट की ओपीडी में सोमवार को डाक्टर अभिषेक सचदेवा के साथ जूनियर डाक्टर प्रवीण की डयूटी लगी थी। दोनों हार्ट पेंशेंट को देख रहे थे। दोपहर बारह बजे के करीब सीङ्क्षलग फैन के ठीक बगल से छत के प्लास्टर का एक हिस्सा टूट गया। मलबा डा। प्रवीण के सिर पर गिरा। इससे डा। प्रवीण घायल हो गए। रोगियों में भगदड़ मच गई। डा। अभिषेक भी कुछ पल के लिए असहज हो गए। फौरन ही घायल डाक्टर को आइसीयू में ले जाया गया क्योंकि उन्हें सिर में चोट के चलते चक्कर भी आने लगे थे।
तीन घंटे में तीन बार गिरा प्लास्टर
चश्मदीद बताते हैं कि ओपीडी कक्ष का प्लास्टर किसी बड़ी घटना का संकेत सुबह नौ बजे से ही दे रहा था। नौ बजे छत से कुछ नीचे गिरने की आहट होते ही डाक्टरों ने ऊपर देखा तो पता चला कि चूने के साथ कुछ प्लास्टर झड़कर नीचे गिरा था। घबराए हुए डाक्टर मजबूरी में वहीं बैठे रहे, आशंका जताते रहे कि कहीं छत न गिर जाए। दिन में 11 बजे भी वैसी ही घटना की पुनरावृत्ति हुई। इस पर घबराहट एक बार फिर हुई। दिन में 12 बजे तीसरी बार प्लास्टर टूटकर गिरा तो हादसा हो गया।
कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। प्लास्टर गिरने की बात गलत है। सीङ्क्षलग पुट्टी जरूर टूटकर गिरी है। इसकी मरम्मत जल्द करा दी जाएगी।
डा। आरजे सिद्दीकी
प्रभारी प्रमुख चिकित्साधीक्षक, एसआरएन