शुक्र है अब आक्सीजन की डिमांड कम है
बीपीसीएल बंद होने के आदेश पर कर्मचारियों में रार
किया मैनेजमेंट का घेराव, दिनभर चला बवाल सरकार ने बीपीसीएल को दिया था 2900 सिलेंडर बनाने का आर्डर प्रयागराज- नैनी के बीपीसीएल यानी भारत पंप एंड कम्प्रेसर लिमिटेड में विवाद की स्थिति बन गई है। भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा कर्मचारियों को रिटायर कर बीपीसीएल को बंद किए जाने के आदेश पर शनिवार को बीपीसीएल में तनाव भरा माहौल रहा। आदेश से नाराज कर्मचारियों ने मैनेजमेंट का घेराव किया। उनका कहना था कि अगर उनका रिटायरमेंट तीन माह तक नहीं रोका गया तो काम ठप हो जाएगा, जिससे ढाई हजार आक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई बाधित हो सकती है। मांगे मनवाने का बना रहे दबावकर्मचारियों का कहना है कि उन्हें केंद्र सरकार ने बीस मई तक वीआरएस दिए जाने का आदेश दिया है। लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं है। अगर उन्हें हटाया गया तो कोई कर्मचारी ठेके पर काम नहीं करेगा और और इससे ढाई हजार सिलेंडर की सप्लाई पूरी नहीं हो पाएगी।
बता दें कि कंपनी को 21 दिन में ढाई हजार सिलेंडर सप्लाई का आर्डर पूरा करना था। इस आर्डर को मिले 19 दिन आल रेडी बीत चुके हैं। लेकिन अभी तक कंपनी को सिलेंडर बनाने का लाइसेंस सरकार से नहीं मिला है। इस तरह से प्रदेश सरकार का सिलेंडर की किल्लत को दूर का ख्वाब पूरा होता फिलहाल नहीं दिख रहा है।
किसी सवाल का नही था जवाब इस समय बीपीसीएल में 140 कर्मचारी मौजूद हैं जो ढाई हजार सिलेंडर के आर्डर को पूरा करने में लगे हैं। जब इनको भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा 20 मई तक रिटायर किए जाने जाने ई मेल मिला तो वह निराश हो गए। शनिवार को उन्होंने मार्निग से ही बीपीसीएल के लोकल मैनेजमंट को घेर लिया। उनके किसी भी सवाल का अधिकारियों के पास जवाब नही था। व्यर्थ जाएगी अधिकारियों की मेहनत अगर कर्मचारियों को रिटायर कर दिया गया तो आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध होना मुश्किल होगा। इससे स्थानीय कमिश्नर संजय गोयल और डीएम भानुचंद्र गोस्वामी की मेहनत व्यर्थ जाएगी। इन अधिकारियों ने प्लांट को पुन चालू कराने और आपदा के दौरान आक्सीजन सिलेंडर की आपूíत कराने का भरसक प्रयत्न किया था। इन्होंने बीपीसीएल को सरकार द्वारा बीआईएस लाइसेंस की मंजूरी दिलाने के प्रयास भी शुरू कर दिए थे।