दस मीटर की दूरी मुश्किल, मास्क ही बचाएगा
एक्सपर्ट की राय, आसान नहीं है दस मीटर की दूरी बनाना
कोरोना वायरस के दस मीटर की दूरी तक हवा में फैलने से बचाव मुश्किल सरकार की नई रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस दस मीटर की दूरी तक हवा में फैल सकता है। ऐसे में इससे बचाव आसान नहीं होगा। अगर वायरस से बचना है तो दो व्यक्तियों के बीच दस मीटर की दूरी होनी चाहिए जो संभव नहीं है। अभी तक कोरोना से बचाव के लिए दो गज की सोशल डिस्टेसिंग का पालन कराया जा रहा था। नए नियम का पालन आसान नहीं है इसलिए लोगों को हर हाल में मास्क का उपयोग करना होगा। अस्पतालों में बढ़ेगा खतरानई गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा खतरा अस्पतालों में होगा। क्योंकि दो बेड के बीच अधिकतम दो मीटर की दूरी रखी जाती है जिससे दो मरीजों के बीच वायरस या बैक्टीरिया का आदान-प्रदान न हो सके। अस्पताल के वार्ड में वेंटीलेशन भी नहीं होता है। ऐसे में अगर कोरोना वायरस का फैलाव हुआ तो एक से दूसरे मरीज को संक्रमण हो सकता है। इतना ही नहीं, ओपीडी में भी वायरस का संक्रमण हो सकता है।
एसआरएन व बेली में भी समस्याएसआरएन व बेली के आईसीयू वार्ड में दो बेडों के बीच भी अधिक दूरी नहीं होती है जबकि यहां कोरोना के गंभीर मरीजों को भर्ती किया जाता है। अगर कोरोना वायरस दस मीटर तक हवा में फैल रहा है तो कहीं यही कारण तो नहीं कि आईसीयू में भर्ती मरीजों को ठीक होने में लंबा समय लग जाता है।
इतनी तो जगह भी नहीं बची एक्सपर्ट का कहना है कि अगर दो लोगों के बीच दस मीटर की दूरी रखी भी जाए तो प्रयागराज में यह संभव नहीं होगा क्योंकि जिले का क्षेत्रफल 70 लाख वर्ग मीटर है। जबकि जनसंख्या 65 लाख से अधिक है। अगर क्षेत्रफल में जनसंख्या से भाग दे तो एक व्यक्ति को 1.07 वर्ग मीटर का क्षेत्रफल मिल रहा है। ऐसे में दो लोगों के बीच दस मीटर की दूरी रख पाना संभव नहीं है। एक मीटर के फासले पर बने हैं गोलेमाल, मार्केट से लेकर दुकानों के बाहर सोशल डिस्टेसिंग को मेंटेन रखने के लिए एक मीटर की दूरी गोले बनाए गए हैं। इन गोलों में लोग खड़े होकर सामान लेते हैं। अगर अगर यह गोले दस मीटर की दूरी पर बनाए जाएंगे तो कैसे संभव होगा। ऐसे में सरकार की नई रिपोर्ट का पालन करना आसान नहीं है। लेकिन इसे नजर अंदाज करना भी ठीक नहीं होगा।
कोरोना वायरस एयरोसोल्स के माध्यम से दस मीटर तक जा सकता है लेकिन इससे बचाव के लिए लोगों को मास्क लगाना होगा। मास्क लगाने से खतरे का असर बेहद कम हो जाता है। निगेटिव सोचने से बेहतर है सावधान बरतना। डॉ। ऋषि सहाय नोडल कोविड 19 प्रयागराज