प्रयागराज में अप्रैल की शुरुआत में ही सूरज की तेज किरणों ने झुलसा देने जैसा एहसास कराना शुरू कर दिया है. इस महीने में एक भी दिन पारा 42 डिग्री सेल्सियस के नीचे नहीं गया. दिन में चल रही लू के थपेड़े झेलना मुश्किल है. मौमस के चलते बच्चों की सेहत को कोई नुकसान न पहुंचे इसके लिए जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है. जिलाधिकारी संजय खत्री के आदेश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बुधवार को स्कूलों का टाइम चेंज करने का आदेश जारी कर दिया है. यह आदेश गुरुवार से प्रभावी हो जाएगा.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। करीब दो साल बाद एक अप्रैल से स्कूल रेग्युलर खुलने शुरू हुए हैं। कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूल दिन में दो बजे तक खुल रहे थे। शहर में चलने वाले प्राइवेट स्कूलों की टाइमिंग भी साढ़े 12 बजे से लेकर डेढ़ बजे के बीच है। इस दौरान भीषण गर्मी पड़ रही है और रिक्शा आटो और बसों से स्कूल से घर जाने वाले बच्चों का पसीना के चलते बु्ररा हाल होता है। इस स्थिति को देखते हुए स्कूल टाइमिंग चेंज किये जाने की संभावना जताई जाने लगी थी। बुधवार को दोपहर बेसिक शिक्षा अधिकारी की तरफ से जारी किये गये आदेश में बताया गया कि कक्षा आठ तक के सभी स्कूल दोपहर 12 बजे तक ही खुलेंगे। यही नियम सरकारी प्राइमरी स्कूलों पर भी लागू होगा। बीएसए की तरफ से जारी आदेश में इस आदेश को सभी को फॉलो करने के लिए कहा गया है।

40 डिग्री के ऊपर बना है तापमान
बुधवार को प्रयागराज में अधिकतम तापमान 42.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। यह स्थिति एक अपै्रल के बाद से लगातार बनी हुई है। न्यूनतम तापमान जरूर राहत देने वाला है लेकिन दिन और रात के तापमान में दो गुने का अंतर खतरे का संकेत है। दिन में बाहर निकलने पर पसीना होता है। इससे बॉडी से एनर्जी लॉस होता है। आधे घंटे से अधिक समय तक इस स्थिति में रहना बच्चों के लिए खतरनाक है। इसका इंपैक्ट यह है कि बड़े भी दिन में धूप से बचते हुए नजर आते हैं। बेहद जरूरी काम होने पर ही दिन में लोग घरों से निकलते हैं। सड़कों पर बच्चों के घर के निकल जाने के बाद शाम चार बजे तक सन्नाटे जैसा आलम होता है। रमजान और नवरात्रि का पर्व होने के बाद भी दुकानों पर दिन में ग्राहक नहीं पहुंचते।

कब रहा कितना तापमान
डेट अधिकतम तापमान न्यूनतम तापमान
31 मार्च 40 23
1 अप्रैल 42.8 20.5
2 अप्रैल 41.4 21.7
3 अप्रैल 42.5 19
4 अप्रैल 43.2 20.6
5 अप्रैल 42.5 20.6

बच्चों के लिए खतरनाक है मौसम
डॉक्टर्स का कहना है कि तेज धूप के चलते पसीना निकलने से बच्चे डिहाइड्रेशन शिकार हो सकते हैं। उन्हें तेज बुखार आ सकता है। ठंडा और गर्म होने की वजह से उन्हें जुकाम, खांसी और कमजोरी का सामना भी करना पड़ सकता है। इसके अलावा धूप में चक्कर आना, पेट में दर्द, उल्टी व दस्त होना आम बात है। डॉक्टर्स का कहना है कि बच्चों का तेज धूप में सिर ढंका होना चाहिए। उन्हें घर का भोजन और साफ पानी उपलब्ध कराया जाए। अगर कई दिन तक बुखार नही उतरता है तो खतरा हो सकता है।

डीएम के आदेश पर स्कूलों की टाइमिंग में बदलाव किया गया है। अब एक से कक्षा आठ तक के स्कूलों में दो बजे की जगह 12 बजे छुट्टी होगी। इससे वह जल्दी अपने घर पहुंच सकेंगे।
प्रवीण कुमार तिवारी, बीएसए

अधिक तापमान बच्चों के लिए खतरा बन सकता है। पैरेंट्स को चाहिए कि बच्चों का सिर ढंककर रखें। उसे घर का बना साफ और ताजा भोजन ही टिफिन में दें। बाजार की चीजों से परहेज करें।
डॉ। संजय त्रिपाठी, बाल रोग विशेषज्ञ

Posted By: Inextlive