हालात बता रहे हत्या और पुलिस सुसाइड
दोनो हाथ बंधे थे पीछे, एक पांव था बेड और दूसरा जमीन पर, गले में लगा था दुपट्टे से फंदा
राजरूपपुर एरिया में किराए के मकान में रहता था मृतक, पुलिस बोली, हो रही है जांचPRAYAGRAJ: दोनों हाथ पीछे तरफ सफेद रंग की रस्सी से बंधे हुए थे। एक पैर बेड पर मुड़ा हुआ तो दूसरा जमीन पर टिका था। छत के हुक से बंधे दुपट्टे से गले में फांसी का फंदा लगा था। कुछ इसी कंडीशन में मंगलवार सुबह नीरज केसरवानी (40) की बॉडी कमरे के अंदर मिली। राजरूपपुर स्थित जिस कमरे में उसकी बॉडी मिली है वह किराए का था। क्राइम सीन तो सुसाइड वाले नहीं लग रहे थे। मगर, पुलिस सुसाइड ही बता रही थी। पीछे बंधे उसके हाथ और बॉडी की सिचुएशन लोगों में कत्ल के शक को जन्म दे रही है। परिवार वाले भी हत्या की आशंका जता रहे हैं। पोस्टमार्टम बाद रिपोर्ट में धूमनगंज पुलिस सुसाइड आने की बात कह रही है।
परिवार में थे केवल पति व पत्नीनीरज पांच भाइयों में चौथे नंबर पर था। उसका पैतृक मकान शहर के बेनीगंज में था। पिता श्यामबाबू की मौत के बाद यह मकान बिक गया। इसके बाद पांचों भाई अलग-अलग किराए पर रहने लगे। पांचों भाई कैटरिंग का काम किया करते थे। नीरज की शादी बेनीगंज भावापुर की संगीता से 2003 में हुई थी। विवाह के कई वर्ष बीत गए उसे अब तक कोई बच्चा नहीं हुआ। पत्नी संगीता के साथ नीरज राजरूपपुर में किराए के कमरे में रहता था। जिस मकान में वह किराएदार था वहां तीन किराएदार और रहते हैं। सभी के कमरे का दरवाजा आंगन में ही खुलता है। नीरज खुद कैटरिंग तो पत्नी लोगों के घर काम करती थी। सोमवार की शाम वह रोज की तरह काम पर गई हुई थी। रात करीब दस, सवा दस बजे काम से रूम पर आई और दरवाजा खुला तो वह चीख पड़ी। आवाज सुन पड़ोसी किराएदार दौड़ पड़े। लोग देखे तो नीरज की बॉडी फांसी के फंदे से लटक रही थी। संगीता यह बात मायके में मां और भाइयों को बताई। इस पर नीरज की सास, उसका साला संगीता के कमरे पर पहुंच गए। मंगलवार सुबह करीब दस बजे सूचना नीरज के भाइयों को मिली। उसका भाई दीपक व अन्य पहुंचे तो देखे कि कमरे में उसकी सास, साला व पत्नी संगीता मौजूद थी। बॉडी की कंडीशन देखकर सभी नीरज का कत्ल किए जाने की बात करने लगे। जानकारी पर पहुंची पुलिस सुसाइड बताते हुए बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेज दी। पुलिस सुसाइड और परिवार हत्या की बात करता रहा। खैर, बॉडी जिस कंडीशन में लटक रही थी उसे देख हर कोई कत्ल की आशंका से ग्रसित रहा।
ऐसे में कैसे वहां लगा सकता है फांसी मौके पर पहुंचे मृतक के भाइयों ने हालात को देखते हुए उठाए गंभीर सवालPRAYAGRAJ: नीरज की मौत के बाद पहुंचे भाई दीपक ने कई सवाल खड़े किए। उसके मुताबिक देखा कि कमरे में नीरज के मोबाइल की टार्च जल रही थी और वह आलमारी के ऊपर था। कहा कि कमरे कि जमीन से कमरे की छत करीब दस फीट पर है। छह फीट के करीब उसकी खुद की लंबाई थी। दो फीट तो बेड की ऊंचाई ही थी। मुड़ा हुआ एक पैर बेड पर ही था। दूसरा पांव जमीन पर पूरी तरह बैठा था। दोनों हाथ पीछे साइड रस्सी से बंधे हुए थे। ऐसे में भला कोई सुसाइड कैसे कर सकता है। कोई सुसाइड खुद का हाथ बांध कर क्यों और कैसे करेगा। बेड के चादर में एक भी सिल्वट नहीं थी। फांसी लगाता तो जान निकलते समय छटपटाता ऐसे में बेड का चादर में कहीं तो सिल्वट आती। कमरा एक ही था उसमें किचन था। नीरज के भाई दीपक की मानें तो कमरे में टीवी व उसका सेटअप बॉक्स भी ऑन था।
पत्नी बोली पति में थे कई ऐब पत्नी संगीता की मानें तो नीरज करीब करीब आठ बजे रात उसे इसलिए फोन किया था कि खाना क्या बनेगा। चूंकि लोगों के घर काम करे वह थक जाती थी। इसलिए कभी कभार नीरज भी खाना बना लिया करता था। उसके मुताबिक नीरज नशेड़ी के साथ जुआड़ी भी था। एक दफा करीब चालीस हजार रुपये उसकी कमाई भी वह जुआ और शराब में गंवा दिया। कुछ दिन पहले वह संगीता से एटीएम यह कहते हुए मांगा था कि उसके ऊपर कर्ज बहुत हो गया है। संगीता उसे एटीएम नहीं दी तो कुछ विवाद हुआ था। खुद नीरज की पत्नी संगीता भी उसके मौत की कंडीशन को लेकर परेशान है। एक सवाल के जवाब में वह सुबकते हुए वह बोली कि साहब अपनी कमाई से मैं उन्हें बाइक दिलवाई थी। जुआ खेलने के लिए गहन रखे तो मैं ही छुड़वाई थी। चूंकि बाइक मेरे नाम थी इस लिए वह बेच नहीं पाते थे। लिखने में भूल हुई या बात कुछ और नीरज की बॉडी जिस कमरे में मिली उसमें एक बेड भी था। उसका एक पैर बेड पर मुड़ा हुआ था।दूसरा जमीन जमीन पर बिल्कुल सीधा। पुलिस द्वारा भरे गए पंचनामा में उसके दोनों पैर के कंडीशन सीधे बताए गए हैं।
वहां मौजूद लोगों की माने तो पंचायत नामा में केवल यह लिखा गया है कि दोनों हाथ में सफेद रंग की रस्सी है। जबकि उसके दोनों हाथ पीछे तरफ बंधे हुए थे। फिर बात का जिक्र क्यों नहीं किया गया कि उस सफेद रस्सी से उसके दोनों हाथ पीछे की तरफ बंधे थे। जबकि उसके अंडरवियर का रंग नीला व जो दुपट्टा उसके गले से लेकर छत के हुक में बंधा था वह लाल व हरा छापदार बताया गया है। आंखें अधखुली थीं और मुंह बंद, जानकार कहते हैं कि सुसाइड करने वाले कि जीभ बाहर आ जाती है। उसके बदन पर सफेद हाफ टी-शर्ट और नीला जींस एवं हरे रंग की सण्डो बनियान की बात लिखी गई है। यदि यह सब बता रहे लोगों की बातें सच हैं तो एक और बड़ा सवाल खड़ा हो जाता है। पोस्टमार्टम में भी सुसाइड की बात सामने आई है। परिवार वाले शक जता रहे तो उसकी मौत के कारणों का पता लगाया जाएगा। बंधे हुए हाथ का कसाव काफी ढीला था। इतना ढीला कि वह खुद हाथ निकाल सकता था। तारकेश्वर राय इंस्पेक्टर धूमनगंज