कोरोना काल के दौरान बेली अस्पताल में भर्ती रामलाल एक साल से हैं लापता सीसीटीवी फुटेज की जांच के लिए भेजा गया है लैब कोर्ट ने सुनवाई के बाद दी अगली डेटकोरोना काल के दौरान करीब एक साल पहले बेली अस्पताल से गायब हुये रामलाल यादव के प्रकरण में सोमवार को इलाहाबाद कोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट के समक्ष अधिकारी कोई ठोस साक्ष्य पेश नहीं कर सके. इस पर कोर्ट ने गहरी नाराजगी जताई. अधिकारियों ने कोर्ट से अनुरोध करते हुये कहा कि अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया है इसलिए कुछ समय और दे दिया जाए. कोर्ट ने अफसरों को एक और मौका देते हुये छह मई को फिर से कोर्ट के समक्ष बुलाया है.


प्रयागराज (ब्यूरो)। चौकी इंचार्ज व अन्य पर हो चुकी है कार्रवाई


कोरोना संक्रमित होने पर करीब 11 माह पहले परिजनों ने 82 वर्षीय रामलाल को बेली में भर्ती कराया था। अस्पताल से वह लापता हो गए थे। वह कहां गए, अभी तक इसका कोई सुराग नहीं है। परिजनों के बार-बार पूछने पर अस्पताल के जिम्मेदार लोगों ने उचित जवाब तक नहीं दिया। ऐसे में रामलाल के लापता होने तीन लोगों पर कार्रवाई की गई। बेली पुलिस चौकी की इंचार्ज इंदु वर्मा और अस्पताल की स्टाफ नर्स पूजा चौधरी को सस्पेंड किया गया। जबकि संविदा कर्मी आशीष श्रीवास्तव की सेवा समाप्त कर दी गई है। इस प्रकरण में रामलाल की बेटी विनीता ने कई जगहों पर शिकायत की। बेटी का कहना है कि पिता को अस्पताल के इमरजेंसी से ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था। गंभीर स्थिति में वह अस्पताल से कैसे भाग सकते हैं?

4 मई को कराया था भर्ती


माना जा रहा है कि लापता रामलाल के प्रकरण में जिम्मेदार अफसरों पर गाज गिर सकती है। रामलाल यादव मूल रूप से कौशांबी जनपद के कड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत अंबई बुर्ज गांव के रहने वाले हैं। वह बिजली विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी हैं। 4 मई, 2021 को वह कोरोना पॉजिटिव हो गए। उस समय कोरोना पीक पर था। बड़ी संख्या में मरीज मिल रहे थे और मौतें भी ज्यादा हो रही थीं। वहां से 7 मई को रामलाल लापता हो गए। जब मामला कोर्ट पहुंचा तो हड़कंप मच गया। कोर्ट ने पुलिस अधिकारियों और अपर मुख्य सचिव गृह को लापता रामलाल को पेश करने का कई बार आदेश दिया। यह ही नहीं लापता रामलाल के मामले में जांच की फाइल का बंडल भी बढ़ता जा रहा है। लेकिन लापता रामलाल का पता नहीं चल पा रहा है।

Posted By: Inextlive