टीन एजर्स प्राब्लम्स का साल्यूशन बना साथिया ऐप
प्रयागराज (ब्यूरो)। इस ऐप में शारीरिक बदलाव, मानसिक स्थिति, भावनात्मक परिवर्तन, त्वचा संबंधी समस्या, पोषण आहार, यौन संबंधी, नशा, अधिकार, योजना और जीवन कौशल संबंधी प्रश्नों के समाधान दिए गए हैं, जिससे टीन एजर्स को काफी आसानी हुई है। शर्म और संकोच के चलते वह लोग जिन समस्याओं को दूसरों से साझा नहीं कर पाते हैं, उनकी जानकारी और समाधान हमें इस ऐप से मिल जाता है। एक क्लिक में होता समाधानसाथिया सलाह मोबाइल ऐप किशोर-किशोरियों की मुश्किलों को दूर कर रहा है। इसके साथ ही किशोरावस्था में होने वाले बदलाव व उससे जुड़ी भ्रांतियों का समाधान महज एक क्लिक में हो रहा है। साथिया ऐप के माध्यम से किशोर-किशोरियों को उम्र के मुताबिक स्वास्थ्य मुद्दों पर सलाह मिल रही है, साथ ही जीवन कौशल संबंधी प्रश्नों का समाधान व साथिया हेल्पलाइन द्वारा सलाहकारों से जानकारी भी मिल रही है। इन लक्षणों का मिलेगा साल्यूशन
एक्सपर्ट बताते हैं कि इस ऐप के माध्यम से चिड़चिड़ापन, धैर्य एवं पढ़ाई में एकाग्रता की कमी, दोस्तों, भाई-बहनों के साथ झगड़ा करना, ज्यादा वक्त घर के बाहर गुजारना, डिप्रेशन, बार-बार बीमार पडऩा, कहना न मानना, बहस करना, झूठ बोलना, बात करने में झिझकना, परिजनों से बात करने में कतराना, छोटी छोटी बातों में घबरा जाना जैसी समस्याओं का निदान करने में आसानी होती है। प्ले स्टोर से होती है डाउनलोडआरकेएसके की जिला सलाहकार मनु राय का कहना है कि साथिया सलाह एप के माध्यम से किशोर-किशोरियां अपनी उन समस्याओं का समाधान आसानी से पा रहे हैं। जिन्हें जिन समस्याओं को वह संकोचवश दूसरों से नहीं कह पाते हैं। वह बताते हैं कि स्मार्टफोन पर इसे प्ले स्टोर से आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। यह एक अच्छी पहल है, जिससे किशोरावस्था में होने वाले परिवर्तन व भ्रांतियों को दूर किया जा रहा है।ऐप से मिल रही यह सेवाएं व सलाह - प्रजनन स्वास्थ्य संबंधित परामर्श सेवाएं- किशोरावस्था के दौरान पोषण समबंधित सलाह- एनिमिया जांच, उपचार तथा रोकथाम का परामर्श- माहवारी से संबंधित स्वच्छता एवं समस्याओं के निराकरण पर सलाह एवं उपचार- प्रजनन तंत्र संक्रमण व यौन जनित रोगों पर परामर्श- प्रसव पूर्व जांच एवं सलाह- सुरक्षित गर्भपात हेतु मार्गदर्शन एवं सलाह- समुचित रेफरल सेवा- विवाह के सही उम्र की जानकारी के लिए परामर्श व अन्य रोग एवं समस्याएं ( चर्म रोग, मानसिक तनाव, निराशा, नशापान, घरेलू एवं यौन हिंसा)
10 से 19 साल के बीच के टीन एजर्स को अपनी पर्सनल समसयाओं के समाधान का कोई तरीका नही मिल पाता है। इससे वह गलत राह पर भटक जाते हैं। ऐसे में इस ऐप के माध्यम से उनकी समस्याओं का समाधान आसानी से उपलब्ध हो रहा है।डॉ। सत्येन राय, एसीएमओ स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज