टेक्नोलॉजी नहीं दे सकती हाथ से बनी पेंटिंग्स की बारीकी
प्रयागराज ब्यूरो । आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और तकनीकी युग में हाथ से बनी पेंटिंग्स जैसी बारीकी और निखार मशीनें नही ला सकतीं। यह केवल हाथ से बनी पेंटिंग्स में ही आ सकती हैं। यह कहना था एनसीजेडसीसी में नेव आकार अंतरराष्ट्रीय कलाकार समूह के कलाकारों का। शुक्रवार को वह यहां आयोजित नेशनल लेवल की पेंटिंग एग्जिबिशन में उनसे दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने कला के क्षेत्र में बढ़ते तकनीक और मशीनी दखल को लेकर बात की। इस पर कलाकारों ने यह भी कहा कि आजकल के कलाकार तकनीक का इस्तेमाल जरूर करते हैं, लेकिन तकनीकी उपकरणों और मशीनों से बनी सस्ती पेंटिंग्स के कारण कई कलाकारों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है। यह परिवर्तन कलाकारों की जीविका पर असर डाल रहा है। अधिकतर कलाकार पेंटिंग को अब केवल शौक के रूप में अपनाते है।
इस अंतर को केवल कद्रदान पहचानते हैं
आर्टिस्ट्स का कहना था कि आजकल के कलाकार तकनीकी उपकरणों का उपयोग करते हैं, लेकिन वे मानते हैं कि हाथ से बनी पेंटिंग्स में जो सोच, मेहनत और बारीकी होती है, वह किसी मशीन से संभव नहीं हो सकती। हाथ से बनी कला में कलाकार अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्तिगत रूप से चित्रित करता है, जो उसे जीवंत और अनूठा बनाता है। तकनीकी उपकरणों से बनी पेंटिंग्स में वही गहराई और विशिष्टता नहीं होती, जो एक कलाकार के हाथों की बारीकियों से निकलकर सामने आती है। यही कारण है कि कला प्रेमी हमेशा हाथ से बनी पेंटिंग्स को अधिक सराहते हैं। यह भी कहा कि मशीनों के बजाय हाथ से बनी पेंटिंग्स की कीमत बाजार में अधिक होती है।क्या कहते हैं कलाकारऑनलाइन बेचती हैं पेंटिंग्सआस्था तिवारी एक प्रोफेशनल कलाकार हैं और कई सालों से पेंटिंग्स बना रही हैं। उनका कहना है कि आजकल हाथ से बनी हुई पेंटिंग्स की अहमियत बहुत कम हो गई है। पहले उन्होंने इस कला को पेशेवर रूप में अपनाने का सोचा था, लेकिन जब उन्हें इससे कोई लाभ नहीं हुआ, तो उन्होंने इसे अपनी रुचि के लिए बनाना शुरू किया और अलग-अलग प्रदर्शनी में भाग लेती हैं। अब वह पेंटिंग्स बनाती हैं और ऑनलाइन बेचती हैं। सरकार कलाकारों के लिए फंड तो देती है, लेकिन हमें उससे कोई फायदा नहीं मिलता।सफल हैं कई कलाकार- फोटो
प्रोफेशनल आर्टिस्ट अनिल शर्मा कहते हैं कि उन्होंने कई पेंटिंग्स बनाई हैं, जिन्हें उन्होंने बड़े-बड़े मंचों पर प्रस्तुत किया है। उन्होंने काफी समय तक अपनी कला दूसरों को सिखाई भी है। उनका कहना है कि कलाकार उस पल को जीकर उस पेंटिंग को बनाता है, जिसमें गहराई होती है। ऐसे कई कलाकार हैं जो संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो इस क्षेत्र में सफल हैं और उनके चित्र खरीदे जाते हैं।