आपके लिए सेल्फ बैलेसिंग बाइक, रेज्यूमे सेलेक्टर और रोबोटिक डाग बना रहे टेक्नोक्रेट्स
प्रयागराज ब्यूरो ।एमएनएनआईटी के स्टूडेंट्स पढ़ाई के साथ इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स को तैयार करने में भी पीछे नहीं हैं। सेल्फ बैलेंसिंग बाइक, रेज्यूमे सेलेक्टर और रोबोटिक डाग जैसे कई प्रोजेक्ट हैं जो जल्द ही पूरे होने वाले हैं। भविष्य में यह सभी मशीनें आम आदमी का रोजमर्रा का काम आसान बनाने में मदद करेंगी। वहीं टेक्नोक्रेट्स का कहना है कि ऐसे इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स को बनाने से उनकी स्किल्स भी सुधर रही हैं। इनके सफल होने पर वह ज्यादा बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर पाएंगे।
रोबोटिक्स क्लब में चल रहा इनोवेशन
संस्थान के रोबोटिक्स क्लब में करीब 17 ऐसे प्रोजेक्ट्स पर काम हो रहा है, जिनमें छात्रों की कड़ी मेहनत और नए आइडियाज नजर आ रहे हैं। क्लब में 10 फाइनल ईयर कोऑर्डिनेटर्स, 23 थर्ड ईयर मेंटर्स और 500 से ज्यादा फस्र्ट और सेकंड ईयर के छात्र इनमें दिन रात काम कर रहे हैं। सेल्फ बैलेंसिंग बाइक,रोबोटिक डॉग, रिज्यूमे सेलेक्टर, और एयर कैनवस जैसे यूनिक आइडियाज को पूरा करने में उनका अधिकतर समय जा रहा है।
प्रोजेक्ट वन- सेल्फ बैलेंसिंग बाइक
सेल्फ बैलेंसिंग बाइक एक बहुत ही दिलचस्प प्रोजेक्ट है, जो कंट्रोल सिस्टम और सेंसर्स का इस्तेमाल करके बाइक को संतुलित रखता है। इसका उद्देश्य भविष्य में ऑटोमेटिक बाइक बनाना है जो बिना किसी की मदद के अपने आप संतुलन बनाए रख सके। इस बाइक को एक खास कंट्रोलर के माध्यम से संतुलित किया जाता है और इसे वायरलेस जोइस्टिक से कंट्रोल किया जा सकता है।
प्रोजेक्ट नंबर दो- रोबोटिक डॉग
प्रोजेक्ट नंबर चार- एयर कैनवस
एयर कैनवस एक सॉफ़्टवेयर है जो इमेज प्रोसेसिंग और कंप्यूटर विजऩ तकनीक का उपयोग करता है। इसमें आप अपनी उंगुलियों से हवाई इशारे कर सकते हैं और स्क्रीन पर किसी चीज़ को ड्रॉ कर सकते हैं या लिख सकते हैं। यह खासतौर पर शिक्षण, प्रस्तुतियों और कला के क्षेत्र में काम आ सकता है।
अलग अलग फेज में है डेवलपमेंट
ये सभी प्रोजेक्ट्स अभी प्रक्रिया में हैं और अलग-अलग फेज़ में चल रहे हैं। टेक्नोक्रेट्स का कहना है कि ये प्रोजेक्ट्स कुछ महीनों में पूरे हो जाएंगे और अलग-अलग इवेंट्स में इन्हें पेश किया जाएगा। टेक्नोक्रेट्स के अनुसार, इन प्रोजेक्ट्स के जरिए वे अपनी स्किल्स को और बेहतर तरीके से सुधार पा रहे हैं और उन्हें अपने इन्नोवेटिव आइडियाज को लागू करने का अच्छा मौका मिल रहा है। क्लास के बाद, जब भी उन्हें समय मिलता है, तो वे अपना अतिरिक्त समय इन प्रोजेक्ट्स पर काम करने में लगाते हैं।
बच्चों को इन प्रोजेक्ट्स से काफी कुछ सीखने को मिलता है। बच्चे अपने इनोवेटिव आइडियाज को इम्प्लीमेंट कर पाते हैं और अपनी स्किल्स को एनहांस करते हैं। आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का ज्ञान होना काफी जरूरी है और इन प्रोजेक्ट्स के जरिए स्टूडेंट्स इसके कॉन्सेप्ट्स को सीख पाते है।
आनंद शर्मा (रोबोटिक्स क्लब संकाय प्रभारी)