- अमृता विश्वविद्यापीठम और दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से 'रीइमेजनिंग एजूकेशनÓ पर दो दिवसीय वर्कशॉप का पहला दिन- होटल रामा कांटिनेटल में आयोजित वर्कशॉप में ट्र्रेनर्स ने शिक्षकों को दिए टिप्स

प्रयागराज ब्यूरो । आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानि एआई क्या है। आज के एजूकेशनल सिनेरियो में इसका कितना महत्व है। एआई की सहायता से शिक्षा के पैटर्न को कितना बदला जा सकता है। टीचर्स को एआई के बारे में कितनी जानकारी है। क्लास में स्मार्ट तरीके से पढ़ाने के लिए टीचर्स कैसे बेहतर लर्नर बन सकते हैं। इन सवालों का जवाब होटल रामा कांटीनेंटल में सोमवार को आयोजित अमृता विश्वविद्यापीठम और दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से ' रीइमेजनिंग एजूकेशनÓ के दो दिवसीय वर्कशॉप के पहले दिन टीचर्स को मिला। इस दौरान ट्रेनर्स ने काफी संजीदगी से टीचर्स को रीइमेजनिंग एजूकेशन से जुड़ी महत्वपूर्ण टिप्स दिए।

एआई टूल के महत्व को बताया
वर्कशॉप के पहले दिन बड़ी संख्या में टीचर्स ने शिरकत की। उनको बताया गया कि एआई की मदद से एजूकेशन सिस्टम को कैसे स्ट्रांग बनाया जा सकता है। इसके कौन कौन से टूल्स हैं। अमृता विश्वविद्यापीठम के एकेडमिक मैनेजर और काउंसलर डॉ। शौर्य कुटप्पा ने एआई के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि तकनीकी युग में एआई की बहुत उपयोगिता है। इसका इस्तेमाल शिक्षा में भी किया जा रहा है। उन्होंने कई उदाहरण भी दिए। बताया कि मोबाइल की जिस चिप का निर्माण दस साल बाद होना है उसका डिजाइन आज की डेट पर तैयार हो चुका है। उन्होंने वीक और स्ट्रांग एआई के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने टीचर्स को एआई टूल चैट जीपीटी के बारे में भी बताया। उन्होंने इस टूल के इस्तेमाल पर भी अपनी बात रखी।

अच्छा लर्नर ही बन सकता है बेस्ट टीचर
सीनियर करियर काउंसलर एंड ट्रेनर साइमा खान ने टीचर्स को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि एक अच्छा लर्नर ही बेस्ट टीचर बन सकता है। सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। क्लास में पढ़ाते समय टीचर्स को बच्चों की बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान देना चाहिए। अगर वह बच्चे टीचर के लेक्चर से कनेक्टेड नहीं है तो इस ज्ञान का कोई फायदा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि न्यू एजूकेशन पालिसी से घबराने की जरूरत नहीं है। इस पर हमारे टीचर्स शुरुआत से काम कर रहे हैं। हम खुद से रोज कुछ नया सीखकर बच्चों को पढा सकते हैं। कहा कि आज के बच्चे तकनीक से कनेक्टेड और बहुत स्मार्ट हैं। उनको पढ़ाने के लिए टीचर्स को अधिक स्मार्ट बनना होगा। जब टीचर्स चीजों को समझेंगे तभी उनको भी बता सकेंगे। उन्होंने ब्लूम्स टेक्सोनोमी की चर्चा करते हुए रिमेंबरिंग, अंडर स्टैंडिंग, अप्लाइंग, एनालाइजिंग और इवैल्यूएशन के बारे में भी बताया।

पूछा सवाल, जीते इनाम
वर्कशॉप के पहले दिन ट्रेनर्स और टीचर्स के बीच जमकर सवाल जवाब का दौर चला। ट्रेनर्स ने उनसे एआई और ब्लूम्स टेक्सोनोमी के बारे में सवाल पूछे। जिसका जवाब टीचर्स ने देकर इनाम भी जीते। इसके पहले कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्जवलन के साथ हुई। इस दौरान अमृता विश्वविद्यापीठम के एकेडमिक मैनेजर और काउंसलर शौर्य कुटप्पा, कैरियर काउंसलर व ट्रेनर साइमा खान और दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के संपादक श्याम शरण श्रीवास्तव रहे।

Posted By: Inextlive