गांव से आए शहर में अब लगेगा टैक्स
प्रयागराज (ब्यूरो)। इससे अच्छा तो हमारा गांव ही था। न हाउस टैक्स की चिंता थी न जलकर का झंझट। मेहनत की कमाई से घर परिवार मस्त चल रहा था। कुछ दिन बाद यह सारी बातें वह लाखों लोग सोचेंगे, जिनका घर व गांव शहर के विस्तारित क्षेत्र में आ गया है। क्योंकि गांव से कट कर शहर में शामिल हुए इन नगर निगम के विस्तारित एरिया में स्थित मकानों पर जल्द ही हाउस टैक्स व जल का कर लगाया जाएगा। यह सारे टैक्स लगाने के लिए नगर निगम ने इन सभी नए वार्डों में भवनों के सर्वे का काम शुरू करा दिया है। अब तक करीब पचास हजार मकानों का सर्वे हो चुका है। जैसे ही रिपोर्ट फाइनल होगी, मकान के आधार पर शहर की तरह टैक्स निर्धारित करके वसूली शुरू की जाएगी। टैक्स वसूली को लेकर वह तमाम प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी जो अभी तक शहर में लागू थीं। मतलब यह कि गांव से शहर में शामिल हुए लोगों को सुविधाओं लाभ तो मिलेगा पर टैक्स भी देना होगा।
शहरी रेट से देना होगा बिजली का बिल
नगर निगम यानी शहर का विस्तार होने से पहले यहां 80 वार्ड हुआ करते थे। इन्हीं 80 वार्डों में मौजूद मकानों से नगर निगम द्वारा हाउस टैक्स ओर जलकल के द्वारा पानी का कर वसूला जा रहा था। शहर में बढ़ती आबादी और सिकुड़ती जमीन को देखते हुए विस्तारीकरण का प्लान तैयार किया गया। तमाम तरह के सर्वे और जांच के बाद सिटी के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों में आने वाले करीब दो लाख 34 हजार मकानों को नगर निगम में शामिल किया गया। शहरी क्षेत्र में आने के बाद इन गांवों के लोग व मकानों के मालिक खुशी से गदगद हो गए। सभी को लगा अब उन्हें भी शहर की सुविधाएं मिलेंगी। लोग ग्रामीण नहीं बल्कि शहरी के रूप में उन्हें देखेंगे और जमीन की कीमतें भी काफी बढ़ जाएंगी। सुविधाओं और फायदों को लेकर फूले नहीं समा रहे इन विस्तारित क्षेत्रों के मकान मालिकों को अब झटका लगने वाला है। हर महीने उन्हें भी हाउस टैक्स और जलकल को पानी का कर देना होगा। ऊपर से मकान के अनुसार सफाई का और सीवर आदि का चार्ज जो लगेगा वह ऊपर। इतना ही नहीं सस्ते दर पर जो बिजली का उपभोग गांव में रहकर मजे से कर रहे थे अब उस बिजली बिल का भी चार्ज काफी बढ़ जाएगा। विस्तारित क्षेत्रों के मकानों से हाउस टैक्स वसूली शुरू करने की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए नगर निगम के द्वारा इन इलाकों में मकानों का सर्वे कराया जाएगा। अभी तक विस्तारित क्षेत्रों के करीब 50 हजार मकानों का सर्वे हो चुका है। सर्वे का काम पूरा होने के बाद मकान और उसके क्षेत्रफल आदि को देखते हुए उन पर टैक्स लगाए जाएंगे। हाउस टैक्स लगते ही जल का शुल्क अपने आप जुडऩे लगेगा।
पीके द्विवेदी अपर मुख्य कर निर्धारण अधिकारी