प्रयागराज जंक्शन पर पीने के पानी के लिए यात्रियों को करनी पड़ती है मशक्कत-सबहेड
प्रयागराज (ब्यूरो)।गर्मी अपने चरम पर है। गर्म हवाएं शरीर का पानी सुखा दे रही हैं। घंटे भर पीने को पानी न मिले तो बेचैनी हो जा रही है। ऐसे में प्रयागराज रेलवे जंक्शन पर पानी की किल्लत यात्रियों के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दे रही है। जंक्शन पर पानी का संकट इस कदर हो गया है कि यात्री स्टॉल वालों से भिड़ जा रहे हैं। रेलवे यात्रियों को रेल नीर डिब्बा बंद पानी उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। जितनी जरुरत है उसकी आधी भी सप्लाई नहीं है। यही नहीं प्लेटफार्म पर लगे नल भी सूख जाते हैं। ऐसे में भीषण गर्मी में यात्री प्यास से तड़प जाते हैं।
गर्मी में रेल यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या में खासा इजाफा हो जाता है। इसका कारण बच्चों की गर्मियों की छुट्टियां और शादी विवाह के चलते घर लौटने वालों की भीड़ रहती है। गर्मी के चलते रेलवे जंक्शन पर पानी की खपत भी बढ़ जाती है, मगर रेलवे यात्रियों को पीने का पानी मुहैया नहीं करा पा रहा है।
रेल नीर की सप्लाई प्रभावित
रेलवे जंक्शन पर बोतल बंद पानी रेल नीर की सप्लाई प्रभावित हो गई है। प्लेट फार्म पर खुले खान पान के स्टॉलों में बोतल बंद पानी की किल्लत इस कदर है कि स्टॉल वालों और यात्रियों के बीच झगड़े के बीच तूतू मैंमैं की नौबत आ जा रही है। स्टॉल संचालकों का कहना है कि रेल नीर की सप्लाई जरुरत के मुताबिक नहीं हो पा रही है। जिसकी वजह से दिक्कत हो रही है।
रेलवे जंक्शन पर बोतल बंद पानी के अलावा शीतल पेयजल और सामान्य नल की व्यवस्था है। तमाम लोग पैसे बचाने की खातिर बोतल बंद पानी नहीं खरीदते हैं। ऐसे यात्री बोतल में ठंडा पानी या फिर सामान्य नल से पानी भर लेते हैं। प्लेटफार्म सात और आठ पर दो जगह शीतल पेयजल की व्यवस्था है। ट्रेन आने पर दोनों जगह पर यात्रियों की भीड़ लग जाती है। ऐसे में यात्री बोतल बंद पानी खरीदे या फिर सामान्य नल से पानी भर ले। बोतल बंद पानी की किल्लत बरकरार है। ऐसे में सामान्य नल बंद होने पर यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्लेटफार्म सात, आठ, नौ और दस पर पेयजल को लेकर सबसे ज्यादा दिक्कत है।
सूख जाते हैं नल
प्लेटफार्म सात और आठ पर नल संख्या 28, 29, 30, 39, 40, 41, 48,49, 50, 51, 52, 53, 55, 56, 57, 58, 59, 60 शनिवार को करीब पौने एक बजे बंद थे। ये समस्या कोई एक दिन की नहीं है। आए दिन सामान्य नल बंद हो जाते हैं। ऐसे में यात्री परेशान होते हैं।
रेलवे जंक्शन के प्लेटफार्म पर आवारा कुत्तों का डेरा रहता है। सफाई व्यवस्था में तो सुधार है मगर आवारा कुत्तों से अभी भी यात्रियों को खतरा बना रहता है। वहीं रेलवे ट्रैक पर गाय घूमती रहती हैं। इससे हादसा हो सकता है, मगर रेलवे अफसरों की नजर इस ओर नहीं पड़ रही है। गर्मी की वजह से बोतल बंद पानी रेल नीर की डिमांड बढ़ गई है। सप्लाई देने का प्रयास किया जा रहा है। गर्मी की वजह से दिक्कत है।
रतन अग्रवाल, रेल नीर सप्लायर स्टेशन पर ट्रेन खड़ी होती है तो स्टॉपेज टाइम कम होने से उतरकर पानी लिया नहीं जा सकता है। टे्रन के अंदर पानी मिलता नहीं है। गर्मी की वजह से बहुत दिक्कत हुई।
सज्जाद, रेल यात्री
ट्रेन के पहुंचने पर प्लेटफार्म पर भीड़ बढ़ जाती है। एक साथ कई लोग पानी भरने की होड़ में रहते हैं। घर से जो पानी बोतल भरके लाए थे वो खतम हो गया। सारे रास्ता पानी के लिए परेशान हो गए।
राधा, रेल यात्री
वरदानी, रेल यात्री बनारस से प्रयाग आने में कहीं पानी नहीं मिला। रास्ते में घर से लाया पानी खत्म हो गया। स्टेशन पर खड़े वेंडर पानी बेच रहे थे लेकिन स्टॉपेज टाइम कम होने से पानी नहीं ले पाए।
रघुवीर, रेल यात्री