घर और दुकान व रेस्टोरेंट के अंदर यदि रेफ्रिजरेटर एसी और गैस सिलेंडर हैं तो सावधान रहें. यह ऐसे उपकरण हैं जिनकी वजह से आग की घटनाएं ज्यादा हुई हैं. यह बात दस महीने के अंदर जिले में हुई आग की घटनाओं के जांच से यह पता चला है. छानबीन में सामने आए इन कारणों को लेकर खुद फायर ब्रिगेड के जवान भी स्तŽध हैं. लोगों द्वारा बरती गई छोटी-छोटी लापरवाही भी आग की चिंगारी को हवा देने का काम की है. यह सब देखते हुए अग्निशमन विभाग ने पŽिलक को आगाह करने में जुटा है. आग की इन घटनाओं में हुए नुकसान का डाटा कलेक्शन का काम अभी जारी है.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। वर्ष के इन दस महीनों के अंदर जिले में आग लगने की कुल 457 घटनाएं हो चुकी हैं। अभी वर्ष को बीतने में दो महीने शेष हैं। अब तक लगी आग की की घटनाओं का Žयोरा विभाग ने तैयार कर लिया है। आग की इन घटनाओं के कारणों को लेकर भी विभाग द्वारा पड़ताल की गई। महकमें से जुड़े सूत्र बताते हैं कि तफ्तीश में आग लगने के कारण स्तŽध करने वाले हैं। ज्यादा घटनाएं गैस सिलेंडर, एसी और रेफ्रिजरेटर के चलते हुई हैं। यह कारण घर और दुकान व रेस्टोरेंट एवं मॉल जैसे स्थानों पर लगी आग की जांच में मिले हैं। गैस सिलेंडर से लगी आग में पाइप से लीकेज बड़ी वजह रही। जबकि ऐसी से आग लगने का कारण गैस लीकेज या कंप्रेशर का Žलास्ट होना पाया गया है। फ्रिज से लगी आग के पीछे उसे स्विच बोर्ड के नीचे रखना बड़ी वजह बताई गई। जांच से जुड़े कुछ जवान बताते हैं कि स्विच बोर्ड लोग प्रॉपर चेक नहीं कराते। इससे बोर्ड में शार्टसर्किट का खतरा बना रहता है। स्विच बोर्ड में शार्ट सर्किट से उसके ठीक नीचे रखा रेफ्रिजरेटर में भी स्पार्क हो जाता है। इससे आग भड़क जाती है। शुक्र है कि अग्निशमन अधिकारियों व जवानों की सक्रियता के चलते इन घटनाओं में कोई जनहानि नहीं हुई।आग से बचाव के विभाग ने दिए टिप्स
एसी को चेक कराते समय या घर में काम करवाते समय स्विच बोर्ड से लीड हटा दें सिर्फ बटन बंद करके ऐसी का मेंटिनेंस या सफाई का कार्य कभी भी नहीं कराएं। रेफ्रिजरेटर को स्विच बोर्ड से सटाकर या उसके नीचे नहीं रखें, बोर्ड से दूर रखें। एक दो दिन के लिए बाहर जा रहे तो रेफ्रिजरेटर की लीड बोर्ड से निकाल दें। चलता हुआ रेफ्रिजरेटर छोड़कर नहीं जाएं, समयानुसार बोर्ड को चेक कराएं। ध्यान दें कि रेफ्रिजरेटर के बिल्कुल पीछे सटकर स्विच बोर्ड नहीं होना चाहिए। सिलेंडर की पाइप हर छह माह नहीं तो साल में एक बार जरूर चेंज कराएं। गैस सिलेंडर से चूल्हे के कनेक्शन में लोकल पाइप का प्रयोग न करें। सिलेंडर से गैस के लीक होने का शक हो तो अगरबत्ती आदि न जलाएं। पहले एजेंसी को कॉल करके चेक करवाएं इसके बाद ही गैस चूल्हे का प्रयोग करें गैस सिलेंडर के रेगुलेटर को लगाते वक्त पूरी सावधानी बरतें अच्छी तरह चेक करें गैस सिलेंडर के पास ज्वलनशील पदार्थ तेल, केरोसिन, कागज कपड़े आदि न रखें घर, मॉल या रेस्टोरेंट व दुकान, वायरिंग यदि वर्षों पुरानी है तो चेक जरूर कराएं591 कॉल फायर ब्रिगेड को आयी दस माह में457 आग लगने की घटना दस महीने में हुई809 मानव सहित अन्य जीवों को बचाया गया03 कारणों से ज्यादातर लगी जिले में आगअब तक हुई आग की घटनाएं में ज्यादातर कारण कुछ इलेक्ट्रानिक उपकरण एवं गैस सिलेंडर ही रहे। यदि थोड़ी सी सावधानी लोग बरत लें तो इन घटनाओं से सभी बच सकते हैं। आग की घटनाओं में हुए नुकसान का डाटा अभी कलेक्ट किया जा रहा है।नरेंद्र प्रसाद दुबे अग्निशमन अधिकारी फायर स्टेशन सिविल लाइंस

Posted By: Inextlive