प्रयागराज में सामने आ रहे डेंगू पीडि़तों में बड़ी हिस्सेदार हैं 35 साल तक की उम्र वाले युवा और बच्चे नदियों का पानी उतरने के बाद डेंगू तेजी से पांव पसार रहा है. हेल्थ डिपार्टमेंट के ऑफिशियल डाटा के मुताबिक अभी तक डेंगू पीडि़तों का आंकड़ा तीन सौ तक नहीं पहुंचा है लेकिन ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की शार्टेज गवाही देती है कि पूरा सच यही नहीं है. अभी हम इस फैक्ट की पड़ताल बिल्कुल नहीं कर रहे हैं कि वास्तव में मरीज हैं कितने? अभी तक सामने आया डाटा चौंकाने वाला संकेत देता है. इसका प्रभाव युवाओं और बच्चों पर ज्यादा है. बुजुर्ग इससे काफी हद तक सुरक्षित हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि इसके पीछे सिर्फ एक और बड़ा कारण यह है कि बुजुर्ग प्रिकॉशन लेते हैं. इससे इतर युवा और बच्चे प्रिकॉशन लेने से परहेज करते हैं.

प्रयागराज ब्यूरो, डेंगू पीडि़तों का डाटा बताता है कि यह केवल युवाओं में नहीं, बच्चों में अपनी अपनी पैठ बना रहा है। पिछले 15 दिन में एक दर्जन मामले सामने आए हैं जिनमें दस साल से कम उम्र के बच्चों को डेंगू का डंक लगा है और इनका इलाज चल रहा है। अगर समय रहते डेंगू का इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा हो सकता है। यही कारण है कि डॉक्टर्स डेंगू से बचाव के तरीकों पर जोर दे रहे हैं। डेेंगू के मच्छर दिन में अपना प्रभाव दिखाते हैं। युवा और बच्चे दिन में ज्यादातर काम या स्कूल या फिर खेल के चक्कर में थोड़े लापरवाह होते हैं। इसी से वह ज्यादा पीडि़त हो रहे हैं। बुजुर्ग दिन में भी प्रिकॉशन लेकर चलते हैं इसलिए ज्यादा सुरक्षित हैं।

आसानी से चपेट में आते हैं बच्चे
डेंगू का मच्छर अक्सर दिन डूबने से पहले शरीर के खुले अंगों पर काटता है।
खासकर घुटनों के नीचे यह मच्छर अधिक वार करता है।
अमूमन दस साल से छोटे बच्चे हाफ पैंट या निकर में रहते हैं।
ऐसे में यह आसानी से डेंगू की चपेट में आ जाते हैं।
फील्ड में मूव करने वाले युवा भी आम तौर पर फुल बाजू का कपड़ा नहीं पहनते
इससे डेंगू मच्छर को उन्हें डंक मारने का मौका मिल जाता है और वे बीमार होते हैं
डॉक्टर्स कहते हैं कि बच्चों का डेंगू का इलाज करना आसान नही होता है।
दवाओं का हैवी डोज देने से उनकी सेहत पर उल्टा प्रभाव पड़ सकता है।
संक्रमित बच्चों में कई ऐसे हैं जिनकी उम्र पांच साल से भी कम है।

बुखार को न करें नजरअंदाज
बच्चों को अगर लंबे समय तक बार बार बुखार आ रहा है तो उसे नजरअंदाज न करें।
बुखार को नजर अंदाज करना और बिना जानकारी एंटी बायटिक व पेन किलर लेना डेंगू में खतरनाक हो सकता है।
इससे बच्चों के साथ युवाओं के खून में प्लेटलेट्स की संख्या अचानक कम हो सकती है।

17
नए मामले सामने आए शनिवार को
280
संक्रमित चिन्हित किये जा चुके हैं अब तक
37
मरीजों का अभी चल रहा है इलाज
243
मरीज हो चुके हैं पूरी तरह से स्वस्थ

पांच साल का बच्चा भी संक्रमित
शनिवार को पाए गए कुल मरीजों में सिविल लाइंस में पांच साल का बच्चा भी संक्रमित पाया गया है। 13 मरीज ऐसे हैं जिनकी उम्र 35 साल से कम है। इस बार बड़ी संख्या में युवा भी डेंगू की चपेट में आ रहे हैं। संक्रमित नैनी, जार्जटाउन, कटरा, बेली गांव, सिविल लाइंस, ममफोर्डगंज, ललित नगर रेलवे कालोनी, मेडिकल कॉलेज कैंपस, जसरा और भगवतपुर में मिले हैं।

इस सीजन में बच्चों को पूरे बदन के कपड़े पहनाए। इससे वह डेंगू के डंक से बचे रहेंगे। लक्षण दिखने पर डॉक्टर की सलाह लें। खुद से कोई दवा न खिलाएं, क्योंकि इससे बच्चे की सेहत को नुकसान हो सकता है।
डॉ। नानक सरन
सीएमओ प्रयागराज

Posted By: Inextlive