- 7 जून को मनाया जाएगा फूड सेफ्टी डे सेहत को खराब कर रही है मिलावट- जेब को चूना लगा रहे हैं अधोमानक नमूना मिथ्या छाप से भी नुकसान


प्रयागराज ब्यूरो । मार्केट में बिकने वाले खाद्य उत्पादों से होशियार हो जाइए। इनका सेवन करने से आपकी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। यह हम नही, खाद्य सुरक्षा विभाग की रिपोर्ट बता रही है। जिसके मुताबिक मार्केट में बेकरी और मिठाई प्रोडक्ट सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं। इनको खाने से सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। खानपान की चीजों की गुणवत्ता पर ध्यान नही देने का परिणाम यह है कि गर्मियों में हर माह सौ से अधिक फूड प्वाइजनिंग के मरीज अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। लीवर और किडनी के लिए हानिकारक है कलर
वर्ष 2023-24 में खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से चलाए गए अभियान के तहत मिठाई प्रोडक्ट्स में सबसे ज्यादा असुरक्षित सैंपल पाए गए। इनमें मिठाईयों में डाले जाने वाले कलर को लेकर सवालिया निशान उठाए गए। बताया गया कि इनका मानक से अधिक उपयोग किए जाने से मिठाई खाने वाले के लीवर और किडनी पर विपरीत असर पड़ता है। साल भर चलाए गए अभियान में कुल 74 नमूने अनसेफ पाए गए हैं। इनमें से 12 नमूने मिठाईयों से जुड़े हुए हैं। पाया गया कि दुकानदार मिठाईयों में अधिक कलर का यूज कर रहे हैं, ताकि वह दिखने में आकर्षक नजर आएं। यहां भी कलर निकला जानलेवा


दूसरे नंबर पर बेकरी प्रोडक्ट्स मिले हैं। इनमें शामिल दस नमूने अनसेफ मिले हैं। जांच मं पाया गया कि पेस्ट्री, पेटीज और केक आदि में भी मानक से अधिक कलर का उपयोग किया जा रहा है। इसकी वजह से यह सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसके अलावा 27 नमूने अन्य पदार्थों के अनसेफ मिले हैं। इनमें से कुट्टू का आटा, नट्स आदि शामिल हैं। इन खाद्य पदार्थों में हानिकारक मिलावट सामने आई है। गर्मियों में फूड प्वाइजनिंग अधिकमिलावटी और अनसेफ खाद्य पदार्थों का सेवन करने से लोग बड़ी संख्या में फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो रहे हैं। इसके चलते पेट में दर्द, अपच, बेहोशी, लूज मोशन और जी मिचलाने जैसे लक्षण सामने आ रहे हैं। एसआरएन अस्पताल में पिछले एक माह में सौ से अधिक फूड प्वाइजनिंग के मामले सामने आए हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि मई, जून और जुलाई में यह मामले तीन से अधिक अधिक हो सकते हैं। खासकर बच्चे ओर बुजुर्ग फूड प्वाइजनिंग का शिकार होते हैं। वितीय वर्ष 2023-24 में कुल लिए गए नमूने- 795मारे गए छापे- 4975प्राप्त जांच रिपोर्ट- 1038सब स्टैंडर्ड- 665मिथ्या छाप- 64बचने के लिए दीजिए ध्यान- मार्केट में खुले खानपान के पदार्थों को यूज करने से बचें

- पैकेट बंद आइटम्स की मैनुफैक्चरिंग, बैच नंबर और एक्सपायरी जरूर देख लें।- पैकेट पर बने तमाम तरह के इंडीकेटर्स पर भी ध्यान देना जरूरी है। - पनीर, दूध, क्रीम आदि दुग्ध पदार्थों की खरीद से पहले उनको चेक कर लें।- खुले में कटे हुए रखे फलों को खाने से बचें।-गंदे तरीके से बेचे जा रहे फल के जूस को भी उपयोग में मत लाएं।- जिस दुकान या होटल में खा रहे हैं उसकी गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना जरूरी।वर्जनहमारी ओर से लगातार अभियान चलायाजाता है। लोगो से अपील है कि खानपान की चीजों की गुणवत्ता देखकर ही उसका उपयोग करें। अनसेफ नमूनों में कार्रवाई की जा रही है। पिछले एक साल में हमने ऐसे मामलों में 36 लाख रुपए का जुर्माना बतौर अर्थदंड लगाया गया है।ममता चौधरी, सहायक खाद्य सुरक्षा आयुक्त द्वितीय, प्रयागराज मंडल

मिलावट से बचने के लिए हमारी ओर से सर्विलांस नमूनों को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। इसमें मिलावट करते पाए जाने पर विक्रेता के यहां से पुन: नमूने लेकर उसकी जांच करईा जाती है। मिलावट मिलने पर कड़ी कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है। संजय सिंह, एफएसएसओ, खाद्य सुरक्षा विभाग प्रयागराज

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