नहीं टूटा स्वरूप सिंह और सत्यभामा के रिकार्ड
प्रयागराज (ब्यूरो)। 1986 में स्वरूप सिंह ने 2.13.57 की बेहतरीन टाइमिंग के साथ रिकार्ड बनाया था, जबकि सत्यभामा ने 1996 में 2.44.40 में 42.195 किमी की दूरी कर कीर्तिमान बनाया था। शनिवार को यह दूरी तय करने में सुधा ने 2 घंटा 51 मिनट और शेर सिंह दो घंटा 20 मिनट का समय लिया।
सबसे तेज धावक1986 स्वरूप सिंह 2.13.57
2007 राम सिंह यादव 2.18.20
2018 वीएस धोनी 2.19.11
2008 दीप चंद्र शरण 2.19.34
2022 शेर सिंह 2.20.11 सबसे तेज महिला धावक
1996 सत्यभामा 2.44.40
1998 शास्त्री देवी 2.50.34
2007 रीना दास 2.51.09
2009 सुकन्या मल 2.49.53
2021 निरमाबेन 2.50.41
2022 सुधा सिंह 2.51.40 पुरूष वर्ग के चैंपियन 2022
शेर सिंह जयपुर राजस्थान 2:20:11
विक्रम बांगरिया महाराष्ट्र 2:21:58.
अनिल कुमार सिंह प्रयागराज 2:23:28
गोपी टी महाराष्ट्र 2:26:32
सर्वेश कुमार राय बरेली 2:26:49
नीरज कुमार गाजीपुर 2:27:57
हेतराम हिमाचल प्रदेश 2:27:57
राकेश आगरा उ.प्र। 2:28:04
हेमंत सिंह राजस्थान 2:38:29
जितेंद्र राजभर देवरिया 2:38:50
अखिलेश सिंह भदोही 2:41:19
उत्सव उत्तर प्रदेश 2:41:35
सुरेन्द्र कुमार राजस्थान 2:46:34
अजय राजभर उत्तर प्रदेश 2:47:04
महिला वर्ग के चैंपियन 2022
सुधा सिंह रायबरेली 2:51:40
अश्विनी जाधव महाराष्ट्र 3:01:22
ज्योति एस गावते महाराष्ट्र 3:05:15
प्राची राजू नागपुर महाराष्ट्र 3:08:01
कविता पटेल प्रयागराज 3:24:55
सोनिया उत्तराखण्ड 3:27:37
यशी सचान कानपुर 3:28:21
प्रीति चौधरी मुरादाबाद 3:28:58
काले माधुरी महाराष्ट्र 3:29:24
मंजू मुरादाबाद उ.प्र। 3:33:27
नूतन दिल्ली 3:36:34
अंती प्रयागराज 3:37:44
नीता प्रयागराज 3:38:57
रमनी पटेल एमपी 3:47:19
बिना चिप के दौड़े धावक
इंदिरा मैराथन में इस बार इलेक्ट्रानिक चिप, सड़क पर यातायात जैसी व्यवस्थाएं हवा हवाई ही साबित हुई। धावकों के लिए इलेक्ट्रानिक चिप का इंतजाम नहीं हो सका, जबकि पुलिस व यातायात विभाग ट्रैफिक प्रबंधन में पूरी तरह फेल रहा। म्योहाल चौराहा और मेडिकल चौराहे पर कई बार ऐसी स्थिति आई जब सड़क पार कर रहे वाहनों के कारण धावकों को अपनी गति धीमी करनी पड़ी। इसके अलावा धावकों के लिए इलेक्ट्रानिक चिप की व्यवस्था होनी थी, देर रात तक चिप का इंतजार होता रहा। रात में धावकों को आश्वासन दिया गया कि सुबह मैराथन शुरू होने से पहले चिप मिल जाएगी। हालांकि जिस कंपनी को चिप देने के लिए बुलाया गया था वह पैसों के विवाद के कारण नहीं आ सकी। खेल विभाग के अधिकारी चिप लेकर आने वाली कंपनी की गाड़ी के जाम में फंसने, दुर्घटना हो जाने जैसी अलग अलग बातें बताते रहे लेकिन, कोई भी सही जानकारी देने की जगह कन्नी काटता रहा।