भाड़े पर हत्या का शक, कई जिलों की पुलिस को भेजा फुटेज
प्रयागराज ब्यूरो । उमेश पाल की हत्या करने आए शूटरों का तौर तरीका प्रोफेशनल शूटरों जैसा रहा। शक है कि भाड़े के शूटरों से हत्या कराई गई। शूटरों ने चेहरा ढका हुआ नहीं था। यही बात पुलिस की जांच टीमों का शक भाड़े के हत्यारों की तरफ ले जा रही है। वारदात में जिस ढंग से उमेश को दौड़ाकर मारा गया, उससे भी यही कहा जा रहा है कि भाड़े के शूटर जब किसी की हत्या की सुपारी लेते हैं तो काम पूरा कर ही लौटना चाहते हैं। हमलवरों ने दो से तीन ऐसे थे जो उमेश पाल के घर के बाहर वाली गली के पास पहले से डेरा जमाए थे। पुलिस मान रही है कि यदि वह लोकल होते तो ऐसा न करते। पुलिस यह भी मान रही है कि शूटरों के साथ लोकल बदमाश भी रहे होंगे।
चर्चा का बाजार रहा गर्म
उमेश पाल व उनके गनर पर हमले के बाद चर्चा रही कि वारदात के पहले रेकी करना, बाद में पनाह देने का काम लोकल लोग ही कर सकते हैं। उमेश की हत्या जिस अंदाज में हुई उससे साफ है कि कई दिनों की रेकी की गई। पहले से प्लान तैयार किया गया कि कहां पर हमला करना है, कैसे भागना है, किन रास्तों को चुन्ना है। पुलिस को पूर्वांचल के शूटरों पर शक है। जौनपुर, आजमगढ़, गाजीपुर, बनारस, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर के भाड़े के हत्यारों को लेकर अफसर जानकारी जुटा रहे हैं। देर रात सीसीटीवी फुटेज से फोटो सर्च कर अफसरों ने आसपास के जिलों से जानकारी मांगी। दूसरे जिलों की पुलिस टीमों को फोटो, वीडियो भेजा गया है। ताकि वारदात को अंजाम देने का तरीका आखिर किस बदमाश का हो सकता है।