एसएसपी द्वारा जिले के 40 थानों पर गठित निगरानी दस्ता को किया गया एक्टिव पुलिस लाइंस में हरी झण्डी दिखाकर रवाना किए गए दस्ता में तैनात सभी जवानखुलेआम घूम रहे अपराधियों पर नजर रखने के लिए हर थाने में निगरानी दस्ता का गठन किया गया. इस दस्ता में मुख्य आरक्षी व आरक्षी तैनात किए गए हैं. दस्ता में शामिल जवान क्षेत्र के हिस्ट्रीशीटर व अभ्यस्त अपराधियों पर नजर रखेंगे. इन अभ्यस्त अपराधियों में चोर लुटेरे चेन स्नेचर एवं महिला सम्बंधित क्राइम से जुड़े क्रिमिनल शामिल हैं. इन अपराधियों की सक्रियता व मौजूदगी और मृत्यु तक की खबर निगरानी दस्ता के टीम को रखनी होगी. यह उन लोगों को भी वाच करेंगे जो क्षेत्र में शांति व्यवस्था को प्रभावित करने का काम करते हैं. इनके द्वारा किए गए कार्यों की सारी स्थिति एक रजिस्टर में अंकित की जाएगी. हर थाने के इस रजिस्टर की मानीटरिंग दस्ता के नोडल अफसर बनाए गए एसपी क्राइम करेंगे. रविवार को अफसरों द्वारा पुलिस लाइंस में हरी झण्डी दिखाकर बाइक सवार इस दस्ता को रवाना किया गया.

प्रयागराज (ब्यूरो)। निगरानी दस्ता के नोडल अफसर एसपी को एक वाट्सएप ग्रुप बनाने के निर्देश दिए गए हैं। कहा गया है कि वह इस ग्रुप में थानावार निगरानी दस्ता के जवानों का नंबर एड करें। ताकि आवश्यक वह त्वरित कार्रवाई की जरूरत जहां पर महसूस करें, इस ग्रुप के जरिए सूचना तत्काल शेयर कर सकें। निगरानी दस्ता के जवानों द्वारा ग्रुप में शेयर की गई सूचनाओं की गंभीरता के अनुरूप नोडल अफसर शीर्ष अधिकारियों को अवगत कराएंगे। इसके बाद अधिकारी तत्काल जरूरत के अनुसार क्लिक एक्शन लेंगे। यह निगरानी दस्ता सभी 40 थानों शाहगंज, करेली, सिविल लाइंस, धूमनगंज, कैंट, पूरामुफ्ती, कीडगंज, मुट्ठीगंज, अतरसुइया, कर्नलगंज, जार्जटाउन, शिवकुटी, दारागंज, झूंसी, सोरांव, मऊआईमा, नवाबगंज, फाफामऊ, होलागढ़, फूलपुर, थरवई, बहरिया, सरायइनायत, हण्डिया, सरायममरेज, उतरांव, नैनी, करछना, घूरपुर, थाना औद्योगिक क्षेत्र, मेजा, कोरांव, खीरी, बारा, शंकरगढ़, लालपुर और कौंधियारा पर बनाए गए हैं। हर थाने के निगरानी दस्ता में एक मुख्य आरक्षी व एक आरक्षी को रखा गया है। मतलब यह कि कुल 80 जवान इस निगरानी दस्ता की कमान संभालेंगे। इन जवानों पर अपराधियों की निगरानी को लेकर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिम्मेदारी नहीं निभा पाने वाले जवान या लापरवाही बरतने की दशा में सभी को सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

गांव जाकर लगाएंगे सक्रियता का पता
निगरानी दस्ता के जवान अपने थाने पर मौजूद अपराधियों व हिस्ट्रीशीटरों की सूची निकालेंगे
इसके बाद उनके गांव में उन अपराधियों के गांव व चौराहे पर जाकर उनके बारे में पता लगाएंगे
पब्लिक द्वारा के बीच हो रही चर्चाओं व अपराधियों के क्रियाकलापों पर को भी कोड करेंगे
यदि किसी अपराधी या हिस्ट्रीशीटर की मौत हो चुकी है तो उसका भी विवरण एक रजिस्टर में लिखना होगा
मौत कब और कैसे हुई, उसके साथी संगी और साथ रहने वाले अपराधी क्या कर रहे यह भी खंगालना होगा
इस काम में सम्बंधित क्षेत्र के चौकी इंचार्ज से भी आवश्यकतानुसार दस्ता के जवान मदद ले सकेंगे
सपोर्ट नहीं करने वाले चौकी इंचार्जों की बाबत सूचना पर एसपी क्राइम द्वारा बनाए गए ग्रुप पर शेयर करेंगे
यदि कोई अपराधी किसी के संरक्षण में है तो उसके बारे में भी गोपनीय तरीके से अफसरों को बताएंगे


अच्छे काम पर किए जाएंगे पुरस्कृत
महीने में एक बाद खुद एसएसपी द्वारा सभी थानों पर बनाए गए निगरानी दस्ता के कार्यों की समीक्षा की जाएगी। जिसके जरिए भी बेहतर काम किया गया होगा उसे एसएसपी खुद पुरस्कृत करेंगे। काम नहीं करने वालों पर वह कार्रवाई भी करेंगे। निगरानी दस्ता में शामिल यदि कोई जवान किसी अपराधी से यारी या फिर सम्बंध निभाते हुए पाए गए तो उनका सस्पेंशन तय होगा।


हर थाने पर तैनात किए गए निगरानी दस्ता का नोडल एसपी क्राइम को बनाया गया है। दस्ता को कई अहम जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। उनके जरिए थाना क्षेत्र के एक्टिव व निष्क्रिय अपराधियों पर पैनी नजर रखी जाएगी।
अजय कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रयागराज

Posted By: Inextlive