बाघम्बरी क्षेत्र अल्लापुर रामलीला कमेटी की ओर से धनुष भंग सीता स्वयंवर परशुराम लक्ष्मण संवाद प्रसंग का मंचन किया गया. धनुष भंग प्रसंग के तहत जब कोई राजा-महाराज शिव धनुष को हिला तक न सकें तब महाराज जनक ने दुख प्रगट करते हुए कहा कि यह धरती वीरों से खाली हो चुकी है. तब विश्वामित्र की आज्ञा से श्रीराम ने खिलौनों की भांति धनुष को उठाकर जैसे ही उस पर प्रत्यंचा चढ़ाने चले तो वह टूट गया. सीता स्वयंवर व परशुराम लक्ष्मण संवाद में जैसे ही धनुष टूटता है उसकी आवाज़ से परशुराम जी का ध्यान टूटता है और वह जनकपुरी आ धमकते हैं और कहते हैं
By: Inextlive
Updated Date: Fri, 30 Sep 2022 12:22 AM (IST)
प्रयागराज (ब्यूरो)।सुनहु राम जेहिं शिव धनु तोरासहस्त्रबाहु सम सो रिपु मोराइस पर लक्ष्मण क्रोधित हो उठते हैं और बोले नाथ शम्भू धनु भंज निहाराहोइहिं कोई मुनि दास तुम्हारा अंत मे श्रीराम ने विनय पूर्वक परशुराम को मनाया और तब सीता ने प्रभु के गले मे जयमाल डालकर वरण किया और आसमान से देवगण पुष्प वर्षा करने लगे। लीला मंचन की शुरुआत आशुतोष जायसवाल (कोषाध्यक्ष) के द्वारा भगवान की आरती से प्रारम्भ हुआ। संचालन संयुक्त मंत्री आशीष बाजपेयी ने किया। इस दौरान कुंज बिहारी मिश्र, संजीव बाजपेयी, दुर्गेश दुबे, दुकान जी आदि मौजूद रहे।
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