22 दिन बाद मौत से हार गई सुमन
धारदार हथियार से 15 फरवरी को मारकर ससुर ने किया था घायल
प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मंगलवार को हुई मौत, हुआ हंगामा PRAYAGRAJ: धारदार हथियार से घायल की गई सुमन देवी (35)आखिरकार मौत से हार ही गई। 22 दिनों तक वह हॉस्पिटल में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करती रही। इकलौती बहू पर ससुर द्वारा हमला करके घायल किया गया था। उसके पति राजेश द्वारा पिता शम्भू, मां मंगरी देवी, बहन सीमा देवी एवं जीजा मुन्ना लाल के खिलाफ तहरीर दी गई थी। पुलिस द्वारा आरोपित शम्भू को गिरफ्तार कर लिया था। शेष तीन की गिरफ्तारी न होने से मृतका के पति व मायके वालों में गहरा रोष है। मंगलवार को पोस्टमार्टम बाद सभी ने जमकर हंगामा किया। 15 फरवरी को किया था हमलानैनी के महेवा पश्चिम पट्टी निवासी शम्भू भारतीया का राजेश इकलौती बेटा था। राजेश का आरोप हैं कि कुछ माह पूर्व पिता शम्भू ने उसे व पूरे परिवार को घर से निकाल दिया था। घर से निकाले जाने के बाद राजेश गांव के बाहर बना बनाया घर खरीद लिया। इसी मकान में वह पत्नी सुमन देवी व बेटे राज और रीतेश एवं बेटी रोहिनी के साथ रहने लगा। पेशे से पेंटर राजेश इसी मकान में जीवन बसर करने लगा। बताया कि 15 फरवरी को वह काम पर गया हुआ था। बेटे स्कूल गए थे, पत्नी व बेटी रोहिनी ही घर पर थी। इस बीच पिता यानी शम्भू उसके घर पहुंचे। पहुंचते ही वह धारदार हथियार से सुमन पर हमला कर दिए। धारदार हथियार से हमले की वजह से सुमन गंभीर रूप से घायल हो गई। इलाज के लिए उसे प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। मंगलवार सुबह उसकी हॉस्पिटल में मौत हो गई। उसकी मौत के बाद पुलिस ने बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। पोस्टमार्टम बाद बॉडी लेकर घर पहुंचे उसके पति व मायके वालों ने जमकर हंगामा किया। आरोप था कि पुलिस घटना के तीन आरोपितों को अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी। जबकि वारदात को हुए करीब 22 दिन का वक्त बीत चुका है।
भाग गई बहन नहीं उसे भी मार देतेमहिला का 12 वर्षीय बेटा राज और बेटी रोहिनी कक्षा छह व रीतेश एक में पढ़ाई करता है। राज ने बताया कि बाबा ने मम्मी को मारा था। मेरी बहन भागी न होती तो वे उसे भी मार देते। दौड़ाए थे मगर जब मम्मी घायल होकर गिर पड़ीं तो बहन डर के मारे चीखते हुए भागने लगी थी। सुमन के पति राजेश ने कहा कि पिता सारी सम्पत्ति बहन व बहनोई को देना चाहता था। हमें इस बात पर भी आपत्ति नहीं थी, उन्होंने घर से निकाला तो हम घर खरीद कर रह रहे थे। फिर भी वे मेरे परिवार को नहीं छोड़े।
महिला के ससुर ने ही उस पर धारदार हथियार से हमला किया था। उस वक्त पति की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इलाज के दौरान महिला की हॉस्पिटल में मौत हो गई है। जितेंद्र कुमार सिंह इंस्पेक्टर नैनी