बिल्डिंग निर्माण में इस्तेमाल हो रही घटिया सामग्री
प्रयागराज ब्यूरो । संभव है कि यह प्रेशर गेम हो? ऐसा पहले भी सामने आ चुका है। पूरा सच क्या है? यह तो जांच के बाद ही सामने आयेगा? जांच कराएगा कौन? यह सवाल भी बड़ा है। वैसे इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों ने बिल्डिंग निर्माण में घटिया क्वालिटी के सामान का इस्तेमाल किये जाने जा आरोप लगाया है। यह बिल्डिंग यूनिवर्सिटी के साइंस डिपार्टमेंट कैंपस के एनसीसी ग्राउंड पर निर्माणाधीन है। इसका ठेका प्राइवेट एजेंसी को दिया गया है और इसे लेक्चर हाल बताया जा रहा है। छात्र नेता अजय सम्राट ने इस संबंध में अधिशाषी अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता केंद्रीय लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखकर अवगत करा दिया है।लगाये गये आरोपढलाई में सीमेंट का प्रयोग मानक के अनुरूप नहीं किया जा रहा है। बहुत ही महीन व घटिया बालू का प्रयोग किया जा रहा है जो निर्माण को कमजोर बनायेगा।
प्लास्टिक साइजर का प्रयोग कम एवं घटिया कंपनी का प्रयोग में लाया जा रहा है।20 एमएम एवं 10 एमएम की गिट्टी का भी घटिया प्रयोग किया जा रहा है।बिल्डिंग जी+3 बनेगी और कंपनी द्वारा घटिया सामग्री का प्रयोग करके बनाया जा रहा है।
चीफ इंजीनियर से भी की शिकायत
अजय सम्राट का कहना है कि उन्होंने खुद इसे देखा है और इसका वीडियो भी बनाया है। इस वीडियो को उन्होंने मीडिया से भी शेयर किया है। उनका कहना है कि चीफ इंजीनियर नवीन सिंह से इसकी शिकायत कर चुके हैं। उन्होंने भी शंका व्यक्त किया और कंपनी के कर्मचारियों को अच्छी सामग्री का प्रयोग में लाए जाने की हिदायत दी। अजय ने प्रकरण की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए इंजीनियरिंग विभाग के कुछ अधिकारियों से जांच कराने का अनुरोध किया और घटिया निर्माण को तत्काल बंद कराने तथा ठेकेदार के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई करके लाइसेंस निरस्त कराने की मांग की है। आग्रह किया है कि घटिया सामग्री चेन से हुए निर्माण को ध्वस्त करा कर पुन: निर्माण कराया जाना चाहिए। बताया कि राष्ट्रपति, राज्यपाल, शिक्षा मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, वीसी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, चांसलर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी एवं विजिलेंस कमीशन के साथ पीएमओ को भी पत्र भेजा गया है। बिल्डिंग निर्माण में इस्तेमाल हो रही सामग्री की तस्वीरें भी शेयर कर दी गयी हैं।