टीचर बनने की सपना देखने वाली छात्रा फांसी पर लटक गयी
प्रयागराज (ब्यूरो)। पापा मैं टीचर बनूंगी। मैं टीचर बनकर अपने परिवार का नाम रोशन करूंगी। अंतिमा प्रयागराज टीचर बनने आई थी। मगर न जाने क्या हो गया अंतिमा को। हमेशा अपने परिवार को ढांढस बंधाने वाली अंतिमा ने फांसी लगाकर जान दे दी। घरवाले अंतिमा के कमरे पर पहुंचे। कमरे में अंतिमा फांसी के फंदे पर लटकरही थी। घटना मंगलवार की है। अंतिमा का ये हाल देख परिवारवाले बिलख पड़े। सूचना पर पहुंची शिवकुटी पुलिस ने बॉडी कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया। फोरेंसिक टीम ने अंतिमा का मोबाइल अपने कब्जे में लिया है। भाई ने तहरीर दी है। तहरीर में घटना को लेकर कोई शक नहीं जाहिर किया गया है।
बेटी को भेजा था टीचर बनने
सुल्तानपुर के धम्मौर के रहने वाले दयाराम यादव किसान हैं। दयाराम की तीसरी नंबर की बेटी अंतिमा शुरू से ही पढऩे में तेज थी। दयाराम अपनी बेटी अंतिमा को टीचर बनाना चाहते थे। अंतिमा की ख्वाहिश थी कि वह टीचर बने। ऐसे में बहुत ज्यादा कमाई नहीं होने के बाद भी जैसे तैसे दयाराम ने अंतिमा को प्रयागराज तैयारी के लिए भेजा।
अकेले रहती थी लॉज में
पिता दयाराम ने बेटी अंतिमा को पढ़ाने लिखाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। अंतिमा प्रयागराज आई तो पिता दयाराम ने महंगा किराया देकर उसे गल्र्स हॉस्टल में रखा। अंतिमा शिवकुटी थाना क्षेत्र के गोविंदपुर स्थित गल्र्स हॉस्टल में रहती थी। गल्र्स हॉस्टल विजय गुप्ता का है। मंगलवार सुबह से अंतिमा घरवालों का फोन रीसिव नहीं कर रही थी। अंतिमा की बहन रीता उसे सुबह से कई बार कॉल कर चुकी थी। रीता के पास हॉस्टल के अन्य किसी का नंबर नहीं था। जिस पर रीता अपने भाई रणविजय के साथ गोविंदपुर गल्र्स हॉस्टल आ गई। रात में वह पहुंची। हॉस्टल में अंतिमा के कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। कई बार खटखटाने पर भी अंदर से कोई आवाज नहीं आई। इस पर बहन और भाई का शक गहरा गया। भाई ने धक्का देकर दरवाजा खोल दिया। अंदर पंखे से बंधे दुपट्टे से अंतिमा झूल रही थी। रीता और भाई रणविजय चीख पड़े। रणविजय ने पुलिस को सूचना दी। जानकारी पर गोविंदपुर चौकी इंचार्ज अश्वनी कुमार हॉस्टल पहुंचे। फोरेसिंक टीम को भी बुलाया गया। फोरेंसिक टीम ने कमरे की जांच पड़ताल की। कमरे में कोई सुसाइड नोट नहीं मिला।
नहीं खुला मोबाइल का लॉक
बहन रीता ने पुलिस को बताया कि अंतिमा दिन में दो से तीन बार घरवालों से फोन पर बात जरुर करती थी। अगर घर से फोन आने में देर हो जाए तो वह खुद कॉल करती थी। मगर मंगलवार को वह सुबह से ही मोबाइल रिसीव नहीं कर रही थी। जिस पर शाम को वह अपने भाई के साथ यहां आई। फोरेंसिक टीम ने अंतिमा का मोबाइल अपने कब्जे में ले लिया है।
अंतिमा इस बार दीपावली पर घर गई थी। दीपावली घरवालों के साथ मनाकर वह वापस लौट आई। भाई रणविजय के मुताबिक दीपावली पर अंतिमा कई दिन घर पर रही। मगर उसे देखकर या उसकी किसी बात से ऐसा नहीं लगा कि वह परेशान है। सोमवार को भी उसने घरवालों से बात की थी। मगर उसने कोई परेशानी नहीं बताई थी। गोविंदपुर में छात्रा अंतिमा ने फांसी लगाई है। भाई ने तहरीर दी है। तहरीर में घटना को लेकर कोई शक नहीं जाहिर किया गया है। घरवाले घटना का कारण नहीं बता सके। फोरेंसिक टीम ने जांच के लिए मोबाइल लिया है।
अश्वनी कुमार चौकी इंचार्ज गोविंदपुर