इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रहकर कुलभास्कर पीजी कॉलेज में करता था पढ़ाईयूनिवर्सिटी का छात्र समझ फीस वृद्धि की वजह से सुसाइड की फैलाई जा रही अफवाह पर लगा विराम छात्र आशुतोष उर्फ आशीष तिवारी 23 हॉस्टल के रूम में मंगलवार की देर शाम फांसी लगा लिया. जब तक दूसरे छात्रों की नजर पड़ी उसकी मौत हो चुकी थी. हॉस्टल में छात्र के सुसाइड की खबर से सैकड़ों छात्र देखते ही देखते पहुंच गए. खबर मिली तो फोर्स के साथ एसपी सिटी भी हॉस्टल पहुंचे. पुलिस द्वारा कमरे की छानबीन शुरू की गई. छानबीन चल ही रही थी कि कुछ लोग घटना को दूसरा रूप देने में लग गए. उनके जरिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय में फीस वृद्धि से नाराज होकर छात्र द्वारा सुसाइड की बात फैलाई जाने लगी. यह बात सुनकर फीस वृद्धि के विरोध में आंदोलन कर रहे छात्र धीरे-धीरे इकट्ठा होने लगे. बारिश से ठंडा हुए मौसम के बीच माहौल गर्माने लगा. तब तक पुलिस व इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की जांच में सच्चाई सामने आ गई. पता चला कि वह यूनिवर्सिटी का नहीं बल्कि कुलभास्कर पीजी कॉलेज का छात्र था. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के ताराचंद हॉस्टल में वे अवैध रूप से दोस्त के साथ रहता था. सुसाइड की यह घटना भी इसी हॉस्टल के रूम नंबर जी-208 में हुई. फिलहाल पुलिस के हाथ कोई सुसाइड नोट नहीं लगा है. सुसाइड क्यों किया यह बात देर रात तक स्पष्ट नहीं हो सकी थी. बॉडी को पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया.

दोस्त के नाम अलॉट था रूम
सुसाइड करने वाला छात्र आशुतोष तिवारी फतेहपुर जिले के ललौली थाना क्षेत्र स्थित सैबसी गांव निवासी सत्यनारायण तिवारी का बेटा था। बताते हैं कि कुछ साल पूर्व वह पढऩे के लिए यहां आया था। शहर के कुलभाष्कर आश्रम पीजी कॉलेज में वह हार्टिकल्चर में एडमिशन लिया। इस वर्ष उसका सेकंड इयर था। आशुतोष का दोस्त तरुण सरोज यहां इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का छात्र था। तरुण यूनिवर्सिटी के ताराचंद हॉस्टल में रूम ले रखा था। उसके नाम से हॉस्टल के ब्लाक-2 रूम नंबर जी 208 अलॉट हुआ था। आशुतोष भी किराए पर रूम लेने के बजाय इसी तरुण सरोज नामक दोस्त के साथ ताराचंद हॉस्टल में उसी के साथ रहने लगा। छात्रों की मानें तो तरुण रूम पर बहुत कम ही रहता था। हॉस्टल के इस में अवैध रूप से आशुतोष ही रहा करता था। इधर कुछ दिनों से फीस वृद्धि को लेकर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्र आंदोलन रत हैं। ऐसे माहौल में ताराचंद हॉस्टल में फांसी लगाकर आशुतोष ने सुसाइड कर लिया। यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में छात्र के सुसाइड कर खबर सुनते ही सैकड़ों विद्यार्थी मौके पर जा पहुंचे। इनमें से कुछ के द्वारा आशुतोष के सुसाइड की वजह यूनिवर्सिटी में फीस वृद्धि बताई जाने लगी। फीस वृद्धि से हॉस्टल में छात्र के सुसाइड जैसी बातें फैलने लगीं तो छात्रों में आक्रोश पनपने लगा। यह बस देखकर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी व पुलिस अफसरों के पसीने छूट गए। गनीमत यह रही कि तब तक सच्चाई समय रहते सामने आ गई। जांच में मालूम चला कि ताराचंद हॉस्टल में सुसाइड करने वाला छात्र इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का है ही नहीं। वह कुलभास्कर पीजी कॉलेज में पढ़ाई करता था और ताराचंद हॉस्टल के जिस रूप में सुसाइड किया उसमें वे अवैध रूप से रहता था। यह बात मालूम चलने के बाद छात्रों में सुलग रही आक्रोश की चिंगारी बुझ गई। हॉस्टल के रूप में छानबीन के दौरान पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। उसके घर खबर देने के बाद पुलिस द्वारा बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया।

मोबाइल पर चल रहा था वीडियो कॉल!
हॉस्टल के रूम में सुसाइड करने वाले छात्र आशुतोष के मोबाइल पर वीडियो कॉलिंग ऑन थी। कुछ छात्रों की मानें तो वीडियो कॉल पर कोई लड़की बोल रही थी। छात्र कहते हैं कि जब वह पहुंचे तो उसके मोबाइल की लाइट जल रही थी। उससे किसी लड़की की आवाज आ रही थी। बार बार वह एक बात कह रही थी कि कुछ-बोलोगे। वीडियो कॉल पर किसी लड़की की आवाज थी यह पुलिस जांच कर रही है। पुलिस ने मोबाइल कब्जे में ले लिया है।

फंदे पर लटककर छात्र ने जान दी है। कारण स्पष्ट नहीं है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर स्थिति साफ होगी। फोरेङ्क्षसक टीम द्वारा कमरे में साक्ष्य संकलित किया गया है। उसके मोबाइल आदि की भी जांच कराई जाएगी। अफवाहों पर ध्यान नहीं दें। वह यूनिवर्सिटी का छात्र ही नहीं था।
- संतोष कुमार मीणा, एसपी सिटी

ताराचंद छात्रावास में सुसाइड करने वाला आशुतोष अवैध रूप से रह रहा था। पुलिस-प्रशासन की ओर से घटना की जांच की जा रही है। इस मामले का फीस वृद्धि से कोई संबंध नहीं है।
डॉ। जया कपूर, पीआरओ, इलाहाबाद यनिवर्सिटी

Posted By: Inextlive