पुलिस और प्रशासनिक ऑफिसर्स के साथ ही गवर्नमेंट की एलर्टनेस बता रही थी कि कुछ गड़बड़ होने वाला है. शुक्रवार को दो बजे के बाद अटाला से लेकर करेली इलाके तक फोर्स की मौजूदगी में पत्थरबाजों ने माहौल खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. सड़क पर गोरिल्ला युद्ध करीब दो घंटे तक चला. कई लोग चोटिल हो गये. कुछ गाडिय़ां आग की भेंट चढ़ गयीं. स्थिति पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले चलाने पड़ गये. बल प्रयोग करना पड़ गया समाचार लिखे जाने के समय तक तनाव बना हुआ था.पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े किया बल प्रयोग पुलिस छावनी बना पूरा एरियाजुमे की नमाज के बाद शहर के अटाला में वही हुआ जिसका डर था. जमकर पत्थरबाजी शुरू हो गयी. एक तरफ पब्लिक थी और दूसरी ओर पुलिस. गोरिल्ला युद्ध जैसी स्थिति से पूरे इलाके में तनाव व्याप्त हो गया. माहौल गरमाने के साथ ही इलाके में पुलिस फोर्स के साथ पीएसी और रैपिक एक्शन टीम उतार दी गयी. करीब दो घंटे तक चले संघर्ष के निशान इस एरिया की सड़कों पर देर रात तक बने रहे. वाहनों में आग लगा दी गयी. माहौल शांत होने के बाद पुलिस ने उपद्रवियों पर कार्रवाई शुरू कर दी. इसकी सूचना शासन तक पहुंच गयी. इसके बाद आसपास के जिलों से फोर्स बुलाने के साथ ही पूरे इलाके की नाकेबंदी कर दी गयी. समाचार लिखे जाने के समय तक दो दर्जन के करीब लोगों को हिरासत में लिये जाने की सूचना थी. एक दर्जन से अधिक लोग लहूलुहान हो गये. एसएसपी का कहना था कि पुलिस किसी उपद्रवी को बख्शने नहीं जा रही है. माहौल खराब करने वालों से सख्ती से निबटा जायेगा.


प्रयागराज (ब्यूरो)। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद सभी लोग अपने घरों को लौट गये। सब कुछ शांति से निबट जाने से पुलिस अफसर भी सुकून की सांस ले रहे थे। यह सुकून का पल कुछ देर के लिए ही थी। चंद मिनट बाद ही स्थिति बदलने लगी। शुरुआत अटाला एरिया की गलियों से हुई। शुरुआती दौर में पुलिस ने सबको डांटकर वापस लौटा दिया। थोड़ी देर के बाद झुण्ड बनाकर अराजकतत्व कई खेमे व गली में बंट गए। इसके बाद पुलिस टीम पर पत्थरों की बारिश करने लगने। अचानक हुए पथराव को देखकर पुलिस के जवानों को भाग कर और इधर-उधर छिपकर जान बचानी पड़ी। अचानक उपजी परिस्थिति को संभालना पुलिस के लिए मुश्किल हो गया। पथराव के चलते एडीजी प्रेम प्रकाश की गाड़ी का शीशा टूट गया। मौके की नजाकत को भांपकर वह वहां से निकल गये। चारों तरफ से फेके जा रहे पत्थर के लगने से डीएम का गार्ड घायल हो गया। खून से लथपथ साथी को देख पुलिस के जवानों में गुस्सा फैल गया।पुलिस ने भी दिया जवाब


जवाबी कार्रवाई में पुलिस थी डराने के लिए अराजकतत्वों द्वारा फेंके गए पत्थर को उठाकर उनकी तरफ फेंकने लगी। यह देखकर पुलिस पर तीन तरफ से पथराव शुरू हो गया। पुलिस चौराहे के पास अराजकत्वों से मोर्चा ले रही थी। इतने में पास की दो गली से निकली पत्थरबाजों की टोली उन पर ईंट पत्थर बरसाने लगी। पत्थर फेक रहे कुछ युवकों के द्वारा दो तीन बम भी फोड़े गए। पत्थर लगने से पीएसी-4 बटालियन के जवान देवेंद्र कुमार, आरएफ के जवान मनीष कुमार, तन्मय पाल व रघुनन्दन का सिर फट गया। फौरन एम्बुलेंस से उन्हें काल्विन व एसआरएन हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। घायल सभी जवानों की हालत खतरे से बाहर बताई गई। पत्थर लगने से कुछ पब्लिक के लोगों को भी चोटें आई हैं। जिन्हें पुलिस द्वारा एसआरएन हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है।बवाल बढ़ते देख पुलिस के जवानों को कई राउंड हवाई फायरिंग की। आंसू गैस के गोले छोड़कर अराजकतत्वों को कंट्रोल करने की कोशिश की गई।शाम करीब छह बजे कई थानों की फोर्स पहुंची तो पुलिस गलियों में घुस अराजकतत्वों पर दौड़ाकर पीटना शुरू कर दिया। फोर्स बढऩे के बाद एक-एक गली में जवान घुसकर कार्रवाई शुरू किए तो मामला कंट्रोल हुआ।

स्थिति तनावपूर्ण देखते हुए पीएसी, व आरएफ एवं सिविल पुलिस के जवान मुस्तैद रहे। देर शाम कौशाम्बी व प्रतापगढ़ जिले से भी फोर्स बुलाई गई।

नमाज के बाद कुछ अराजकतत्वों द्वारा पथराव की शुरुआत की गई थी। धीरे-धीरे पत्थरबाजी करने करने वालों की संख्या बढ़ी है। माहौल कंट्रोल में है। सीसीटीवी कैमरे से पत्थरबाजों को चिन्हित करके कार्रवाई की जाएगी। घायल जवानों को हॉस्पिटल भेजा गया है।अजय कुमारएसएसपी, प्रयागराज

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