स्ट्रेस के कारण भूख नहीं लगती
- एग्जाम ने बढ़ा दिया स्ट्रेस तो मिट गई स्टूडेंट्स की भूख
- मनोवैज्ञानिक दे रहे प्रॉब्लम का सॉल्यूशनALLAHABAD: बोर्ड एग्जाम ने स्टूडेंट्स के स्ट्रेस को दो गुना कर दिया है। टेंशन में कई बार बच्चों को ऐसी प्रॉब्लम फेस करनी पड़ रही है जिसका सीधा असर एग्जाम की तैयारी पर पड़ रहा है। मंडे को भी मनोविज्ञानशाला के हेल्प लाइन नंबर पर कई तरह की प्रॉब्लम के साथ स्टूडेंट्स ने कॉल करके एक्सपर्ट से सॉल्यूशन मांगा। एक्सपर्ट्स भी कहते हैं कि ऐसे टाइम पर बच्चों का खास ध्यान रखने की जरूरत है। बच्चों के खाने पीने से लेकर उनके दैनिक जीवन की सभी बातों पर विशेष रूप से केयर करने की जरूरत है। तभी बच्चों की इन प्रॉब्लम्स को दूर किया जा सकता है। मंडे को कॉल करने वाले बच्चों में बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे शामिल थे, जिन्होंने भूख ना लगने, टेंशन के कारण खाना देखते ही मिचली आने, घबराहट होने, डर लगने जैसी प्रॉब्लम होने की बात कही। एक्सपर्ट्स डॉ। कमलेश कुमार तिवारी ने बच्चों को ऐसी स्थित में धैर्य रखते हुए तैयारी करने की जरूरत होती है। पैरेंट्स को भी इस टाइम बच्चों पर अधिक प्रेशन नहीं डालना चाहिए।
स्टूडेंट्स के सवाल- स्ट्रेस के कारण खाना देखते ही मिचली होने लगती है, भूख नहीं लगती क्या करें?
- पेपर की तैयारी कैसे करें?- मैथमैटिक्स के र्फामूले भूल जाते हैं?एक्सपर्ट के जवाब- ऐसी हालत में पैरेंट्स की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ जाती है। बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर में लिक्विड व प्रोटीन, एनर्जी से भरे खाद्य पदार्थ दें।- पिछले सालों के अनसॉल्ड पेपर, प्री बोर्ड एग्जाम के पेपर को कई बार रिवाइज करें। स्कूल से बताए गए इर्पोटेंट चैप्टर को फोकस करें।- इसके लिए जरूरी है कि मैथमैटिक्स के फारमूलों को लिखकर ऐसी जगह लगा दें, जिस पर हमेशा नजर पड़ती रहे। जब मौका मिले, उन र्फामूलों पर नजर डालें और उसे लिखकर याद करें। इसके साथ ही टाइम मैनेजमेंट का सबसे अधिक ध्यान रखें। क्योकि ये तैयारी में और एग्जाम के दौरान हर जगह मदद करता है।