शुद्ध पानी मुश्किल बना रहा सफर की कहानी
प्रयागराज (ब्यूरो)। रेलवे की तरफ से यात्रियों को बेहर सुविधा दिलाने के प्रयास लगातार किये जा रहे हैं। कोरोना के दौर में पटरी से उतरी व्यवस्था को फिर से अप करने की दिशा में काम शुरू हो गया है। लेकिन, जंक्शन पर शुद्ध पानी मिलने की जंग अब भी जारी है। गर्मी के सीजन की शुरुआत हो चुकी है। गला तर करने के लिए पब्लिक के पास शुद्ध पानी पाने का जरिया सिर्फ बोतल बंद पानी ही बचा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जंक्शन पर लगे वाटर एटीएम को अब भी वर्किंग नहीं कराया जा सका है। यहां पब्लिक को एक रुपये में खाली बोतल में शुद्ध पानी भरवाने का मौका मिलता था। फिलहाल इसकी शुरुआत होने की संभावना भी बहुत मजबूत नहीं है। कारण है आईआरसीटीसी की तरफ से टेंडर का न होना।
आईआरसीटीसी ने निरस्त किया था टेंडर
गर्मी में लडऩे के लिए पानी का रोल सबसे महत्वपूर्ण है। खासतौर पर उन लोगों के लिए जो घर से बाहर निकलते हैं। हर कोई चाहता है कि सस्ता व ठंडा मिनरल वाटर मिल जाये। पब्लिक की इस जरूरत को आईआरटीसी ने भी महसूस किया था। पानी पर होने वाले खर्च का बर्डेन कम करने के लिए टेंडर करके कई वाटर एटीएम प्रयागराज जंक्शन पर लगाये गये थे। जिससे हर एक यात्री को फायदा मिलता था। शुरुआती दौर में काफी हद तक यात्रियों को फायदा भी मिला। कोरोना के दौर के बाद आईआरसीटी द्वारा टेंडर निरस्त कर दिया गया। नतीजा वाटर एटीएम को बंद कर दिया गया। कई सालों से टेंडर न होने के चलते वाटर एटीएम की हालत भी खस्ताहाल हो गई। गर्मी शुरू होते ही एक बार फिर से यात्रियों को एक रुपये में मिलने वाला ठंडा व मिनरल वाटर की याद आ गई है।
सुध लेने वाला कोई नहीं
ट्रेनो में सफर करने वाले यात्रियों का कहना था कि एक वह भी दौर था जब रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को मात्र एक रुपये में पानी मिल जाता था। इससे उनके ऊपर ट्रेवल के दौरान एक्स्ट्रा बर्डेन नहीं पड़ता था। तब यात्री रेलवे को धन्यवाद देते नहीं अघाते थे। अब जबकि ट्रेनें फुल स्ट्रीम में संचालित होने लगी हैं एक बार फिर से वाटर एटीएम संचालित करने की मांग उठने लगी है। कोई ट्विटर पर लिखकर शिकायत दर्ज करा रहा है तो कोई सोशल मीडिया के तमाम दूसरे प्लेटफार्म से अपनी बात अधिकारियों तक पहुंचने का प्रयास कर रहे है। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने जब प्रयागराज जंक्शन पहुंच जायजा लिया तो जल निकासी स्थल धूल फांकते मिले। मशीन के अंदर कपड़े, झाडू और गंदगी भरी हुई दिखी। इसपर जब अधिकारियों से पूछा गया तो जल्द शुरु होने की बात कहकर हर बार की तरह बात टाल गये। बता दें कि प्रयागराज जंक्शन पर हर दिन हजारों यात्रियों का आना-जाना होता है। चार-पांच लोगों के एक साथ सफर करने पर वाटर एटीएम खर्च बचाने में मदद करते थे। अब उन्हें इसके लिए 15 गुना एक्स्ट्रा पे करना पड़ रहा है।
आठ वाटर एटीएम लगे हैं जंक्शन पर
प्रयागराज रेलवे जंक्शन पर आठ वाटर एटीएम लगाए गए थे। कोरोना काल शुरू होने से पहले ये पूरी तरह से वर्किंग भी थे। इसके चलते तमाम यात्रियों को पंद्रह रुपये में पानी की बोतल खरीदने से मुक्ति मिली हुई थी। वह अपने पास मौजूद बोतल को एक रुपया प्रति तीन सौ एमएल पानी के खर्च पर भरवा लेते थे। इससे उनका काफी पैसा बच जाया करता था। प्लेटफार्म नंबर एक पर लगे वाटर एटीएम पर आज भी उसके उद्धाटन के दौरान लगाई गई चमचमाती शिलापट्ट लगी है। जिसमें लिखा है कि इसका उद्धाटन तत्कालीन सांसद केशव प्रयाद मौर्य व श्यामा चरण गुप्ता ने पांच सितंबर 2016 को किया था। इसके अलावा इसकी बदहाल स्थिति यात्रियों को अब भी चिढ़ाती है। वाटर एटीएम के जंक्शन पर बेहद खराब प्रदर्शन के चलते इन पर रेलवे का लंबा बकाया हो चुका है और इनकी टेंडर अवधि खत्म हो गई है। ऐसे में अब इन एटीएम के दोबारा शुरू होने की संभावना नहीं है। फिर भी गर्मी आते ही यात्रियों को एक रुपये में मिलने वाला ठंडा व मिनरल वाटर की याद सताने लगती है।
300
एमएल पानी मात्र एक रुपये में मिल रहा था
500
एमएल पानी मात्र तीन रुपये में मिल रहा था
01
लीटर पानी मात्र पांच रुपये में मिल रहा था
02
लीटर पानी मात्र आठ रुपये में मिल रहा था।
05
लीटर पानी मात्र बीस रुपये में मिल रहा था। वाटर एटीएम मशीन को फिर से चालू करने पर विचार चल रहा है। टेंडर निकालने की प्रक्रिया ऊपर से तय की जाती है। यात्रियों की डिमांड भी दोबारा शुरू करने की प्राप्त हो रही है।
शिवनाथ
आईआरसीटीसी अधिकारी