बगैर वीडियो नहीं एक्सेप्ट होगा स्टीमेट
भवन व रोड मरम्मतीकरण के स्टीमेट में पीडब्लूडी को देना होगा फोटो संग वीडियो
शासन को भेजे जाने वाले स्टीमेट में पारदर्शिता लाने के लिए आदेश जारी PRAYAGRAJ: सरकारी भवन व सड़क जीर्णोद्धार के स्टीमेट में अब पीडब्लूडी के इंजीनियरों को वीडियो भी देना होगा। बगैर वीडियो के भेजे गए प्रस्ताव के शासन से हरी झण्डी नहीं मिलेगी। वीडियो के साथ भवन या रोड का पूरा स्टीमेट और फोटो भी देना होगा। पीडब्लूडी को प्राप्त इस आदेश के पीछे की मंशा स्टीमेट को पारदर्शी बनाने की है। इस आदेश के बाद पूर्व में भेजे गए सारे स्टीमेट बेमतलब हो गए हैं। अब विभाग के जेई स्टीमेट को लेकर दोहरी मेहनत करनी पड़ रही है। अब वीडियो बनाने में जुटे जेईपिछले वर्ष करीब दो दर्जन सरकारी भवनों के मेंटिनेंस का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। जानकार बताते हैं कि प्रस्ताव पर शासन की मुहर लगती इसके पहले कोरोना पांव पसार दिया। भेजे गए इस प्रस्ताव में बिल्डिंग के जीर्णोद्धार पर आने वाले खर्च का ब्योरा था। इस स्टीमेट में बिल्डिंग की तस्वीर भी लगाई गई थी। कोरोना कम हुआ तो फिर सरकारी दफ्तरों में कामकाज शुरू हुए। निदेशालय से आदेश प्राप्त हुआ कि स्टीमेट के साथ निर्माण स्थल की फोटो दी जाय। इस पर जेई जर्जर भवनों की फोटो खींचना शुरू कर दिए। ज्यादातर जेई फोटो खीच कर स्टीमेट रिवाइज कर ही रहे थे कि एक और आदेश आ गया। इसमें वीडीओ देना अनिवार्य कर दिया गया है। अब जेई इन जगहों की वीडियो बनाने में जुट गए हैं।
स्टीमेट में वीडियो मांगने का मकसद कार्यो में पारदर्शिता लाना है। स्टीमेट तो करीब सभी के तैयार हैं। बस बिल्डिंग या रोड का वीडियो बनवा कर उसमें मर्ज करना है। यह काम भी तेजी से चल रहा। एके द्वितीय चीफ इंजीनियर पीडब्लूडी