-इलाहाबाद विवि पोएट्री क्लब की ओर से तीन दिवसीय काव्य पाठ कार्यशाला का समापनविद्यार्थियों ने अलग-अलग सामाजिक मुद्दों पर अपनी रचनाएं पेश की इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी एवं आधुनिक भारतीय भाषा विभाग में छात्रों की लेखन शैली को उन्नत बनाने के लिए पोएट्री क्लब के तत्वावधान में चल रहे तीन दिवसीय काव्य पाठ सह कार्यशाला का समापन हो गया. हिंदी विभाग के सहायक आचार्य डा विनम्र सेन सिंह डा सुजीत सिंह डा चितरंजन कुमार और डा लक्ष्मन गुप्ता ने अपनी-अपनी कविताओं का पाठ किया. कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के दीप प्रज्वलन से हुआ. इसके बाद विद्यार्थियों ने अलग-अलग मुद्दों पर काव्य प्रस्तुत किया. किसी ने प्रेम पर तो किसी ने देशप्रेम तो कोई काश्मीर तो काई सामाजिक मुद्दों पर अपनी रचनाएं सुनाईं


प्रयागराज (ब्यूरो)। डा चितरंजन कुमार ने मुझे रह रह कर याद करती हो क्या। किसी और से मिलकर खुश हो क्या। खाई थी जो चांद रातों में कसमें, कभी फुर्सत में उन्हें याद करती हो क्या सुनाया। डा विनम्र सेन ने बादलों को आइना कर लो और उसी में सज सज संवर जाओ सुनाया। इस दौरान विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर प्रोफेसर हर्ष कुमार, प्रो अजय जेटली, प्रो योगेंद्र प्रताप, डा सुजीत कुमार सिंह, डा लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता एवं डा अमितेश कुमार मौजूद रहे। समापन पर वक्ताओं ने कहा कि विद्यार्थियों ने की काव्य रचना को सुनकर ऐसा महसूस हुआ कि इसमें जरूर कोई न कोई लेखनी एक दिन प्रखरता के साथ चलेंगी और सामाजिक विसंगतियों के साथ-साथ लेखन क्षेत्र में देश प्रेम और प्रेम को नए आयाम पर ले जाएगी।

Posted By: Inextlive