बजट पर कुछ वकील गदगद कई असंतुष्ट
जिले में विधि विश्वविद्यालय दिए जाने पर सभी ने की सरकार की सराहना
जनपद न्यायालय भवन निर्माण में अधिवक्ता भवन शामिल न होने से असंतोष PRAYAGRAJ: सरकार द्वारा सोमवार को पेश किए गए बजट पर अधिवक्ताओं की मिली जुली प्रतिक्रिया रही। न्याय क्षेत्र में सरकार द्वारा उठाए गए कदम को कुछ ने सराहा तो कुछ के द्वारा दिवास्वप्न बताया गया। जिले में दिए गए राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की सौगात को वकीलों ने खूब सराहना की। जनपद न्यायालयों में भवन निर्माण में अधिवक्ता बिल्डिंग का जिक्र न किए जाने से कुछ अधिवक्ता असंतुष्ट दिखाई दिए। उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि से सम्बंधित कल्याणकारी स्टाम्पों की बिक्री की शुद्ध प्राप्त रुपयों का अधिवक्ता कल्याण निधि में हेतु न्यासी समिति को अंतरण करने के लिए किए गए इंतजाम से अधिवक्ता गदगद रहे। अधिवक्ताओं ने कहा कि अन्य मांगों की तरफ भी सरकार को ध्यान देना चाहिए था।प्रयागराज में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के स्थापना से जिले के विकास को गति मिलेगी। सबसे ज्यादा नए युवाओं को इसका लाभ मिलेगा। सरकार यह बजट काफी सराहनीय रहा है।
आशीष प्रताप सिंह, अधिवक्ताजनपद न्यायालयों में भवन निर्माण के लिए की गई बजट की व्यवस्था अधिवक्ताओं की बड़ी समस्या को हल करने का उचित प्रयास है। अधिवक्ता कल्याण निधि हेतु न्यासी समिति को 20 करोड के अंतदरण की व्यवस्था भी सराहनीय कदम रहा है।
गौरव मिश्रा, अधिवक्ता हाईकोर्ट जनपद न्यायालय में भवन निर्माण की व्यवस्था बजट में की गई। अधिवक्ताओं के लिए चैंबर निर्माण को शामिल नहीं किया गया। न्यासी समिति को 20 करोड़ अंतरण किए जाने की बात सराहनीय है। पंकज कुमार त्रिपाठी, अधिवक्ता अधिवक्ताओं के लिए भवन होंगे या नहीं इस बात का जिक्र नहीं किया गया। जो कि बजट में होना चाहिए था। जिले में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय का दिया जाना सौभाग्य की बात है। विभव प्रताप सिंह सरकार द्वारा जिले को विधि विश्वविद्यालय दिए जाने से विकास की गति तेज होगी। बाहरी छात्र भी यहां पढ़ने के लिए आएंगे। अधिवक्ताओं की मुख्य मांग पेंशन आदि की तरफ ध्यान नहीं दिया गया। शशि शुक्ला, अधिवक्ता विधि व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए की गई घोषणा महज छलावा है। इससे अधिवक्ताओं का कुछ भी भला होने वाला नहीं है। अधिवक्ता पेंशन सहित अन्य तमाम मांगों पर गौर नहीं किया गया। विजय कुमार सिंह, अधिवक्ता