- 2022 में लिया गया था इनीशिएटिव उसके बाद नही उठाए गए कोई कदम- हर छह माह पर होनी चाहिए पानी की जांच होती है प्रसाद की सर्विलांस सैंपलिंग


प्रयागराज ब्यूरो । तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट पाए जाने के बाद देशभर में चर्चा का बाजार गर्म है। मंदिर में बिकने वाले प्रसाद को लेकर श्रद्धालुओं के मन में प्रश्नचिह्न लगा हुआ है। हालांकि, मंदिरों में भक्तों को शुद्ध और सुरक्षित प्रसाद मिले। इसके लिए एफएसएसएआई यानी फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथारिटी आफ इंडिया की ओर से नियम बनाए गए हैं। इसके तहत मंदिरों में लगने वाली प्रसाद की दुकानो को खुद अपने भोग प्रसाद स्टैंडर्ड की जांच कराकर खाद्य सुरक्षा विभाग से प्रमाण पत्र लेना होता है। लेकिन अफसोस की दो साल से न तो प्रसाद बेचने वाले दुकानदार इस दिशा में आगे आए और न ही खाद्य सुरक्षा विभाग ने उन्हें इसके लिए मोटीवेट किया।इन मंदिरों की दुकानों का हुआ था आडिट
वर्ष 2022 में एफएसएसएआई के नियमों के चलते खुद खाद्य सुरक्षा विभाग ने मंदिरों के प्रांगण में लगने वाली दुकानों मोटीवेट किया था। इसके बाद तीन संस्थाओं की दुकानों ने आकर अपने यहां बनने वाले भोग प्रसाद आदि की जांच कराने के साथ पानी की भी जांच कराई थी। सैंपल पास होने के साथ साफा सफाई बेहतर पाए जाने पर इन दुकानों को संस्थाओं के नाम से प्रमाण पत्र दिया गया था। इनमें श्रीहनुमत निकेतन सिविल लाइंस प्रयागराज, श्रीराधा वेणी माधव मंदिर और श्रीगुरु सिंह सभा का नाम शामिल है। इन तीन संस्थाओं के अलावा किसी धार्मिक स्थल को अभी तक यह सर्टिफिकेट नहीं दिया जा सका है।

विभाग का है अहम रोलदेखा जाए तो शहर में कई धार्मिक स्थल हैं। यहां पर भी एफएसएसएआई की ओर से भोग प्रसाद का सर्टिफिकेट जारी होना चाहिए था। इसके लिए खाद्य सुरक्षा विभाग को इन धार्मिक स्थलों को मोटीवेट करना था। ताकि वह अपनी ओर से लगने वाला शुल्क अदा करके भोग प्रसाद सर्टिफिकेट प्राप्त करते। बता दें कि इस पूरी प्रक्रिया में भोग प्रसाद दुकानों को अपनी ओर से इनीशिएटिव लेना होता है इसलिए उनको मोटीवेट करने में विभाग का अहम रोल हो जाता है। इस प्रक्रिया में पानी की जांच खुद दुकानदार को करानी होती है। सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए जो फीस होती है उसको भी खुद दुकान मालिक को अदा करना होता है। भोग प्रसाद बनाने वाले संस्थान के कार्मिक कितना हाइजीन का पालन कर रहे हैं इसके नंबर भी इस आडिट में जोड़े जाते हैं। साथ ही मंदिर प्रांगण की दुकानों में बनने वाले भोग प्रसाद का सर्विलांस सैंपल भी लिया जाता है।मामला गरमाने के बाद जागा विभाग


तिरुपति बालाजी मंदिर में भोग प्रसाद में मिलावट प्रकरण सामने आने के बाद एक बार फिर खाद्य सुरक्षा विभाग जागा है। अधिकारियों का कहना है कि हमारी ओर से इस्कान टेंपल और सोरांव की एक धार्मिक स्थल से संपर्क किया गया है। उनको भोग प्रसाद सर्टिफिकेट के लिए आडिट कराने को प्रेरित किया जा रहा है। जिन धार्मिक स्थलों को दो साल पूर्व सर्टिफिकेट मिला है, बाद में उनकी पानी की जांच हुई या नही, इसकी अपडेट भी ली जानी है।दो साल पहले तीन धार्मिक संस्थाओं ने आगे आकर एफएसएसएआई के अंतर्गत भोग प्रसाद का आडिट कराया था। बाद में इन्हें सर्टिफिकेट दिया गया था। वर्तमान में इनका स्टेटस क्या है, यह देखा जा रहा है। बाकी दो धार्मिक संस्थाओं को भोग प्रसाद आडिट करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।सुशील कुमार, अभिहित अधिकारी, खाद्य सुरक्षा विभाग प्रयागराज

Posted By: Inextlive