'मोहब्बत के साइड इफेक्ट' में दिखी समाज की विसंगतियां
आधारशिला रंगमंडल प्रयागराज की ओर से उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के प्रेक्षागृह में नाटक 'मोहब्बत के साइड इफेक्ट' का शानदार मंचन हुआ। जिसमें सलीम और अनारकली के माध्यम से समाज की विसंगतियों व भ्रष्टाचार को बखूबी दर्शाया गया। नाटक में सलीम अनारकली व बादशाह अकबर के बहाने से आशिक की व्यथा व मोहब्बत और नफरत के बीच जंग को दर्शाते हुए आज के समय में यदि दुनिया को एक सूत्र में बांध कर चलना है तो यह मोहब्बत के द्वारा ही संभव है। इस नाटक में हास्य और व्यंग के माध्यम से दर्शाया गया है। नाटक ने पूरे समय तक दर्शकों को बांधे रखा। अख्तर अली द्वारा लिखे नाटक का निर्देशन अजय केशरी ने किया। नाटक में सलीम की भूमिका में नजीम खान, अनारकली की भूमिका में सुश्री कंचन यादव, दुर्जन सिंह भूमिका में अनुराग रहे।
'डरामा' में दिखी समाज की हकीकतस्वराज विद्यापीठ में नाट्य संस्था प्रतिबिम्ब की ओर से डरामा नाटक की प्रस्तुति हुई। इस मौके पर युवा रंगकर्मी सिद्धार्थ पाल के परिकल्पना एवं निर्देशन में सामाजिक अनुभवों से उपजे विचारों का डिवाइस प्रकिया के द्वारा नाटक को रचा व गढ़ा गया। नाटक ग्रेट एप्स से होमी सेपियंस तक की विकास यात्रा के कुछ मुख्य पड़ावों से गुजरता है। जहां मनुष्य अपने जीवन के लिए आवश्यक अविष्कार भी करता है और प्रकृति के बदलते स्वरूप से भयभीत होकर अलग-अलग विश्वासों और आस्थाओं को जन्म देता है। फिर ऐसे समाज का निर्माण होता है, जिसमें मनुष्य ही मनुष्य का शोषक बन जाता है। नाटक के मंचन के दौरान बीच-बीच में तार्किक विमर्श भी किया गया। वहीं कलाकारों के अभिनय को दर्शकों ने खूब प्रोत्साहन मिला।