तीन दिन में मिले 300 से अधिक बुखार के मरीज जांच के लिए अस्पताल हो रहे रिफर भारी पड़ रहा मौसम और संक्रमण भीषण गर्मी में बुखार लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. इसकी ताकीद स्वास्थ्य विभाग के दस्तक अभियान में हुई है. आशाओं द्वारा घर-घर की जा रही जांच के शुरुआती तीन दिनों में तीन सौ से अधिक बुखार के मरीज मिले हैं. इसके बाद इनकी शुरुआती जांच कर दवाएं दी गई. जिनको फायदा नही मिला उनको नजदीक के अस्पताल में इलाज के लिए रेफर किया गया है.


प्रयागराज (ब्यूरो)। वर्तमान में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस से अधिक चल रहा है। ऐसे में भीषण गर्मी में बुखार के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। दस्तक अभियान 15 अप्रैल से शुरू हुआ है और इसमें घर-घर जाकर मरीजों की जांच की जा रही है। इसी क्रम में शुरुआती तीन दिनों में 365 नए बुखार के मरीज चिंहित किए गए हैं। यह अलग-अलग एरिया से चिंहित किए गए हैं। इन सभी की मलेरिया जांच की गई है और रिपोर्ट निगेटिव आई है। कुल 35 मरीज ऐसे मिले हैं जिनको शुरुआती इलाज से फायदा नही हुआ। जिसकी वजह से इन्हें नजदीक के सरकारी अस्पताल में जांच और इलाज के लिए भेजा गया है।क्यों आ रहा है फीवर


डॉक्टर्स का कहना है कि फीवर आने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन वर्तमान में तेज धूप अधिक घातक सिद्ध हो सकती है। अधिकतर लोग गर्मी में बेपरवाह होकर निकल रहे हैं। जिसकी वजह से उन्हें बुखार अपनी चपेट में ले रहा है। इनमेें सभी एजग्रुप के लोग हैं। खासकर बच्चों और बुजुर्गों में बुखार के मामले अधिक मिल रहे हैं। अधिक लंबे समय तक बुखार रहना भी खतरनाक है। इस दिमागी बुखार का भी रूप ले सकता है।फीवर के कारण- बाजार की चीजों का खानपान।

- तेज धूप में सिर खुला रखना।- गर्मी से सीधे एसी में आकर बैठना।- संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहना।- अनियमित दिनचर्या।- गर्म और ठंडी चीजों का एक साथ सेवन।कही आपका बच्चा तो कुपोषित नहीइसी तरह सर्वे के दौरान 40 ऐसे बच्चे भी मिले हैं जिन्हें कुपोषित श्रेणी में रखा जा रहा है। उम्र के हिसाब से इन बच्चों का वजन कम पाया गया है। ऐसे बच्चों को उचित खानपान की सलाह दी जा रही है। डॉक्टर्स का कहना है कि पौष्टिक आहार नही लेने के साथ जंक फूड का अधिक सेवन करना भी कुपोषण का कारण हो सकता है। इससे बॉडी में प्रोटीन, विटमिान और मिनरल्स की कमी होने लगती है और बच्चा कुपोषित श्रेणी में आ जाता है। कुपोषित बच्चों को उचित आहार की सलाह दी गई है।सर्दी जुकाम था लेकिन कोविड नही

इसी तरह सर्दी जुकाम के लक्षण वाले कुल 85 मरीज मिले हैं। इन सभी की कोरोना की जांच कराई लेकिन सभी रिपोर्ट निगेटिव आने पर विभाग ने राहत की सांस ली है। डॉक्टर्स का कहना है कि इस सीजन में गर्म और ठंडा होने से संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है जिससे सर्दी जुकाम जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। उनका कहना है कि लंबे समय तक ऐसे लक्षण बने रहने पर जांच करा लेनी चाहिए।बुखार के मरीज मिले हैं। इन सभी की जांच कराई जा रही है। इनमें 330 मरीज मौसमी बुखार से पीडि़त थे। इसलिए लोगों से अपील है कि गर्मी में सावधानी बरतना जरूरी है। वरना बुखार की चपेट में आ सकते हैं।आनंद सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज व नोडल दस्तक अभियान

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