महंत नरेंद्र गिरि मौत के मामले में आरोपित आनन्द गिरि की ओर केस को मध्य प्रदेश के जबलपुर जिला जज की अदालत में ट्रांसफर करने की मांग की गई है. इसके लिए उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी स्पेशल लीगल पिटीशन दायर की गई है. एसएलपी एप्लीकेशन पर सुप्रीम कोर्ट आदेश पारित कर सके लिए उनके अधिवक्ता द्वारा जिला जज संतोष राय की अदालत में बुधवार को आठ सप्ताह की मोहलत मांगी गई. दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं को सुनने के बाद अदालत द्वारा आरोप तय करने के लिए विचारण की अंतिम तिथि 29 नवंबर मुकर्रर की गई.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। प्रकरण में आरोप साबित करने के बिन्दु पर बुधवार को जिला जज की अदालत में बहस हुई। आरोपित आनन्द के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट में पक्ष रखा गया। अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को बताया गया कि केस को मध्य प्रदेश जबलपुर जिला जज की अदालत में ट्रांसफर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई है। इसलिए मामले में आठ सप्ताह की मोहलत दी जाय। ताकि केस ट्रांसफर एप्लीकेशन में सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदेश पारित किया जा सके। आनन्द गिरि के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट में कही गई बातों का जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी द्वारा धुर विरोध किया गया। उन्होंने कहा कि एसएलपी के जरिए केस को विलंब करने की मंशा है। इसी तरह प्रकरण के आरोपित आद्या प्रसाद तिवारी व संदीप तिवारी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि उन्हें अभी प्रपत्र एकत्र करने हैं। इस लिए आरोपितों को समय दिया जाय। यहां भी अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी व सीबीआई की तरफ से मो। फरीद विशेष लोक अभियोजक द्वारा विरोध किया गया। कहा गया कि आज की तिथि आरोप के लिए नीयत है। बचाव पक्ष बेवजह विलंब कर रहे हैं। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं को सुनने के बाद जिला जज द्वारा अंतिम अवसर देते हुए आरोप के बिन्दु पर विचारण के लिए 29 नवंबर की तय की गई।

महंत आनन्द गिरि प्रकरण में आरोप पर विचारण के लिए बुधवार की तिथि तय की गई थी। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जनपद न्यायाधीश द्वारा आरोप पर विचारण की लिए अंतिम डेट 29 नवंबर मुकर्रर किया गया है।गुलाब चंद्र अग्रहरि जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी

Posted By: Inextlive