- पिछले साल सबसे ज्यादा अनसेफ पाए गए थे मिठाई के नमूने- कलर का अधिक उपयोग बन रहा सेहत का दुश्मन- लीवर और किडनी पर पड़ता है बुरा असर फूड प्वाइजनिंग का खतरा

प्रयागराज ब्यूरो । आज रक्षाबंधन का त्योहार घरों में धूमधाम से मनाया जाएगा। बहने अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए मिठाई की जमकर खरीदारी करेंगी। लेकिन, उन्हे ध्यान रखना होगा कि वह भाई को शुद्ध और सेफ मिठाई ही खिलाएं। क्योंकि करोड़ों की मिठाई की मार्केट का फायदा उठाने के लिए मिलावटखोर भी कहीं से पीछे नही हैं। वह केमिकल वाले कलर और नकली मावा का इस्तेमाल कर लोगां की सेहत खराब कर सकते हैं। ऐसे में आज के दिन मिठाई खरीदते समय कुछ चीजों का ख्याल रखना होगा।
12 सैंपल हो गए थे फेल
वर्ष 2023-24 में खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से चलाए गए अभियान के तहत मिठाई प्रोडक्ट्स में सबसे ज्यादा असुरक्षित सैंपल पाए गए। इनमें मिठाईयों में डाले जाने वाले कलर को लेकर सवालिया निशान उठाए गए। बताया गया कि केमिकल युक्त कलर का मानक से अधिक उपयोग किए जाने से मिठाई खाने वाले के लीवर और किडनी पर विपरीत असर पड़ता है। साल भर चलाए गए अभियान में कुल 74 नमूने अनसेफ पाए गए हैं। इनमें से 12 नमूने मिठाईयों से जुड़े हुए हैं। अनसेफ वह नमूने होते हैं जिनको जानलेवा माना जाता है।
लीवर और किडनी हो सकते हैं फेल
रक्षाबंधन के सीजन में मिठाईयो की अधिक डिमांड होने से इनकी पूर्ति करना आसान नही होता। ऐसे में मिलावटखोर दूध में डिटर्जेंट, यूरिया और रिफाइंड ऑयल आदि मिलाकर मावा तैयार करते हैं। ये सेहत के लिए काफी खतरनाक होता है। इसके अलावा केमिकल वाले कलर को मिठाई को आकर्षक बनाने के लिए जमकर यूज किया जाता है। इसी तरह मिठाईयों में चांदी का वरक इस्तेमाल करना चाहिए लेनिक मुनाफाखोर एलुमिनियम से बने वरक का यूज करते हैं। इन सबकी वजह से लोगों को किडनी और लीवर फेल होने की नौबत आ जाती है।


वितीय वर्ष 2023-24 में कुल लिए गए नमूने- 795
मारे गए छापे- 4975
प्राप्त जांच रिपोर्ट- 1038
सब स्टैंडर्ड- 665
मिथ्या छाप- 64


ऐसे पहचाने असली और नकली मिठाई में फर्क
- मावा को हाथ में लेकर रगडऩे से अगर दूध की गंध नही आती और घी नही निकलता है तो यह नकली है।
- कलरफुल मिठाई को हथेली पर रगडऩे से कलर छोड़ दे तो उसमें कलर मानक से अधिक है।
- गोली बनाने पर मिलावटी मावा फटने लगता है।
- बता दें कि शुद्ध मावा एकदम चिकना होता है।
- पीला आयोडिन टिंचर मिलाने पर मावे का कलर पीले की जगह काला हो जाए तो यह नकली है।
- केसर वाली मिठाई को पानी में डालने से यह कलर छोडऩे लगे तो समझो केसर असली है।
- मिठाई पर लगे वरक को जलाने पर वह ग्रे कलर का जले हुए कागज जैसा लगे तो समझो वह नकली है।
मिलावटी मिठाई से होता है नुकसान
- उल्टी, दस्त, अपच, आतों में सूजन या घाव, स्किन में दाने या चकत्ते, सांस से जुड़ी समस्या, किडनी या लीवर फेल्योर
कहां करें शिकायत, कितनी है शिकायत
अगर किसी दुकान पर बिक रही मिठाई नकली या मिलावटी समझ आती है तो आप एफएसएसएआई (फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथारिटी आफ इंडिया) के ऐप पर जाकर ऑनलाइन टोल फ्री नंबर 1800112100 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। फूड सेफ्टी कनेक्ट ऐप पर भी लिखित शिकायत दर्ज करा सकते हैं। मिलावटी मिठाई पाए जाने पर दस लाख तक जुर्माना व दस साल तक की सजा का प्रावधान है।
हमारी ओर से लगातार अभियान चलाया जा रहा है। अधिक रंगीन मिठाईयों का नमूना लेकर जांच के लिए भेजा गया है। कई जगह खोए की बनी मिठाईयों को भी नष्ट कराया गया है। लोगों से अपील है कि अधिक कलर फुल और केमिकल जैसी महक वाली मिठाईयों से बचने की कोशिश करें। मिठाई हमेशा ताजी और विश्वसनीय प्रतिष्ठान से ही खरीदें।
सुशील कुमार, खाद्य सुरक्षा आयुक्त द्वितीय प्रयागराज

Posted By: Inextlive