सिविल लाइंस चौराहे के चारों तरफ फुटपाथ पर है कब्जा स्मार्ट सिटी के तहत चौड़ी की गई रोड के किनारे बने हैं फुटपाथ सिविल लाइंस हनुमान मंदिर के पीछे चौराहे से लेकर आयकर विभाग की बाउंड्री से सटकर बनाए गए फुटपाथ पर जबरदस्त कब्जा है. फुटपाथ पर कब्जा करने वाले दुकानदार इतने दबंग हैं कि उन्हे किसी का डर नहीं है. बेखौफ यह दुकानदार यहां सिर्फ फुटपाथ ही नहीं यात्री तक पर कब्जा कर रखे हैं. फुटपाथ पर इन दुकानदारों द्वारा किए गए कब्जे से हजारों यात्री हर रोज परेशान होते हैं. डिवाइडर व फुटपाथ के बीच बची सिंगल लेन की रोड पर इन दुकानदारों के ग्राहकों की गाडिय़ां खड़ी हो जाती हैं. बची खुची जगह में प्रतापगढ़ जाने वाली प्राइवेट बसें कब्जा कर लेती हैं. इस स्थिति में यहां गाड़ी से तो दूर पैदल भी चलना यात्रियों के लिए मुश्किल हो जाता है. यह स्थिति यहां चंद मिनटों व घंटों के लिए नहीं होती. सुबह आठ बजे से रात 11 बजे तक आम यात्री यहां जाम की इस समस्या से जूझते रहते हैं. यही स्थिति मिश्रा भवन चौराहे से सिविल लाइंस जाने वाली रोड के फुटपाथ का भी है.

प्रयागराज ब्यूरो । हनुमान मंदिर के पीछे सिविल लाइंस एक चौराहा है। इस चौराहे से एक रोड पत्रिका, म्योहाल, तेलियगंज गोविंदपुर मोड़ चौराहा होते हुए प्रतापगढ़ सहित लखनऊ तक जाती है। मंदिर के पीछे ठीक म्योहाल की तरफ जाने वाली रोड पर चौराहे से लेकर टर्निंग प्वाइंट के आगे तक प्राइवेट बसों का कब्जा रहता है। टर्निंग पर यात्रियों के लिए बनाए गए यात्री शेट से लेकर फुटपाथ तक पर दुकानदार काबिज है। आयकर विभाग की बाउंड्री से सटे हुए फुटपाथ पर टर्निंग प्वाइंट से लेकर काफी दूर तक कब्जा है। इस चौराहे और फुटपाथ पर कब्जा होने की वजह से पैदल तक यात्री बमुश्किल चल पाते हैं। जबकि फुटपाथ को सरकार के द्वारा पैदल यात्रियों को चलने के लिए बनवाया गया था। महा कुंभ मेला के द्वारा स्मार्ट सिटी योजना के तहत बनाए गए इस फुटपाथ पर किए गए कब्जे व यात्रियों की परेशानी पर कोई ध्यान नहीं दे रहा। फिर वह लोकल पुलिस हो या नगर निगम अथवां जिला प्रशासन के लोग। कोई भी आम यात्रियों के इस फुटपाथ पर से कब्जे को हटवाना उचित नहीं समझ रहा। जिससे प्रति दिन हजारों यात्री इन चंद दुकानदारों की वजह से परेशान हैं।

पब्लिक कोट
दुकानदार बेशक व्यापार करें इससे किसी को कोई दिक्कत नहीं है। दिक्कत इस बात से है कि वह फुटपाथ और रोड पर अतिक्रमण किए हुए हैं। इससे आम यात्रियों को आने जाने में दिक्कत होती है। यह कंडीशन सिर्फ सिविल लाइंस में ही नहीं है। धूमनगंज इलाके के भी हर रोड व चौराहे पर यही कंडीशन है। अधिकारियों को चाहिए कि वह यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए फुटपाथ को खाली कराएं।
आरएस शुक्ला, मुण्डेरा धूमनगंज

बिल्कुल सही बात है, फुटपाथ पर शहर के अंदर जगह-जगह कब्जा है। इससे पैदल ही नहीं, कार व बाइक चालकों को भी परेशानी होती है। बाल सिविल लाइंस की करें तो यहां की स्थिति काफी बदतर है। हर तरफ फुटपाथ पर दुकानदार और रोड पर उनके ग्राहकों की गाडिय़ों का कब्जा रहता है। सड़कें चौड़ी करके जिस मंशा के साथ फुटपाथ बनया गया था, शासन की वजह मंशा यहां धूल धूसरित हो गई है।
संजय सिंह, सिविल लाइंस

सरकार जब पैदल चलने वालों के फुटपाथ का निर्माण कराया तो सकी सुरक्षा का भी प्रबंध होना चाहिए। सिविल लाइंस जैसे एरिया में फुटपाथ पर से कब्जा बेशक हटना चाहिए। क्योंकि इससे आम लोगों को आने व जाने में परेशानी हो रही है। परेशान हो रहे यात्रियों में महिलाएं, बुजुर्ग व बच्चे भी शामिल हैं। व्यवस्था पूरी तरह से यहां अव्यवस्था में कनवर्ट हो गई है।
राजू, हंडिया

सरकार को चाहिए कि वेंडिंग जोन निर्धारित करके इन दुकानदारों को वहां भेज दे। ताकि इनकी भी रोजी रोटी चलती रहे और यात्रियों को परेशानी भी नहीं हो। फुटपाथ पर कब्जे से यात्रियों को हो रही परेशानी दुकानदारों की मनमानी का नतीजा नहीं है। सड़क हो या फिर उसका फुटपाथ कब्जा कहीं नहीं होना चाहिए।
लालबाबू, चकिया

जानबूझ कर अनजान बने हैं अफसर
सिविल लाइंस में फुटपाथ पर कब्जे से परेशान यात्री नगर निगम और पुलिस विभाग के अफसरों पर सवाल खड़े कर रहे हैं
लोगों का कहना है कि सिविल लाइंस पर फुटपाथ पर किए गए कब्जे से ऐसा नहीं नगर निगम या पुलिस के अफसर अनजान है
सब कुछ सभी अफसर जानते, समझते और देखते हैं, फिर भी वह कानों में रुई व आंखों में पट्टी बांधकर बैठे हुए हैं
अफसरों के कार्रवाई नहीं करने और साइलेंट बैठे रहने से एक बात साबित है कि फुटपाथ पर कब्जा करने की वह दुकानदारों को मौन स्वीकृति दे रखे है।
यही कारण है कि फुटपाथ पर कब्जा करके चंद दुकानदार हजारों पैदल यात्रियों के लिए मुसीबत बने हुए हैं

Posted By: Inextlive