साहब देखते सब हैं तो कुछ करते क्यों नहीं
प्रयागराज ब्यूरो । हनुमान मंदिर के पीछे सिविल लाइंस एक चौराहा है। इस चौराहे से एक रोड पत्रिका, म्योहाल, तेलियगंज गोविंदपुर मोड़ चौराहा होते हुए प्रतापगढ़ सहित लखनऊ तक जाती है। मंदिर के पीछे ठीक म्योहाल की तरफ जाने वाली रोड पर चौराहे से लेकर टर्निंग प्वाइंट के आगे तक प्राइवेट बसों का कब्जा रहता है। टर्निंग पर यात्रियों के लिए बनाए गए यात्री शेट से लेकर फुटपाथ तक पर दुकानदार काबिज है। आयकर विभाग की बाउंड्री से सटे हुए फुटपाथ पर टर्निंग प्वाइंट से लेकर काफी दूर तक कब्जा है। इस चौराहे और फुटपाथ पर कब्जा होने की वजह से पैदल तक यात्री बमुश्किल चल पाते हैं। जबकि फुटपाथ को सरकार के द्वारा पैदल यात्रियों को चलने के लिए बनवाया गया था। महा कुंभ मेला के द्वारा स्मार्ट सिटी योजना के तहत बनाए गए इस फुटपाथ पर किए गए कब्जे व यात्रियों की परेशानी पर कोई ध्यान नहीं दे रहा। फिर वह लोकल पुलिस हो या नगर निगम अथवां जिला प्रशासन के लोग। कोई भी आम यात्रियों के इस फुटपाथ पर से कब्जे को हटवाना उचित नहीं समझ रहा। जिससे प्रति दिन हजारों यात्री इन चंद दुकानदारों की वजह से परेशान हैं।
पब्लिक कोट
दुकानदार बेशक व्यापार करें इससे किसी को कोई दिक्कत नहीं है। दिक्कत इस बात से है कि वह फुटपाथ और रोड पर अतिक्रमण किए हुए हैं। इससे आम यात्रियों को आने जाने में दिक्कत होती है। यह कंडीशन सिर्फ सिविल लाइंस में ही नहीं है। धूमनगंज इलाके के भी हर रोड व चौराहे पर यही कंडीशन है। अधिकारियों को चाहिए कि वह यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए फुटपाथ को खाली कराएं।
आरएस शुक्ला, मुण्डेरा धूमनगंज
संजय सिंह, सिविल लाइंस
सरकार जब पैदल चलने वालों के फुटपाथ का निर्माण कराया तो सकी सुरक्षा का भी प्रबंध होना चाहिए। सिविल लाइंस जैसे एरिया में फुटपाथ पर से कब्जा बेशक हटना चाहिए। क्योंकि इससे आम लोगों को आने व जाने में परेशानी हो रही है। परेशान हो रहे यात्रियों में महिलाएं, बुजुर्ग व बच्चे भी शामिल हैं। व्यवस्था पूरी तरह से यहां अव्यवस्था में कनवर्ट हो गई है।
राजू, हंडिया
लालबाबू, चकिया जानबूझ कर अनजान बने हैं अफसर
सिविल लाइंस में फुटपाथ पर कब्जे से परेशान यात्री नगर निगम और पुलिस विभाग के अफसरों पर सवाल खड़े कर रहे हैं
लोगों का कहना है कि सिविल लाइंस पर फुटपाथ पर किए गए कब्जे से ऐसा नहीं नगर निगम या पुलिस के अफसर अनजान है
सब कुछ सभी अफसर जानते, समझते और देखते हैं, फिर भी वह कानों में रुई व आंखों में पट्टी बांधकर बैठे हुए हैं
अफसरों के कार्रवाई नहीं करने और साइलेंट बैठे रहने से एक बात साबित है कि फुटपाथ पर कब्जा करने की वह दुकानदारों को मौन स्वीकृति दे रखे है।
यही कारण है कि फुटपाथ पर कब्जा करके चंद दुकानदार हजारों पैदल यात्रियों के लिए मुसीबत बने हुए हैं