करीब महीने भर से विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारी में जुटे अफसरों की नींद हराम हो गई थी. रविवार को मतदान के बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली. दूसरे दिन सभी थकावट उतारने में जुटे रहे. इसका असर सरकारी दफ्तरों में देखने को मिला. विकास भवन से लेकर एसएसपी ऑफिस पर भी सन्नाटा पसरा रहा. अफसरों की इस हालत का अंदाजा जैसे लोगों को पहले से ही था. शायद यही वजह रही कि शिकायत करने वाले अफसरों से दूरी बनाए रहे.

प्रयागराज (ब्यूरो)। जिले में रविवार को विधान सभा चुनाव का मतदान था। मतदान की तैयारी में प्रशासनिक मशीनरी महीनों पहले से जुटी थी। दिन रात बैठकें और बूथों के निरीक्षण आदि में सभी काफी व्यस्त रहे। शनिवार को पोलिंग पार्टियों की रवानगी का दिन था। पोलिंग पार्टियों की तैयारी से लेकर रवानगी तक में भी अफसर और कर्मचारी दिन रात एक कर दिए। किसी को भी न तो नींद की चिंता थी और न ही भूख की। फिक्र रही तो बस सकुशल चुनाव सम्पन्न कराने की।

रविवार को मतदान के दिन इनकी यह मेहनत रंग लाई। जिले में शांति पूर्ण मतदान सम्पन्न हुआ। मतदान बाद देर रात तक मुण्डेरा मंडी में ईवीएम जमा कराई गईं। इस बीच अधिकारी और कर्मचारी ईवीएम की सुरक्षा को लेकर नजरें गढ़ाए रहे। देर रात तक सारे अधिकारी लगते रहे। दूसरे दिन सोमवार को सुबह हुई तो इन कर्मचारियों व अफसरों पर यह थकान भारी पड़ गई।

सभी थकावट को दूर और नींद पूरी करने में लगे रहे। यही वजह रही सुबह वह पूर्व की भांति सोमवार को दफ्तर नहीं पहुंच सके। विकास भवन और एसएसपी ऑफिसर में भी सन्नाटे की स्थिति रही। एसएसपी ऑफिस में पब्लिक की फरियाद सुनने के लिए सीओ क्राइम लगाए गए थे।

उनके सामने महज बीस लोग ही शिकायत लेकर पहुंचे। इसके बाद उनके दफ्तर में सन्नाटा पसर गया। मानों फरियादियों ने पुलिस के जवानों और अफसरों को आराम करने का वक्त दे दिया हो।

विकास भवन में स्थिति थोड़ी हट कर नही। ग्राउंड फ्लोर पर सीओ कार्यालय में सन्नाटे की स्थिति रही। सुरक्षा में रहे जवानों से पूछने पर पता चला कि सभी आराम कर रहे हैं। फस्ट फ्लोर पर डीपीआरओ कार्यालय है। डीपीआरओ तो दफ्तर नहीं पहुंचे थे, लेकिन उनके दो कर्मचारी विभागीय रजिस्टर में उलझे हुए नजर आए। इसी तरह निशक्तजन कार्यालय दो कर्मचारी काम करते हुए दिखाई दिए। जबकि अफसर यहां भी नहीं रहे। कमोवेश यही स्थिति पूरे विकास भवन और कलक्ट्रेट की रही।

Posted By: Inextlive