बेली में सन्नाटा, काल्विन में लम्बी कतार
फैक्ट फाइल
8 स्टाफ प्रत्येक कोविड वार्ड में है तैनात 8 - 8 घंटे की शिफ्ट में कोविड वार्ड में लगी है स्टाफ की ड्यूटी 4 वार्ड में लगी है पूरे स्टाफ की ड्यूटी (आईसीयू वार्ड इसमें शामिल है) 32 स्टाफ एक शिफ्ट में दे रहे है ड्यूटी 3 शिफ्ट में लगी है स्टाफ की ड्यूटी 2500 के करीब आम दिनों में होती है बेली ओपीडी में मरीजों की भीड़ -------------------- - बेली में ओपीडी बंद होने से दूसरे हॉस्पिटल पर बढ़ गया प्रेसर - काल्विन समेत अन्य हॉस्पिटल में मरीजों के इलाज के लिए घंटो लाइन में लगे रहे तीमारदार prayagraj@inext.co.inPRAYAGRAJ: कोरोना का केस बढ़ने पर तेज बहादुर सप्रू हॉस्पिटल यानी बेली अस्पताल को कोविड पेशेंट के लिए आरक्षित किया गया था, रविवार से हॉस्पिटल में कोरोना पेशेंट एडमिट करना शुरू भी हो चुका है, वहीं बेली अस्पताल के सामान्य रोगों से पीडि़त पेशेंट को काल्विन में पिछले दिनों शिफ्ट भी किया गया था। सोमवार को दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की ओर से जायजा लिया गया तो जहां एक तरफ बेली अस्पताल में सन्नाटा पसरा रहा वहीं दूसरी ओर काल्विन हॉस्पिटल में मरीजों के तीमारदारों की लम्बी कतार देखी गई। जो कोविड के अलावा अन्य इलाज के लिए आये हुए थे।
बेली में करीब 2500 की है हर दिन ओपीडी कोविड से पहले हॉस्पिटल के आंकड़ों की माने तो आम दिनों में प्रत्येक दिन बेली हॉस्पिटल की ओपीडी में करीब 2500 मरीज पहुंचते थे, लेकिन कोविड वार्ड बनने के बाद सभी प्रकार की ओपीडी पर ताला लग गया। ऐसे में अगर कोई पेसेंट गलती से यहां पहुंच जाएं तो यहां पर हर तरफ बंद दरवाजे ही दिखते हैं। पर्चा काउंटर पर भी ताला बेली हॉस्पिटल में विभिन्न प्रकार के रोगों के लिए अलग-अलग ओपीडी संचालित होती है। लेकिन कोविड के कारण यहां पर सभी ओपीडी बंद हो गई है। हमेशा मरीजों से भरे रहने वाले हॉस्पिटल में चंद कर्मचारियों के अलावा कोई दिखने वाला नही है। जबकि ओपीडी बंद होने के कारण पर्चा बनाने वाले काउंटर्स पर भी ताला जड़ा है। हालांकि कुछ मरीज दवा काउंटर पर दवा लेने जरूर पहुंचे दिखे। वैक्सीनेशन काउंटर पर दिखी भीड़कोरोना महामारी के कारण जहां एक तरफ पूरे बेली हॉस्पिटल में सन्नाटा पसरा रहा। वहीं हॉस्पिटल के दूसरे हिस्से में कोविड 19 का टीकाकरण पहुंचाने के लिए लोगों में पूरा उत्साह दिखा। 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण की शुरुआत के बाद से ही वहां पर लोगों की भीड़ बढ़ने लगी। हर कोई अपनी पारी का इंतजार करता दिखा।
कोविड वार्ड में 3 ग्रुप में डाक्टर्स की लगी है ड्यूटी - कोरोना महामारी के अचानक से बढ़ने के बाद बेली हॉस्पिटल में आईसीयू समेत कुल चार कोविड वार्ड बनाएं गए है। - जहां पर डाक्टर्स की ड्यूटी 3 के ग्रुप में लगी है। ऐसे में एक वार्ड में कुल डाक्टर समेत कुल 6 स्टाफ तैनात किए गए है। - जिनकी प्रत्येक 8 घंटे की शिफ्ट निर्धारित की गई है। इसमें डाक्टर से लेकर स्टाफ नर्स, वार्ड ब्वाय, स्वीपर शामिल है। - यानी एक शिफ्ट में कुल 32 स्टाफ को तैनात किया गया है। वहीं इन वार्ड में ड्यूटी करने वाले स्टाफ को ड्यूटी के बाद इस बार सीधे घर भेजने की व्यवस्था है। - जबकि पिछली बार उन्हें रहने के लिए अलग से स्थान मुहैया कराया गया था। हालांकि अधिकारियों ने बताया कि क्योकि सभी स्टाफ को पहले ही वैक्सीन लगाई जा चुकी है। इसलिए पुरानी व्यवस्था को खत्म किया गया है। कोविड पेसेंट के लिए जारी है यहां पर पैथालॉजीबेली हॉस्पिटल में पैथालॉजी को लगातार खोला गया है। लेकिन ये सुविधा कोविड वार्ड बनने के कारण सिर्फ कोरोना महामारी से पीडि़त मरीजों के लिए ही है। इसमें एमआरआई, सीटी स्कैन, पैथालॉजी सभी शामिल किए है।
बेली से मरीजों को भी कर दिया शिफ्ट बेली हॉस्पिटल में कोविड वार्ड बनाए जाने के साथ ही वहां के वार्ड में भर्ती मरीजों को भी शिफ्ट कर दिया गया। जो मरीज डिस्चार्ज होने लायक थे, उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। जबकि गंभीर रोगियों को काल्विन में शिफ्ट किया गया है। ऐसे में काल्विन में प्रेसर काफी बढा हुआ है। - कोविड वार्ड बनने के बाद डिस्चार्ज की स्थिति वाले मरीजों को उनके घर भेज दिया गया। जबकि गंभीर रोगियों को काल्विन में शिफ्ट करा दिया गया है। डॉ। एम के अखोरी अधीक्षक, बेली हॉस्पिटल